ऐसे  ‘कपूतों’ से भगवान बचाएं ! कलयुगी बेटों ने सम्पत्ति हड़पकर 92 वर्षीय मां को घर से निकाला, अंगूठा लगवाकर अपने नाम कर ली सारी संपत्ति

रतलाम में 92 वर्षीय एक वृद्धा ने अपने बेटों और बहुओं पर उनकी सारी संपत्ति और आभूषण छीनकर घर से बाहर निकालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कलेक्टर से कलयुगी बेटों और बहुओं रे विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।

ऐसे  ‘कपूतों’ से भगवान बचाएं ! कलयुगी बेटों ने सम्पत्ति हड़पकर 92 वर्षीय मां को घर से निकाला, अंगूठा लगवाकर अपने नाम कर ली सारी संपत्ति
बेटों और बहुओं द्वारा संपत्ति हड़पकर घर से निकालने की शिकायत करती 92 वर्षीय रतनबाई पाटीदार।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । एक मां जिसके पास कुछ साल पहले तक दो बेटे, बहुएं, पोते और करोड़ों की सम्पत्ति थी, वह आज 92 साल की उम्र में दो वक्त की रोटी, पानी और देखभाल के लिए दर--दर भटकने को मजबूर हैं। अपने ही बेटे-बहुओं ने अंगूठा लगवा कर सारी सम्पत्ति बिना बताए बेंच दी। इतना ही नहीं विवाद कर वृद्धा का घर से भी निकाल दिया। उम्र के इस पड़ाव में सम्पन्न बेटों के घर और जीवन में बूढ़ी मां के लिए दो कौड़ी भी नहीं हैं।

ये क्रूर हकीकत है 92 वर्षीय रतनबाई पति बद्रीलाल पाटीदार निवासी धानमंडी की। वर्तमान में वे ऊंकाला रोड पर रह रही हैं। वे मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर के नाम पत्र लेकर पहुंचीं। वृद्धा ने बताया कि पति बद्रीलाल पाटीदार और उसके पास धानमंडी और अन्य स्थान पर मकान, दुकान थी जिसकी कीमत करोड़ों में थी। वे सबसे छोटे बेटे हरीश पाटीदार के साथ रहती थीं। बड़े बेटे नरेंद्र पाटीदार (70), बहू पुष्पा निवासी समता परिसर और नारायण (55) और बहू ललिता (50) धानमंडी में रहते हैं। नरेंद्र, पुष्पा, नारायण और ललीता ने मिलकर रतनबाई को बिना जानकारी दिए उनका अंगूठा दस्तावेजों में लगवाकर उनकी सारी सम्पत्ति अपने नाम करवा ली और उसे दूसरों को बेंच दिया।

20 लाख रुपए थे आभूषण, बुढ़ापे पर भारी बीमारी

रतनबाई के अनुसार उनके पास लगभग 20 लाख रुपए की सोने के आभूषण भी थे। ये भी दोनों बेटों ने रख लिए। उन्हें न तो सम्पत्ति से कुछ दिया और न ही आभूषणों में से ही कुछ दिया। इतना ही नहीं, बेटों ने संपत्ति हथियाने के बाद उनका ध्यान रखना, भरण-पोषणा करना आदि सबकुछ बंद कर दिया। रतनबाई ने बताया कि वे 92 साल की हैं। बुढ़ापे और परिवार से मिले तिरस्कार के कारण काफी बीमार रहने लगी हैं। वे रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पाती हैं।

बेटे-बहुओं पर कार्रवाई के लिए लगाई गुहार

रतनबाई का आरोप है कि बेटों ने सारी सम्पत्ति छीन ली, लेकिन खाने-पीने का इंतजाम या देख-रेख नहीं करते हैं। मजबूरी में वे अपने पोते आशीष पाटीदार के साथ रह रही हैं। वहां भी रुपए नहीं होने से इलाज नहीं हो पाने सहित अन्य दिक्कतें हैं। उन्होंने प्रशासन से सम्पन्न होने के बावजूद बुढ़ापे में उनसे सबकुछ छीनकर भी देख-रेख नहीं करने वाले बेटे व बहुओं के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।