धोखाधड़ी ऐसी भी : व्हाट्सएप पर वाहन मालिकों से करते से संपर्क, एग्रीमेंट कर किराये पर लिए वाहन फर्जी कागजात बनाकर बेच देते थे, 4 आरोपी गिरफ्तार
ज्यादा किराये पर अटैच करने के नाम पर महंगे वाहन किराये पर लेकर बेचने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने 12 चार पहिया वाहनों के साथ गिरफ्तार किया है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम पुलिस ने अलग तरह की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास करीब दो करोड़ रुपए कीमत के 12 चार पहिया वाहन बरामद किए हैं। आरोपी मालिकों से वाट्सएप पर संपर्क कर ज्यादा किराये पर अटैच करने का अनुबंध कर फर्जी दस्तावेज बनाते थे और दूसरे जिलों में बेंच देते थे।
पुलिस के अनुसार शास्त्रीनगर निवासी देवेंद्रसिंह पिता मोहनसिंह राजपूत ने चार माह पहले टाटानगर निवासी दीपक पिता प्रहलाद सोनी की बातों में आकर अपनी मारुति इग्निस कार 10 हजार रुए प्रतिमाह पर देने का एग्रीमेंट कर उसे दिया था। दीपक ने कुछ समय बाद किराया देना बंद कर दिया। जब देवेंद्रसिंह ने एग्रीमेंट ख़त्म कर अपना वाहन वापस मांगा तो दीपक ने नहीं लौटाया। परेशान होकर देवेंद्रसिंह ने पुलिस से संपर्क किया। रतलाम पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि देवेंद्रसिंह का चार पहिया वाहन किसी अन्य शहर में फर्जी कागजात बनाकर बेच दिया गया है।
अन्य जिलों में भी हुईं धोखाधड़ी
एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने मामले की गहराई से जाँच के निर्देश दिए। जांच में पुलिस को पता चला कि इस धोखाधड़ी में पूरा गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप और अन्य माध्यम से चार पहिया वाहनों के मालिकों से सम्पर्क करते थे। वे महंगे किराये पर उनके अटैच करने के एग्रीमेंट कर के वाहन ले लेते थे। इन वाहन को फर्जी कागजात बनाकर अन्य जिलों में बेच दिया जाता था। ऐसी धोखाधड़ी रतलाम के अलावा मंदसौर, झाबुआ, भोपाल आदि जिलों में भी पता चली है।
चार आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़े
जांच में पता चला कि धोखाधड़ी के खेल में दीपक सोनी के साथ कुलदीपसिंह पिता भंवरसिंह सिसौदिया निवासी रत्तागढ़ खेड़ा थाना बिलपांक, राकेश पिता नारायण परमार निवासी सेमलिया थाना जिला झाबुआ और सैयद नाजिश अली उर्फ नज्जू उर्फ शमी पिता फारूक अली निवासी रंभानगर डीआईजी बंगला बैरसिया रोड भोपाल भी शामिल है। दीपक ने देवेंद्र की कार भोपाल निवासी नाजिश अली को दी थी जिसने फर्जी दस्तावेज बनाकर कार बेच दी थी। पुलिस ने गिरोह के सभी चार सदस्यों को पकड़ कर पूछताछ की तो एक के बाद एक कई वाहनों की कहानी सामने आने लगी। पुलिस ने एक के बाद एक कुल 12 कारें बरामद की। इनकी कीमत दो करोड़ रुपए से भी ज्यादा आंकी गई है। चारों आरोपियों को धारा 420, 406, 467, 468, 471, 34, 120बी आईपीसी के तहत गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपी
- दीपक पिता प्रहलाद सोनी, निवासी टाटानगर, रतलाम।
- राकेश पिता नारायण परमार, निवासी सेमलिया, थाना थांदला, जिला झाबुआ (हाल मुकाम बजरंग नगर रतलाम)
- कुलदीपसिंह पिता भवरसिंह सिसौदिया, निवासी रतागढ़खेड़ा, थाना बिलपांक, जिला रतलाम।
- सैयद नाजिश अली उर्फ नज्जू उर्फ शमी पिता फारूक अली, निवासी रंभानगर डीआईजी बंगला, बैरसिया रोड, भोपाल।
ये वाहन हुए जब्त
- फॉर्च्यूनर गाड़ी MP33 C 4803
- एक्सयूवी 500 MP04 CM 3969
- स्विफ्ट वीडीआई MP09 WJ 5916
- i20 MP13 CC 2552
- i20 GJ01 RN 5225
- मारुति ब्रेजा बिना नंबर की
- अर्टिगा MP09 JG 5204 । 08-
- होंडा अमेज MP43 ZC 2548
- मारुति सियाज MP04 EC 3341
- महिंद्रा टीयूवी MP43 CA 0108
- मारुति इग्निस MP43 CB I415
- रेनॉल्ट डस्टर MP13 CB 2595
(वाहनों की कुल कीमत 2 करोड़ रुपए)
इनकी भूमिका सराहनीय रही
धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश में स्टेशन रोड थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार भोजक, उप निरीक्षक प्रेमसिंह हटीला, प्रधाना आरक्षक राजू अमलियार, आरक्षक राकेश निनामा, लोकेंद्र सोनी, प्रशांत लोधी, हेमराज डामोर, विजय निनामा, ललित वर्मा, राजेश सिंघाड़, प्रधान आरक्षक हेमंत परमार आदि की सराहनीय भूमिका रही।