Tag: चातुर्मासिक प्रवचन

धर्म-संस्कृति
‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति तो दुश्मनी पैदा करती और सन्मति मित्रता बढ़ाती है’

‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति...

आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के चातुर्मासिक प्रवचन रतलाम के समता शीतल पैलेस में जारी...