रतलाम के अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रूस पर फहराया तिरंगा, राष्ट्रगान और 7 बार सूर्य नमस्कार भी किया

रतलाम के दंपती अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रूस पर तिरंगा फहरा कर राष्ट्रगान और सूर्य नमस्कार किया। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय दंपती हैं।

रतलाम के अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रूस पर फहराया तिरंगा, राष्ट्रगान और 7 बार सूर्य नमस्कार भी किया
रतलाम के दंपती अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रूस पर तिरंगा फहराया।

भारत के पहले दंपती बनाने का हासिल किया गौरव, इससे पहले अफ्रीका महाद्वीप के माउंट किलमंजारो भी कर चुके हैं फतह 

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अगर ठान लो तो क्या कुछ नहीं हो सकता, फिर सात समुद्र पार करने हों या सातों महाद्वीप के सबसे ऊंचे शिखर फतह करने हों। रतलाम के दंपति अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रूस पर पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर यह साबित कर दिया। उन्होंने यहां राष्ट्रगान भी किया और सूर्य नमस्कार भी।

रतलाम शहर की प्रसिद्ध पर्वतारोही जोड़ी (अनुराग चौरसिया और उनकी पत्नी सोनाली परमार) विश्व के सातों महाद्वीपों के सर्वोच्च शिखर पर भारतीय तिरंगा फहराने का संकल्प लिया है। इसी के तहत उन्होंने 16 अगस्त की सुबह 5.30 बजे यूरोप महाद्वीप की सर्वोच्च चोटी माउंट एल्ब्रूस पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया। 5642 मीटर (18510 फ़ीट ) ऊंची चोटी पर ध्वज फहराने के लिए दंपती ने स्वत्रंत्रता दिवस (15 अगस्त) की रात 11 बजे -20 से -25 डिग्री तापमान में चढ़ाई शुरू की थी। और 16 अगस्त की सुबह पहुंच कर लक्ष्य हासिल कर लिया। उन्होंने ध्वज फहराने के बाद राष्ट्रगान गाया और सात बार सूर्य नमस्कार कर राष्ट्रप्रेम और सेहत का संदेश भी दिया।

15 अगस्त को ध्वज फहराने का था लक्ष्य, लेकिन...

आजादी के अमृत महोत्सव में पर्वतारोही अनुराग और सोनाली ने 15 अगस्त को माउंट एल्ब्रूस पर तिरंगा फहराने का था। इसके लिए उन्होंने अपना अभियान शुरू भी कर दिया था। वे यूरोप की सर्वोच्च चोटी माउंट एल्ब्रूस के बेस कैम्प (3900 मीटर की ऊंचाई) पर 14 अगस्त को ह पहुंच गए थे। चूंकि रात को मौसम ज्यादा खराब था इसलिए गाइड ने उन्हें चढ़ाई करने से रोक दिया। दंपती ने बेस कैंप पर ही 75 फ़ीट का भारतीय ध्वज फहराया जो कि मध्य प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार द्वारा उन्हें सौंपा गया था। इसलिए उन्होंने 15 अगस्त की रात 11 बजे चढ़ाई शुरू करना पड़ी।

सूर्य नमस्कार क्यों

रतलाम के दंपती सूर्य नमस्कार कर विश्व को यह संदेश दिया कि भारतीय परंपरा में प्रयुक्त योग सम्पूर्ण मानव जाति को स्वास्थ प्रदान करने के लिए बनाया गया है। आप भारतीय परंपरा की योग पद्धति के सूर्य नमस्कार को अपने जीवन में अपना कर प्रतिदिन सूर्य नमस्कार कर अपने सम्पूर्ण शरीर को निरोगी बना सकते है। बता दें कि अनुराग और सोनाली योग प्रशिक्षक भी हैं। अनुराग बैंक ऑफ बड़ौदा की रतलाम शाखा में कार्यरत हैं जबकि सोनाली रतलाम के ही राजस्व विभाग में पटवारी हैं।

3 साल के बेटे को माता-पिता के पास छोड़ रचा इतिहास

अनुराग चौरसिया और सोनाली परमार माउंट एल्ब्रूस पर तिरंगा फहराने वाले पहले भारतीय दंपति बन गए हैं। खास बात यह है कि वे अपने तीन वर्षीय बेटे रुद्रांजय को अपने माता-पिता के पास छोड़कर यह इतिहास रचने गए थे।

माउंट किलिमंजारों पर भी फहरा चुके हैं राष्ट्रीय ध्वज

पूर्व में अनुराग और सोनाली अफ्रीका महाद्वीप की सर्वोच्च चोटी माउंट किलिमंजारो  पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान और सूर्य नमस्कार कर कर चुके हैं। ऐसा करने वाले वे पहली भारतीय दंपती हैं। बता दें कि यह चोटी 5895 मीटर (19341 फ़ीट) ऊंची है।