सर्व हिंदू समाज करेगा दलित परिवार की बेटियों की बारात का स्वागत, ग्रामीण बोले- हम अपने गांव की सामाजिक समरसता को नहीं आने देंगे आंच
रतलाम जिले के बरसी गांव की दलित बेटियों की बारात का स्वागत सर्व हिंदू समाज ने करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने सोशल मीडिया में जताई गई दलित परिवार की आशंका को निराधार बताते हुए गांव की सामाजिक समरसता नहीं बिगड़ने देने का भरोसा दिलाया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले की ताल तहसील के गांव बरसी की बेटियों के दूल्हे की बारात का स्वागत गांव का सर्व हिंदू समाज करेगा। ग्रामीणों ने कहा है कि- हम अपने गांव की सरमरसता पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देंगे। उन्होंने यह भरोसा दिलाते हुए बाहरी तत्वों द्वारा गांव की शांति भंग किए जाने की आशंका को लेकर एसपी के नाम ज्ञापन भी सौंपा है।
सोंधिया राजपूत बहुल गांव का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को रतलाम ग्रामीण एएसपी सुनील पाटीदार से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने एसपी के नाम का ज्ञापन सौंपा। इसमें ग्रामीणों ने बताया कि गांव के निवासी कचरूलाल पिता देवाजी मालवीय की दो बेटियों का विवाह होना है। उनकी बेटियों की बारातें 14 फरवरी को आनी हैं। मीडिया माध्यम से पता चला है कि कचरूलाल ने प्रशासन से विवाह समारोह शांतिपूर्वक संपन्न करवाने के लिए सहयोग मांगा है। इसक मद्देनजर गांव के सर्व हिंदू समाज द्वारा राम मंदिर में बैठक रखी गई। इसमें ग्रामीणों द्वारा बारातों का स्वागत करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ सर्वसम्मति से बेटियों की लग्नपत्रिका भी गांव के गणेश मंदिर में रखवाई गई हैं।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि सोशल मीडिया से ऐसी जानकारी भी मिली है कि कुछ असामाजिक एवं बाहरी तत्वों को गांव का सौहार्दपूर्ण वातावरण और ग्रामीणों का मिलजुलकर रहना रास नहीं आ रहा है। अतः वे जातिगत वैमनस्यता उत्पन्न करना चाहते हैं। इससे गांव का माहौल बिगड़ने की आशंका है। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन से इसके मद्देनजर बाहरी तत्वों के उद्देश्यों को विफल करने की गुहार भी लगाई है। एएसपी (ग्रामीण) ने सहयोग के लिए आश्वस्त किया है। ज्ञापन देने के दौरान गांव के लालाराम वोडान, प्रहलाद सिंह, कृपालसिंह डोडिया, राजेंद्रसिंह, कालूसिंह, गजेंद्रि सिंह, गंगाराम तंवर, गुमान सिंह, गोकुलिसंह, शिवरामसिंह व अन्य मौजूद रहे।
दलित परिवार ने प्रशासन से मांगी थी सहायता, दूल्हों को घोड़ी पर नहीं बैठने देने की थी आशंका
बता दें कि, कचरूलाल मालवीय द्वारा प्रशासन से सहयोग की मांग की गई है। उन्हें आशंका है कि शायद दलित परिवार से होने के कारण उच्च जाति के लोगों द्वारा गांव में उनकी बेटियों के दूल्हों को घोड़ी पर बैठकर बारात नहीं निकालने दी जाएगी। ऐसे में गांव में जातिगत गतिरोध उत्पन्न होने की आशंका बढ़ गई है। जैसे ही इस बारे में गांव के वरिष्ठों को पता लगा तो वे हरकत में आए और उन्होंने न सिर्फ कचरूलाल की आशंका को दूर करने का निर्णय लिया बल्कि उनकी बेटियों की बारात के स्वागत करने का भरोसा भी दिलाया।
राजपूत बहुल आबादी है गांव की
बताया जा रहा है कि बरसी गांव की आबादी राजपूत बहुल है। यहां 90 से अधिक घर सोंधिया राजपूत एवं अन्य राजपूत परिवार के हैं। इनके अलावा 40 से अधिक मुस्लिम धर्मावलंबियों के तथा करीब 25 घर बलाई समाज के हैं।
मिलकर करेंगे बारात का स्वागत, नहीं बिगड़ने देंगे वातावरण
गांव के सभी परिवारों में मेरा आना-जाना होता है। गांव की बिटिया की बरात का हम सभी लोग मिलकर स्वागत करेंगे। गांव में विषमता जैसी कोई बात नहीं है।
गंगाराम तंवर (राजपूत समाज के वरिष्ठ एवं पूर्व सरपंच)
बरसी गांव में हमेशा से सामाजिक समरसता कायम रही है। आगे भी हम किसी को गांव के सामाजिक सौहार्दपूर्ण वातावरण को खराब नहीं करने देंगे।
कृपाल सिंह डोडिया, (राजपूत समाज के प्रतिनिधि)
दोनों पक्षों ने कहा- गांव में किसी तरह की रोक-टोक नहीं
दोनों पक्ष मिले थे। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया में जो बात सामने आई है, वैसा कुछ नहीं हैं। किसी भी तरफ से कोई रोक-टोक नहीं है। गांव का माहौल न बिगाड़े इसके लिए दोनों पक्षों की समझाइश दी गई है। एसडीओपी को एहतियात के तौर पर सुरक्षा के इंतजाम करने के लिए निर्देशित किया है।
सुनील पाटीदार, एएसपी (ग्रामीण)