हम भी दें जीवन : ये रक्तदूत हैं, इन्हें तो रक्तदान करने के लिए सिर्फ बहाना चाहिए, किसी ने पत्नी के जन्मदिन पर तो किसी ने थैलेसीमिया पीड़िता के लिए दिया रक्त
रतलाम में स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जागरूक और जुनूनी लोगों की कमी नहीं है। ये रक्तदूत रक्तदान करने के लिए हमेशा ही अवसर और बहाने की तलाश में रहते हैं।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । किसी को ट्रैकिंग अच्छी लगती है तो किसी को पतंगबाजी, किसी को फिल्में देखना पसंद है तो किसी को रोतों को हंसाने में आनंद आता है। ये रक्तदूत हैं, इन्हें रक्तदान कर लोगों की जान बचाने में मजा आता है। इन्हें रक्तदान करना अच्छा लगता है इसलिए इन्हें तो ऐसा करने के लिए सिर्फ कोई न कोई बहाना चाहिए।
जी, समाजसेवी और काकानी सोशल वेलफेयर सोसायटी के सचिव गोविंद काकानी ऐसे ही रक्तदूत हैं जिन्होंने 102वीं बार रक्तदान किया ताकि रक्त की कमी से किसी जरूरतमंद की जान न चली जाए। इस बार उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सुनीता काकानी के जन्मदिवस के मौके पर रक्त दिया। अपनी उम्र से लगभग दो गुनी बार रक्तदान कर चुके काकानी के साथ फाउंडेशन के अन्य सदस्यों एवं राजेश सोलंकी, ग्रामीण रक्तदाता कन्हैयालाल पाटीदार व राजेश जायसवाल ने भी रक्तदान किया।
बच्ची के लिए किया महादान
रक्तदान महादान है, यह बात समाजसेवी गोविंद काकानी के शिष्य ऑटोमोबाइल गैरेज के मनीष शर्मा भी बखूबी समझते हैं। उन्होंने यह महादान करने का अवसर नहीं चूका। उन्होंने थैलेसीमिया पीड़ित एक बच्ची के लिए रक्त दिया। खास बात यह थी कि बच्ची का रक्त समूह ओ-नेगेटिव था जो दुर्लभ है। जैसे ही मनीष को बच्ची की इस आवश्यकता की जानकारी मिली तो वे खुद को रोक नहीं पाए और काकानी के साथ रक्तदान करने पहुंच गए।
रक्तदूतों का किया सम्मान
इस मौके पर काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के अध्यक्ष माधव काकानी, रेखा-दीनदयाल काकानी, निखिल केशव काकानी, गौरव काकानी, आयुष काकानी, झलक गोपाल काकानी, सुनील लाठी, अभय काबरा, समाजसेवी वीरेंद्र वाफगांवकर, मानव सेवा समिति अध्यक्ष मोहन मुरलीवाला, पूर्व अध्यक्ष सुरेश चंद्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सुरेका, सचिव गोपाल कृष्ण सोडाणी, डॉ. इंद्रमल मेहता एवं स्टाफ सदस्यों ने सुनीता काकानी को जन्मदिन की बधाई दी। सभी ने रक्तदान करने वाले रक्तदूतों गोविंद काकानी, मनीष शर्मा, कन्हैयालाल पाटीदार व राजेश जायसवाल को प्रशस्ति-पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।