धर्म और देश एक-दूसरे के पूरक, ये दोनों जरूरी हैं, इस देश में रहना है तो पृथ्वी, गाय, गंगा को मां मानें- स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वती जी

श्रीमद भागवत कथा के तीसर दिन महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वती जी ने देश और धर्म को एक-दूसरे का पूरक बताया। उन्होंने कहा जो धर्म के अनुसार आचरण नहीं करते वे इस देश में रहने लायक नहीं हैं।

धर्म और देश एक-दूसरे के पूरक, ये दोनों जरूरी हैं, इस देश में रहना है तो पृथ्वी, गाय, गंगा को मां मानें- स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वती जी
श्रीमद भागवत कथा श्रवण कराते महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वती जी।

चेतन्य काश्यप फाउंडेशन एवं श्री हरिहर सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का तीसरा दिन

रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने किया शुभारम्भ

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । इस देश में रहना है, तो धर्म को मानने वाले बनें। पृथ्वी, गाय, गंगा को मां मानने की प्रवृत्ति रखें। देश को सम्मान देने की प्रवृत्ति हो। यदि आपके अंदर यह प्रवृत्ति नहीं है, तो आप देश में रहने लायक नहीं हैं। लोग इस बात में उलझते हैं कि धर्म बड़ा या देश, लेकिन वास्तव में दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। हमारे जीवन में दोनों का होना जरूरी है।

यह उदगार महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वती जी महाराज ने व्यक्त किए। बरबड़ स्थित विधायक सभागृह में चेतन्य काश्यप फाउंडेशन एवं श्री हरिहर सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में तीसरे दिन की कथा का शुभारंभ फाउंडेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने पूजा-अर्चना कर किया। कथा में मुख्य अतिथि ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना रहे। उन्होंने स्वामी जी का अभिनंदन कर आशीर्वाद लिया। कथा के पूर्व विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों द्वारा स्वामी जी का स्वागत अभिनंदन किया गया। इस दौरान मोहनलाल भट्ट, मनोहर पोरवाल, निर्मल लुनिया, गोविंद काकानी, ताराबेन सोनी, राखी व्यास, निशा सोमानी, अनीता वसावा, अनीता कटारा सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

सोशल मीडिया पर आए मैसेज की प्रमाणिकता जरूर जांच लें

स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान में लोग भ्रम फैलाने में लगे है। इसमें सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। हम जो भी कहें हमारी कोई नहीं सुनता, क्योंकि आजकल सोशल मीडिया का चलन हो गया है। हनुमान जयंती को लेकर भी किसी ने भ्रम फैलाया कि यह जयंती नहीं, जन्मोत्सव है लेकिन शास्त्रों में इसका कोई उल्लेख नहीं है। शास्त्रों के अनुसार जयंती ही होती है, इसलिए वर्तमान समय में कोई भी मैसेज आए, तो उसकी प्रामाणिकता पता कर लेना चाहिए। सत्य वही होता है, जो शास्त्रों में है। उन्होंने कहा कि परमात्मा कोई भेद नहीं करता है। परमात्मा एक ही होता है। उसके कोई रूप नहीं है। वह आपकी प्रवृत्ति के अनुसार अवतरण लेता है। परमात्मा को जानने के लिए अध्ययन कीजिए। शास्त्रों का, पुराणों का, जैसे-जैसे जानोगे, वैसे-वैसे परमात्मा आपको समझ में आते जाएंगे।

दूसरों की भलाई सबसे बड़ा धर्म

स्वामी जी ने कहा दूसरों की भलाई से बड़ा धर्म नहीं है। धर्म की तो परिभाषा ही यही है। संसार में दूसरों के काम आने की प्रवृत्ति धर्म ही सिखाता है। मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि विधायक काश्यप के माध्यम से पूरा रतलाम धर्ममय हो रहा है। वे प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। खेल, शिक्षा, समाज और धर्म के क्षेत्र में उनके कार्य अभिनंदनीय है।

ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने कहा कि स्वामी जी के मुखारविंद से कथा श्रवण करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। विधायक काश्यप की धर्म के प्रति बड़ी आस्था है। वे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। कथा के दौरान श्रद्धालु झूम उठे।

इन्होंने किया स्वागत

कथा के तीसरे दिन स्वामी जी का स्वागत श्री दामोदर वंशीय जूना गुजराती दर्जी समाज, आरएमपी डॉक्टर एसोसिएशन, श्री कसेरा सुधा समाज, श्री महावीर स्वामी जैन फाउंडेशन, भाजपा अंबेडकर मंडल के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी, श्री जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव समिति एवं पंचेश्वर महादेव थावरिया बाजार, जीव दया समिति, प्रभु प्रेमी संघ, समन्वय परिवार, चिंतामन गणेश मंदिर समिति पैलेस रोड, तुलसी परिवार, रामजी राम भगवत कथा समिति, श्री राजपूत नवयुवक मंडल, रतलाम लॉ कॉलेज की ओर से ट्रस्टी अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप, झालानी परिवार, मानव सेवा समिति सहित विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया। 

गुरुवार को राज्यपाल गेहलोत एवं महापौर पटेल होंगे अतिथि

श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में गुरुवार को बरबड़ स्थित विधायक सभागृह में महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वतीजी महाराज की कथा में मुख्य अतिथि कर्नाटक के महामहिम राज्यपाल थावरचंद गेहलोत एवं महापौर प्रहलाद पटेल रहेंगे।