शिक्षा जगत में शोक ! खुशमिजाज शिक्षिका की बिगड़ी तबीयत, खुद ही पहुंची मेडिकल कॉलेज, इंदौर के अस्पताल में हुआ दिला का सफल ऑपरेशन लेकिन नहीं बची जान

रतलाम जिले के शिवगढ़ स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ महिला शिक्षक का इंदौर के एक निजी अस्पताल में दिल का सफल ऑपरेशन होने के बाद निधन हो गया।

शिक्षा जगत में शोक ! खुशमिजाज शिक्षिका की बिगड़ी तबीयत, खुद ही पहुंची मेडिकल कॉलेज, इंदौर के अस्पताल में हुआ दिला का सफल ऑपरेशन लेकिन नहीं बची जान
स्व. बबीता मसीह।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम जिले के शिक्षा जगत से जुड़े लोग एक शिक्षका के अचानक ही दुनिया से अलविदा हो जान से स्तब्ध हैं। किसी को यकीन ही नहीं हो रहा कि कल तक जो शिक्षिका पूरी तरह स्वस्थ थी वह महज चंद घंटों में उनसे इतनी दूर कैसे हो गईं। हम जिस शिक्षिका की बात कर रहे हैं उनका नाम है बबीता मसीह। शिवगढ़ स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ 52 वर्षीय बबीता का सोमवार को इंदौर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

जानकारी के अनुसार बबीता मसीह की सोमवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ी। उन्होंने तत्काल अपने भतीजे (भाई के बेटे) को बताया। शासकीय मेडिकल कॉलेज में पदस्थ अपनी एक परिचित से बात भी की जिन्होंने मेडिकल कॉलेज आने की सलाह दी। बबीता ऑटो रिक्शे से अकेली ही मेडिकल कॉलेज पहुंच गईं। वहां डॉक्टरों ने चैक कर बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा है। इसकी जानकारी बबीता के भाई और बेटी को दी तो उन्होंने उनका इलाज इंदौर में कराने का निर्णय लिया।

ऑपरेशन के बाद भी 30 फीसदी काम कर रहा था दिल

परिजन सोमवार को ही बबीता को लेकर इंदौर पहुंचे जहां एक निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। वहां उनका सफल ऑपरेशन भी हो गया। इसके बाजवजूद उनका दिल सिर्फ 30 फीसदी ही फंक्शन कर रहा था। डॉक्टर लगातार उनकी स्थिति पर नजर रख रहे थे लेकिन मंगलवार दोपहर में उन्होंने दम तोड़ दिया। परिजन दिवंगत शिक्षिका का शव लेकर रतलाम रवाना हो गए हैं। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को किया जाएगा।

पति का हो चुका निधन, परिवार में सिर्फ दो बेटियां

शिक्षिका बबीता मसीह के पति का काफी पहले ही निधन हो गया था। परिवार में सिर्फ दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी मेघना (रानू) और छोटी साक्षी हैं। बड़ी बेटी एक निजी एयरलाइंस में एयर होस्टेस हैं जो सोमवार सुबह ही रतलाम से इंदौर रवाना हुई थी और कुछ ही देर बाद बबीता की तबीयत बिगड़ गई थी। वहीं छोटी बेटी साक्षी अभी पढ़ाई कर रही है।

इसलिए नहीं हो रहा किसी को यकीन

शिक्षिका बबीता के निधन पर किसी को यकीन नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह उनकी खुशमिजाजी और व्यवहार है। बबीता ने शनिवार को स्कूल में अपनी ड्यूटी निभाई थी और पूरी तरह स्वस्थ थीं और सभी से अच्छी से मिलीं भी थी। रविवार को तो सहेली संग मॉल भी गईं थी और खरीददारी भी की थी। इन दो दिनों में जो भी उनसे मिला या साथ रहा उसे जैसे ही उनके निधन की जानकारी मिली तो वे स्तब्ध रह गए। बताया जा रहा है कि उन्हें मधुमेह व अन्य बीमारियां थीं लेकिन उन्होंने कभी भी अपने कार्य और व्यवहार से जाहिर नहीं होने दिया।