बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को जारी किया नोटिस, 100 % VVPAT पर्चियों की गिनती को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने मतों और वीवीपेट मशीन की पर्चियों के 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
अभी रेंडम आधार पर चयनित 5 वीवीपेट मशीनों की पर्चियों के सत्यापन का है प्रावधान
एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । देश की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। नोटिस उस याचिका पर जारी किया गया है जिसमें संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सभी मतदाता सत्यापित पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों की गिनती की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले में दोनों से जवाब मांगा है।
कांग्रेस सहित तमाम दल लंबे समय से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से होने वाले मतदान की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। इसके चलते ही ईवीएम में डाले गए मत का वीवीपेट पर्चियों से सत्यापन की व्यवस्था शुरू की गई है। वर्तमान में केवल रेंडम आधार पर चयनित सिर्फ 5 वीवीपेट की पर्चियों की ही गिनती कर ईवीएम में डले मतों से सत्यापित किया जाता है। इससे पहले सिर्फ एक वीवीपेट की पर्चियों के सत्यापन की व्यवस्था थी जिसे 8 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक लोकसभा में वीवीपैट पर्चियों के माध्यम से गुजरने वाली ईवीएम की संख्या को एक से बढ़ाकर पांच करने का आदेश दिया था।
इन्होंने दायर की याचिका
राजनीतिक दल सत्यापन की इस व्यवस्था से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनके द्वारा सभी वीवीपेट पर्चियों की गिनती की मांग की जा रही है। दरअसल, वीवीपैट एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जिससे कोई भी यह जांच सकता है कि उसका वोट सही तरीके से डला या नहीं। ऐसी ही मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव आयोग (ईसी) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। फिलहाल अगली तारीख नियत नहीं है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि 17 मई की तारीख सुनवाई के लिए तय की जा सकती है। न्यायालय में याचिकाकर्ता अग्रवाल की ओर से पैरवी वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन और वकील नेहा राठी ने की।
24 लीख VVPAT मशीनें खरीदें, सत्यापन 20 हजार का
दायर याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देश को भी चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि अगस्त 2023 के मैनुअल के दिशानिर्देश संख्या 14.7 (एच) के अनुसार VVPAT का सत्यापन क्रमिक रूप से किया जाएगा, यानी एक के बाद एक। ऐसा करने पर सत्यापन में अनावश्यक देरी होगी। परिणाम भी अनुचित निकलते हैं। वहीं यदि सभी वीवीपेट पार्चियों का एकसाथ सत्यापन किया जाए तो प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में गिनती के लिए अधिक अधिकारी तैनात करने होंगे। ऐसा करने से पूरा सत्यापन कार्य पांच से छह घंटे में पूरा हो सकता है। याचिका के अनुसार सरकार ने 24 लाख वीवीपेट मशीनें खरीदी गई हैं। इस पर तकरीबन पांच हजार करोड़ रुपए व्यय किए गए हैं। फिर भी वर्तमान में लागू व्यवस्था के तहत केवल 20 हजार वीवीपेट की पर्चियों का ही सत्यापन हो सकता है।
पहले भी दायर हो चुकी है ऐसी याचिका
इससे पूर्व एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा भी एक याचिका याचिका की गई थी। इसका जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने सभी वीवीपैट को सत्यापित करने में व्यावहारिक कठिनाइयां आने का हवाला दिया था। तब न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने एडीआर 100% वीवीपैट सत्यापन की मांग पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा था कि इससे बिना किसी महत्वपूर्ण लाभ के ईसीआई का बोझ बढ़ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरुण अग्रवाल की याचिका को भी एडीआर की याचिका के साथ टैग कर सुना गया है।
X हैंडल पर दी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी शेयर की। उन्होंने इसे राहत की बात कहा है। उन्होंने कहा है कि नोटिस एक महत्वपूर्ण पहला कदम है, लेकिन इसके सार्थक होने के लिए, चुनाव शुरू होने से पहले मामले पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
The Supreme Court has issued a notice today to the Election Commission on the issue of VVPATs.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 1, 2024
It bears constant repetition that the Election Commission has refused to meet a delegation of INDIA party leaders who have been demanding 100% VVPATs in order to increase public…
चुनाव आयोग ने नहीं दिया मिलने का समय
X पर ही एक अन्य पोस्ट में जयराम रमेश ने लिखा है कि चुनाव आयोग ने INDIA गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया है। हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्चियों के 100 % मिलान किए जाए।
VVPAT के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 1, 2024
चुनाव आयोग ने INDIA गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इंकार कर दिया है। हमारी मांग थी कि ईवीएम में जनता का विश्वास बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए VVPAT पर्चियों…