मतदान के लिए ऐसा जुनून ! सिर्फ एक घंटे में हो गया शत-प्रतिशत मतदान, जानिए- कहां हैं इतने जागरूक मतदाता क्या सोचते हैं अपने इस अधिकार के बारे में

भारत निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन द्वारा चलाई जा रहे जागरूकता अभियान का ही असर है कि लोग मतदान में बढ़-चढ़ कर रुचि ले रहे हैं। आप भी मतदान अवश्य करें और जागरूक मतदाता होने का परिचय दें।

मतदान के लिए ऐसा जुनून ! सिर्फ एक घंटे में हो गया शत-प्रतिशत मतदान, जानिए- कहां हैं इतने जागरूक मतदाता क्या सोचते हैं अपने इस अधिकार के बारे में
रतलाम के सीएम राइज विनोबा स्कूल में हुआ छद्म मतदान का आयोजन ताकि मतदाताओं को मतदान के लिए किया जा सके जागरूक।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । लोकतंत्र के महापर्व में सहभागी बनने का उत्साह..., मतदान केंद्र पर निर्वाचन रूपी महायज्ञ में आहुति देने के लिए लगी मतदाताओं की लंबी-लंबी कतार... और सभी में उन्हें मिले सबसे अहम् अधिकार का जोश देखते ही बन रहा था। पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने का मौका पाने वालों के चेहरे की खुशी माहौल में उत्साह भर रही थी। यह निर्वाचन आयोग, स्थानीय प्रशासन और प्रेरकों से मिली समझाइश और मतदाताओं की अपनी जागरूकता का ही असर था कि महज एक घंटे के भीतर ही शत-प्रतिशत मतदान हो गया।

यह नजारा था रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के रतलाम शहर विधानसभा में स्थित सीएम राइज शासकीय विनोबा स्कूल में बने पोलिंग बूथ का। बूथ की व्यवस्थाएं भी ऐसी कि वहां आने वाला हर व्यक्ति मतदान कर के जब वापस लौटे तो सुकून और अपने महत्वपूर्ण कर्त्तव्य को निभाने का सुखद अहसास हो। यहां तक खबर पढ़ने के बाद आपके जेहन में यह सवाल जरूर उठा हो कि रतलाम संसदीय क्षेत्र में अभी तो निर्वाचन है ही नहीं, तो फिर यह मतदान कैसा?

दरअसल, निर्वाचन आयोग सहित सभी स्तरों पर शत-प्रतिशत मताधिकार के प्रयोग के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए चलाए जा रहे स्वीप प्लान के तहत आयोग और जिला निर्वाचन विभाग के साथ ही विभिन्न स्तरों पर जागरूकता लाने वाली गतिविधियां की जा रही हैं। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश बाथम भी इसे लेकर काफी संजीदा हैं।

सीएम राइज विनोबा स्कूल में बना पोलिंग बूथ

इसी के मद्देनजर सीएम राइज विनोबा स्कूल की स्वीप प्लान प्रभारी मीनाक्षी अग्रवाल ने सभी विद्यार्थियों को लोकतंत्र में मतदाताओं और मतदान का महत्व समझाने के लिए छद्म मतदान गतिविधि प्लान की। विद्यालय का ध्येय वाक्य भी 'नींव की ईंट' है। यानी जैसी नींव होगी वैसी ही इमारत होगी। इसलिए उन्होंने सभी विद्यार्थियों को पहले पूरी प्रक्रिया भी समझाई। इवेंट की खास बात यह रही कि कई चुनावों में मतदान दलों में शामिल रह चुके यहां के शिक्षकों ने छद्म मतदान गतिविधि को भी वैसे ही संपन्न कराया जैसी चुनाव के दौरान वास्तविक मतदान में होता है। प्राचार्य संध्या वोरा माइक्रो ऑब्जर्वर की भूमिका में नजर आईं तो उप प्राचार्य राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में। अन्य दलों में सहयोगियों के रूप में शिक्षक मंडल के मंजुलिका खरे, प्रहलाद बैरागी, हिना शाह, भावना रावत, सुनीता पंवार, कमलेश बैरागी, हर्षिता सोलंकी, राजाराम सेकवाड़िया, अमन सिंह राठौर आदि शामिल रहे।

मतदान दल और राजनीतिक दल के अभिकर्ता भी

मतदान दल भी बनाया गया जिसमें संस्था की स्वीप प्लान प्रभारी शिक्षक मीनाक्षी अग्रवाल ने पीठासीन अधिकारी थीं। उनके सहयोगियों के रूप में कक्षा 12वीं के विद्यार्थी शामिल रहे जिनमें अनुज पिता बद्रीलाल को पी-1, अनुज सोलंकी को पी-2 तथा जीवराज को पी-3 की जिम्मेदारी निभाई। सुरक्षाकर्मी वरदीचंद कटारिया तथा रेशमा, अनिल खराड़ी, श्याम सोलंकी भी सुरक्षा सहित अन्य कार्यों में लगाए गए। मतदान दल ने मतदान के लिए प्रकोष्ठ बनाया तो विद्यार्थियों ने ईवीएम के लिए कंट्रोल यूनिट (CU) का मॉडल तैयार किया। असली मतदान केंद्र की ही तरह यहां भी बोर्ड पर लोकसभा क्षेत्र का नाम, मतदान केंद्र क्रमांक, महिला एवं पुरुष सहित कुल मतदाताओं की संख्या आदि सबकुछ प्रदर्शित किया गया था। राजनीतिक दलों के अभिकर्ता के रूप में छात्र प्रणव पंड्या, पंकज पीवल और कमलेश निनामा मौजूद रहे।

ऐसे चला मतदान, गलत मतदाता पर अभिकर्ता ने ली आपत्ति

मतदान केंद्र के बाहर छात्र और छात्राओं (मतदाता) की अलग-अलग कतारें लगाई गईं जो मतदाता पर्ची लेकर पहुंचे थे। मतदाता बने विद्यार्थी एक-एक कर अंदर दाखिल हुए। मतदानकर्मी पी-1 ने आयोग द्वारा मान्य पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि 14 पहचान-पत्र में से कोई एक) चैक कर मतदाता सूची में दर्ज होने की पुष्टि संबंधित का नाम पुकार कर की। इसके बाद पी-2 ने मतदाता की उंगली पर अमिट स्याही (सांकेतिक) लगाई और मतदाता रजिस्टर में दर्ज कर पर्ची जारी की।

पी-3 ने मतदान प्रकोष्ठ खाली होने पर बैलेट पेपर जारी किया और कंट्रोल यूनिट का बटन दबाकर मतदान के लिए आगे भेज दिया। मतदाताओं ने छद्म ईवीएम पर अपने पसंदीदा प्रत्याशी के चुनाव चिह्न के सामने का बटन दबाकर मतदान किया और खुशी-खुशी बाहर आ गए। इस दौरान एक गलत मतदाता भी पहुंचा लेकिन अभिकर्ता ने उसे पहचान लिया और आपत्ति दर्ज कराई। पीठीसीन अधिकारी मीनाक्षी अग्रवाल ने जांच और पुष्टि के बाद उसे बूथ से बाहर कर दिया। इस तरह करीब 1 घंटे के दौरान सभी 25 मतदाताओं ने मतदान किया जो 100 फीसदी रहा।

'मतदान करना बहुत आसान, बड़ों को भी करने के लिए कहेंगे'

स्वीप गतिविधि के सहभागी बने विद्यार्थियों ने उत्साह दिखाया। खासकर पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने का तरीका जानने वालों ने कहा कि मतदान करना बहुत ही आसान है। अब उन्हें अपनी उम्र 18 वर्ष होने का इंतजार है जब वे भी मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। हम अपने परिवार ही नहीं बल्कि आसपास के सभी बड़े लोगों से भी अनिवार्य रूप से मतदान करने के लिए कहेंगे। हम उन्हें बताएंगे कि हमारा वोट कितना कीमती है और हमें संविधान ने कितना बड़ा अधिकार दिया है और कितनी तकत होती है। पार्षद, विधायक और सांसद आदि हमारे वोटों से ही चुने जाते हैं। केवल एक वोट से भी सरकार बन और हट सकती है। हम बड़े होकर वोट जरूर डालेंगे।