Tag: श्री रत्नेशमुनिजी

धर्म-संस्कृति
प्रवृत्ति बदलोगे तो प्रकृति बदल जाएगी लेकिन लोग प्रवृत्ति के बजाय प्रकृति को बदलना चाहते हैं- आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी

प्रवृत्ति बदलोगे तो प्रकृति बदल जाएगी लेकिन लोग प्रवृत्ति...

नवकार भवन में रविवारीय विशेष प्रवचन देते हुए आचार्य श्री विजयराजजी म. सा. ने लोगों...

धर्म-संस्कृति
‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति तो दुश्मनी पैदा करती और सन्मति मित्रता बढ़ाती है’

‘हृदय में डोर, नहीं तो इनडोर बनाओ, पर दीवार मत बनाओ, दुर्मति...

आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के चातुर्मासिक प्रवचन रतलाम के समता शीतल पैलेस में जारी...

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