हत्यारे पति को सजा : प्रेम विवाह करने के बाद पत्नी की हत्या करने वाले युवक को आजीवन कारावास, 5000 रुपए अर्थदण्ड भी, सास और जेठ दोषमुक्त

रतलाम जिला न्यायालय ने एक युवक को पत्नी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

हत्यारे पति को सजा : प्रेम विवाह करने के बाद पत्नी की हत्या करने वाले युवक को आजीवन कारावास, 5000 रुपए अर्थदण्ड भी, सास और जेठ दोषमुक्त
हत्यारे पति को सजा।

नवंबर 2018 में मारपीट करने के बाद हो गई थी युवती की मौत, परिजन ने लगाया था दहेज प्रताड़ना का आरोप

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम के पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने प्रेम विवाह कर पत्नी की हत्या करने वाले एक युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी किया गया है। मामले में मृतक की सास और जेठ को दोष मुक्त कर दिया है। मृतका के परिजन ने आरोपी पति, सास और जेठ पर दहेज प्रताड़ना का आरोप भी लगाया था।

जिला अभियोजन अधिकारी जिला रतलाम गोविन्द प्रसाद घाटिया ने बताया कि आशा पति गोपाल टांक निवासी रेलवे सैलाना यार्ड 733सी रतलाम ने सूचना दी थी कि उसके दो लडके हैं। छोटे लड़के अभियुक्त विकास ने नाथद्वारा राजस्थान की ईशा उर्फ ऐश्वर्य को भगाकर कोर्ट में शादी की थी। विकास व ईशा भवानी बिल्डिंग रेलवे क्वार्टर सैलाना यार्ड में निवास करते थे। दोनों के मध्य वाद-विवाद एवं मारपीट होती थी। 17 नवंबर 2018 को विकास ने ईशा से मारपीट की जिससे वह बेहोश हो गई। आशाबाई को दो लड़के बुलाने के लिए आए। वह घर पहुंची तो उसने देखा कि विकास की पत्नी ईशा कमरे में जमीन पर अचेत पड़ी है और उसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान हैं। घटना के बाद विकास घर से भाग गया था। आशा ने ऑटो रिक्शा से ईशा को सरकारी अस्पताल रतलाम लेकर पहुंची जहां चिकित्सक ने चैकअप कर ईशा को इंदौर के लिए रैफर कर दिया। आशाबाई की सूचना पर से दिनांक 18 नवंबर 2018 को जीआरपी थाने में धारा 498, 323, भादंस के अधीन अभियुक्त विकास के रुपए केस दर्ज किया था।

परिजन ने 1 लाख रुपए दहेज मांगने का लगाया था आरोप

पुलिस ने मामले की विवेचना की। इस दौरान विवेचना के दौरान मृतका के पिता बाबूलाल, मौसा प्रमीण, नानी गुडडीबाई, मां नीतू देवी के कथन लिए गए। उन्होंने अपने मृतका की सास आशाबाई एवं देवर अनिल पर दहेज में 1 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि दहेज की मांग के लिए वे विकास को भड़काते थे। वे और विकास ऐश्वर्या से मारपीट कराता था। उन्होंने कहा कि 16 व 17 नवंबर 2018 की रात भी विकास टांक ने ऐश्वर्या के साथ बुरी तरह से मारपीट की थी। इससे ऐश्वर्या बेहोश हो गई थी। तब इसकी सूचना आशाबाई ने पुलिस को नहीं दी थी और उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया था। ऐश्वर्या को इंदौर रैफर किए जाने पर उसे एम. वाय. हॉस्पिटल इंदौर से रैफर करवाकर मेडिस्कॉर अस्पताल इंदौर ले गए। वहां झूठ लिखवा दिया कि ऐश्वर्या सीढ़ियों से गिर गई थी जिससे कोमा में चली गई है। 23 नवंबर 2018 को मेडिस्कॉर अस्पताल में उपचार के दौरान एश्वर्या की मृत्यु हो गई थी।

दहेज प्रताड़ना, हत्या की धाराएं बढ़ाई  

मृतका के परिजन के बयानों के आधार पर ऐश्वर्या उर्फ ईशा के साथ पति विकास, उसके भाई अनिल एवं मां आशाबाई द्वारा देहज के लिए प्रताड़ित करने, विकास द्वारा ऐश्वर्या की हत्या करने और साक्ष्य विलोपित किए जाने को लेकर धारा 133/202, 201, 302/34, 498क भादंवि का ईजाफा किया गया। साथ ही अभियुक्त विकास, अनिल व आशा को गिरफ्तार कर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।

12 लोगों की गवाही और डॉक्टरों के बयान पर हुई सजा

प्रकरण में विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से 12 साक्षियों का परीक्षण कराया गया। 17 नवंबर 2018 को जिला चिकित्सालय रतलाम में मृतका ईशा का प्रारंभिक परीक्षण करने वाले डॉक्टर और 23 नवंबर 2018 को जिला चिकित्सालय इंदौर में पीएम करने वाले डॉक्टर ने मृतका के शरीर पर कई चोटें पायीं। डॉक्टर ने मृत्यु का कारण सिर पर आयी चोटें व इससे ह़दय व श्वसन गति रुकना बताया। न्यायालय ने अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी, मौखिक साक्ष्य एवं वैज्ञानिक साक्ष्य से अभियुक्त विकास दोषी पाते हुए दंडित किया। वहीं आरोपी आशाबाई पति स्व. गोपाल टांक (50) एवं अनिल पिता स्व. गोपाल टांक (28) निवासी 1611-ई भवानी बिल्डिंग रेलवे कॉलोनी रतलाम को दोषमुक्त कर दिया। प्रकरण में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने पैरवी की।