प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल, सिर्फ दो माह में बदल दी बच्चों व अभिभावकों की धारणा

सरकारी स्कूल होते हुए भी सीएम राइज स्कूलों ने बेहतर शुरूआत की है। रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है। यहां का स्टाफ इसके लिए कटिबद्ध है और विद्यार्थियों की बेहतरी के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है।

प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल, सिर्फ दो माह में बदल दी बच्चों व अभिभावकों की धारणा
प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल, सिर्फ दो माह में बदल दी बच्चों व अभिभावकों की धारणा
प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा रतलाम का विनोबा सीएम राइज स्कूल, सिर्फ दो माह में बदल दी बच्चों व अभिभावकों की धारणा

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिलाने की जब भी बात होती है तो लोग प्राइवेट स्कूल को प्राथमिकता देते हैं। इसकी वजह वहां के भौतिक संसाधन और पढ़ाई का स्तर है। बदले दौर में यह धारणा भी अब बदना शुरू हो गई है। अब सरकारी स्कूल भी प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। भौतिक संसाधन बेशक प्राइवेट जैसे न हों लेकिन पढ़ाई के स्तर के मामले में जिले के कई सरकारी स्कूल प्राइवेट को भी मात दे रहे हैं, खासकर हाल ही में सीएम राइज स्कूल बन कर उभरे शासकीय शिक्षण संस्थान।

शासकीय स्कूल में प्राइवेट स्कूलों जैसी पढ़ाई की कल्पना कुछ वर्षों तक कोरी कल्पना साबित होती थी लेकिन अब शिक्षक इस पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। रतलाम का उत्कृष्ट विद्यालय जो कभी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 के नाम से जाना जाता था, अब अपनी पढ़ाई के लिए जाना जाता है। इसी तरह सीएम राइस स्कूल में तब्दील हुआ आंबेडकर नगर स्थित विनोबा प्राथमिक, माध्यमिक एवं हायर सेकंडरी स्कूल भी महज डेढ़-दो महीने में ही विद्यार्थियों और अभिभावकों की धारणा बदलने में सफल रहा है। इसका श्रेय यहां के शिक्षकों और मार्गदर्शकों को जाता है।

ख्यात स्कूलों के बच्चों ने लिया सरकारी स्कूल में प्रवेश

यहां पढ़ाई के आधुनिक तरीकों के साथ ही 19 शिक्षक और 4 हाऊस कीपर स्टाफ के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं जो अपना अधिकतम देने का प्रयास कर रहे हैं। स्कूल स्टाफ ने यहां अपने बूते पर कक्षा नौवीं से इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई भी शुरू कर दी है। स्थान सीमित है इसलिए स्टाफ ने अपनी सूझ-बूझ से उपलब्ध जगह में ही पार्टीशन कर अतिरिक्त कक्षा और लाइब्रेरी की व्यवस्था कर दी। खास बात यह है कि इस स्कूल में रतलाम शहर के ख्यात स्कूलों (साईं श्री एकेडमी और रतलाम पब्लिक स्कूल जैसे) के बच्चों ने यहां प्रवेश लिया है। इतना ही नहीं, जिला पंचायत की सहायक कार्यपालन यंत्री विनीता लोढ़ा सहित कई अधिकारी अपने बच्चों को यहां प्रवेश दिलाने को लेकर उत्साहित हैं। वर्तमान में यहां प्राथमिक के 114, माध्यमिक के 145, हाईस्कूल /  हायर सेकेण्डरी के 241 विद्यार्थी अध्ययनत हैं।

डेढ़ महीने की पढ़ाई में पहली के बच्चे बोर्ड पर बनाते हैं सही आकृतियां

सरकारी स्कूल के बच्चों से बोर्ड पर गणितीय आकृतियां बनाने की अपेक्षा प्रायः नहीं की जाती लेकिन विनोबा सीएम राइज स्कूल के बच्चे ऐसा कर पा रहे हैं। वे बोर्ड पर ऐसी आकृतियां सही-सही बना पा रहे हैं जो बड़े बच्चों के लिए भी मुश्किल होता है। अक्षर, शब्द और अंकों के ज्ञान का स्तर भी अन्य सरकारी स्कूलों के बच्चों की तुलना में कहीं ज्यादा है। यह संभव हुआ है मजह डेढ़ माह में शिक्षिका सरिता राजपुरोहित के अध्यापन के तरीके से। राजपुरोहित इसके लिए टीएलएम (टीचर लर्निंग मटेरियल) की मदद लेती हैं जो वे खुद तैयार करती हैं। उन्होंने ऐसी 250 से ज्यादा सामग्री तैयार कर रखी है।

करियर को फोकस करती पढ़ाई पर जोर

स्कूल प्राचार्य संध्या वोरा एवं गजेंद्र सिंह राठौर ने बताया स्कूल के सभी शिक्षक अपनी किसी न किसी विशेषता के अनुसार विद्यार्थियों को निखारने में जुटे हैं। शिक्षक इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि विद्यार्थियों की रुचि के अनुरूप उन्हें करियर संबंधी मार्गदर्शन दिया जाए और उसी के अनुसार पढ़ाई पर भी फोकस हो। संस्था के लिए समीपस्थ मथुरी में भवन निर्माण जारी है।

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