MP में OBC आरक्षण के साथ होंगे चुनाव, सरकार के मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मप्र में निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के लिए सरकार को 7 दिन की डेडलाइन दी गई है। इधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं।

MP में OBC आरक्षण के साथ होंगे चुनाव, सरकार के मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
मप्र में निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया अहम फैसला।

एसीएन टाइम्स @ भोपाल/दिल्ली । मप्र में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव ओबीसी आरक्षण कराने के साथ कराने की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दे दी है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा। कोर्ट ने सरकार को आरक्षण करने के लिए सात दिन की डेडलाइन दी है।  इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण और निकाय चुनाव को लेकर जारी उहापोह की स्थिति समाप्त हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने गत 10 मई को ट्रिपल टेस्ट की अधूरी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव करवाने के निर्देश दिए थे। मध्य प्रदेश सरकार के नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश सरकार ने मोडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर आवेदन सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। इस पर 17 मई को सुनवाई हुई। इस दौरान लगभग दो घंटे तक सरकार की तरफ से पक्ष रखा गया। सरकार ने मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी की निकायवार जानकारी कोर्ट के सामने रखने के साथ ही सरकार ने अपना पक्ष मजबूती के साथ रखा। इसके बाद कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण देने का निर्णय दिया।।

प्रदेश में एक समान आरक्षण नहीं मिलेगा ओबीसी को- जाफर

सुप्रीम कोर्ट जाने वाले कांग्रेस नेता सैयद जाफर का कहना है कि प्रदेश में ओबीसी को एक समान आरक्षण नहीं मिल पाएगा। जनपद पंचायत अनुसार आरक्षण तय होगा। इसके अनुसार यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के जनंसख्या 30% और जनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 25% है तो ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलेगा। वहीं, यदि किसी जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग के जनंसख्या 30% और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 15% है तो ओबीसी को महज 5% ही आरक्षण मिलेगा। इसी तरह जिस जनपद पंचायत में अनुसूचित जनजाति वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या मात्र 5%-5% है और ओबीसी की जनंसख्या 40% है तो वहां ओबीसी वर्ग को 35% से अधिक आरक्षण नहीं मिल पाएगा।

राज्य निर्वाचन आयोग ने तेज की चुनाव की तैयारी

बता दें कि- सुप्रीम कोर्ट के बिना आरक्षण के चुनाव कराने आदेश के बाद बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाए थे। दोनों दलों ने बिना आरक्षण के चुनाव होने पर ओबीसी वर्ग को साधने के लिए 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी नेताओं को देने का ऐलान भी किया था। इधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने की तैयारी तेज कर दी थी। आयोग ने दोनों चुनाव जून में करा लेने की बात कही है। आयोग के अनुसार 24 मई तक चुनाव की अधिसूचना जारी होना है लेकिन पंचायतों में आरक्षण को लेकर अभी समय लग सकता है।