मंडी है या मजाक ! हर तरफ गंदगी, पानी की टंकी साफ नहीं, बैठने की जगह है न खाने की, कैंटीन में जले तेल का उपयोग, कलेक्टर ने सचिव को फटकारा, बोले- फिर आऊंगा जांचने

कृषि उपज मंडी में किसान रोज समस्यों से रूबरू हो रहे हैं। कलेक्टर यहां निरीक्षण पर पहुंचे तो उन्होंने भी हर तरफ अव्यवस्थाएं पसरी मिलीं। उन्होंने मंडी सचिव को जमकर फटकार लगाई और सुधार के निर्देश दिए।

मंडी है या मजाक ! हर तरफ गंदगी, पानी की टंकी साफ नहीं, बैठने की जगह है न खाने की, कैंटीन में जले तेल का उपयोग, कलेक्टर ने सचिव को फटकारा, बोले- फिर आऊंगा जांचने
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को कृषि मंडी में मिली समस्याएं।

कृषि मंडी के औचक निरीक्षण में कलेक्टर को मिली समस्याएं तो दिए सुधार के निर्देश, बोले- अगले सप्ताह फिर आऊंगा जांचने

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सरकार अन्नदाता किसानों की आय दो गुनी करने के प्रयास और दावे कर रही हैं और यहां कृषि उपज मंडी के जिम्मेदार उन पर पलीता लगा रहे हैं। जिला मुख्यालय की कृषि मंडी में हर तरफ गंदगी का आलम है। न परिसर साफ होता है न ही पानी की टंकी। किसानों के लिए बैठने के लिए साफ जगह भी नहीं है। कैंटीन में उनके लिए बनने वाले भोजन जला हुआ तेल उपयोग हो रहा है तो प्रयोगशाला में मिट्टी के सैंपलों की जांच तक ठंग से नहीं हो रही है। उपज की ट्रॉलियां भी काफी कम खाली हो रही हैं।

कृषि मंडी में व्याप्त इन अव्यवस्थाओं को कलेक्टर राजेश बाथम ने खुद देखा। वे गुरुवार को मंडी के औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ अपर कलेक्टर राधेश्याम मंडलोई और एसडीएम संजीव केशव पांडेय भी मौजूद रहे। मंडी परिसर में चल रही गेहूं तथा चने की नीलामी का निरीक्षण करने के दौरान कलेक्टर ने किसानों से बात की और व्यापारियों से भी रूबरू हुए। वे जैसे-जैसे आगे बढ़े मंडी प्रशासन की लापरवाहियां उजागर होती गईं। किसानों ने कहा कि चारों ओर गंदगी पसरी पड़ी है, कहीं बैठकर भोजन तक नहीं कर सकते।

पानी ऐसा कि पी तक नहीं सकते

किसानों ने बताया कि पीने के पानी की परेशानी है। टंकी साफ नहीं होती, उसमें गंदा पानी भरा रहता है जिसे पी नहीं सकते। मंडी परिसर में किसानों तथा उनके साथ आए व्यक्तियों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था भी नहीं मिली। इस वर्ष नीलामी कार्य में ढिलाई बरती जा रही है। पिछले वर्ष जहां 700 के आसपास ट्रॉलियां प्रतिदिन खाली हो रही थीं वहीं इस वर्ष 300 से 400 ट्रॉलियां ही खाली हो पा रही हैं।

कैंटीन गंदी, पलंग-बिस्तर भी अस्त-व्यस्त

कलेक्टर मंडी की कैंटीन पहुंचे तो वहां भी गंदगी से सामना हुआ। यहां किसानों के लिए बनने वाले भोजन में जले हुए तेल का उपयोग होने के बारे में पता चला। उन्होंने किसानों से भोजन की गुणवत्ता को लेकर बात की लेकिन उन्होंने कोई शिकायत नहीं की। रात्रि विश्राम वाली जगह भी गंदगी पसरी थी और पलंग व बिस्तर भी अस्त-व्यस्त मिले। बनाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता का भी जायजा लिया। सहायकों को दी जा रही मजदूरी और भोजन के मीनू के बारे में भी जानकारी ली।

प्रयोगशाला में मिट्टी की जांच में भी कोताही

कलेक्टर बाथम ने मंडी परिसर स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला का भी निरीक्षण किया। प्रयोगशाला सहायक से यहां मिट्टी के नमूनों की जांच के बारे में जानकारी ली। यहां जो आंकड़े बताए गए वे कलेक्टर को रास नहीं आए। आंकड़े अपेक्षा से काफी कम मिले तो उन्होंने नाराजगी जताई।

मंडी सचिव मुनिया को लगाई फटकार

मंडी में प्रवेश करते ही गंदगी और समस्याएं सामने आने से उनका गुस्सा बढ़ता गया। उन्होंने मंडी सचिव एम. एस. मुनिया को तलब किया। वे जैसे-जैसा आगे बढ़ रहे थे और समस्याएं सामने आ रहीं थी, वैसे-वैसे उनका मंडी सचिव पर गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था। उन्होंने हर खामी को सुधारने और समस्याओं के समाधान के लिए कड़े शब्दों में हिदायत दी। कलेक्टर ने साफ कहा कि व्यवस्थाएं सुधार लें, मैं अगले सप्ताह फिर जांचने आऊंगा।

कलेक्टर ने ये दिए निर्देश

  • मंडी के सभी शेड में पीने के पानी की व्यवस्था करें। परिसर के चारों कोनों में  पीने के पानी की टंकियां रखवाएं।
  • प्रत्येक शेड्स में वेटिंग एरिया बनाया जाए और किसानों और उनके साथ आए सहयोगियों के बैठने के लिए बेंच लगाएं।
  • गर्मी की परेशानी को देखते हुए सभी शेड में पर्याप्त पंखे लगाएं।
  • मंडी परिसर में तत्काल सफाई के लिए अभियान चलाएं।
  • नीलामी कार्य में बरती जा रही ढिलाई में तत्काल रोक लगाएं और नीलामी प्रक्रिया में भी तेजी लाएं।
  • कैंटीन में किसानों के लिए भोजन बनाने में जले हुए कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल नहीं हो।
  • कैंटीन परिसर में ही किसानों के रात्रि विश्राम व्यवस्था दुरस्त हो। सफाई के साथ पलंग व बिस्तर भी व्यवस्थित हों।
  • मिट्टी प्रयोगशाला में जांचों में तेजी लाई जाए और जांचें भी ज्यादा से ज्यादा की जाएं।
  • एसडीएम यह सुनिश्चित करें कि मंडी परिसर में किसी प्रकार की चोरी अथवा नुकसानी नहीं हो। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग के समन्वय से कार्य करें। रात्रि में गश्त की उचित व्यवस्था करें।