7 अभ्यर्थियों ने छोड़ा रण : जिले की पांचों विधानसभा सीटों में अब 40 अभ्यर्थी मैदान में, जानिए कौन-कौन बना रणछोड़

रतलाम जिले की पांचों विधानसभा सीटों के 7 अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिए। अब जिले में 40 प्रत्याशी मैदान में, सबसे ज्यादा 10 सैलाना में जबकि सबसे कम 5 रतलाम ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में हैं।

7 अभ्यर्थियों ने छोड़ा रण : जिले की पांचों विधानसभा सीटों में अब 40 अभ्यर्थी मैदान में, जानिए कौन-कौन बना रणछोड़
रतलाम जिले के 7 अभ्यर्थियों ने छोड़ा चुनावी मैदान।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । विधानसभा निर्वाचन 2023 के अंतर्गत रतलाम जिले के पांचों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में गुरुवार को नाम वापसी का आखिरी दिन था। इस दिन 7 अभ्यर्थियों ने मैदान छोड़ दिया। इससे अब सिर्फ 40 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं। इसमें रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र में 8, रतलाम ग्रामीण में 5, आलोट में 9, सैलाना में 10 तथा जावरा में 8 अभ्यर्थी शामिल हैं।

गुरुवार को नाम वापसी के दौरान विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सैलाना से विक्रम चारेल (निर्दलीय), रतलाम शहर से जितेंद्र राव (निर्दलीय), रतलाम ग्रामीण से भेरूलाल खदेड़ा (निर्दलीय), आलोट से रमेश मालवीय (निर्दलीय) तथा प्रकाश ररोतिया (निर्दलीय), जावरा से डी. पी. धाकड़ तथा राधेश्याम अस्तोलिया (निर्दलीय) द्वारा नाम वापस लिए गए। नाम वापसी के बाद रतलाम शहर से 8 प्रत्याशी मैदान में जिनमें से मुकाबला दो के बीच ही माना जा रहा है। भाजपा से विधायक चेतन्य काश्यप और कांग्रेस से पारस सकलेचा मैदान में हैं। इनमें से टिकट वितरण और जनसंपर्क के मामले में भाजपा पहले से ही बढ़त ले चुकी है लेकिन वोटों पर किसका अधिकार होगा, यह 17 नवंबर से पहले कह पाना मुश्किल है।

रतलाम ग्रामीण में डॉक्टर ने बढ़ाई बा और साहब की चिंता

रतलाम ग्रामीण से निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले जयस के नेता डॉ. अभय ओहरी पर भी नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया लेकिन सफलता नहीं मिली। परेशान होकर डॉ. ओहरी ने कुछ समय के लिए मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था। डॉ. ओहरी की मौजूदगी ने रतलाम ग्रामीण विधानसभा चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है। उन्हें जयस के अलावा भीम आर्मी और करणी सेना परिवार का भी समर्थन हासिल है। यहां कांग्रेस से पूर्व जनपद सीईओ लक्ष्मण सिंह डिंडोर जबकि भाजपा के पूर्व विधायक और भाजपा के बुजुर्ग नेता मथुरालाल डामर मैदान में हैं।

सबसे ज्यादा प्रत्याशी जावरा में, यहां भी तस्वीर धुंधली है

जिले में सबसे ज्यादा 10 प्रत्याशी सैलाना में हैं। यहां से जनता दल यू और जयस से जुड़े कमलेश्वर डोडियार सहित अन्य प्रत्याशी भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए ही सिरदर्द साबित हो रहे हैं। जनता दल यहां का यहां बड़ा वोट बैंक रहा है इसी तरह जयस ने भी आदिवासी वोटों में अच्छी पकड़ बनाई है। पूर्व जिला पंचायत और जनपद चुनाव में जयस द्वारा हासिल किए गए वोटों की संख्या दोनों ही प्रमुख पार्टियों के गणित गड़बड़ाने के लिए काफी है।

भाजपा ने एक जंग जीती, कांग्रेस रही असफल, पिक्चर अभी बाकी है

आलोट में भाजपा से बगावत कर रमेश मालवीय ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया था। वहीं पूर्व विधायक और कांग्रेस के बागी प्रेमचंद गुड्डू ने भी निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दोनों ही प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। हालांकि भाजपा अपनी मुसीबत बन रहे रमेश मालवीय को मना लिया है। भाजपा जिला अध्यक्ष ने मालवीय की पार्टी में सदस्यता पुनः बहाल कर दी है। जिला मीडिया प्रभारी अरुण त्रिपाठी के अनुसार यह निर्णय प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संभाग प्रभारी जीतू जिराती एवं जिला प्रभारी प्रदीप पांण्डेय की सहमति लिया गया। मालवीय से भाजपा की रीति-नीति अनुसार पार्टी को मजबूत करने को कहा गया है। कांग्रेस गुड्डू को मनाने में सफल नहीं हो सकी। ऐसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है।

जावरा विधानसभा : जीवन सिंह शेरपुर बने दोनों दलों के आंखों की किरकिरी

जावरा विधानसभा में पहले टिकट को लेकर खींचतान और सिर फुटव्वल जैसे हालात बन रहे थे। रही सही कसर करणी सेना परिवार के जीवन सिंह शेरपुर ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर चुनाव को फंसा दिया। पहले उनकी दावेदारी कांग्रेस से थी लेकिन कांग्रेस ने यहां से हिम्मत सिंह श्रीमाल को टिकट दे कर सभी को चौंका दिया। इससे कांग्रेस के दावेदारी कर रहे वीरेंद्र सिंह सोलंकी, डी. पी. धाकड़ और राजेश भरावा की उम्मीदों पर पानी फिर गया था। श्रीमाल का टिकट होते ही सोलंकी, धाकड़ और भरावा लामबंद हो गए और भोपाल तक नाम आए। कांग्रेस को यहां से टिकट बदलना पड़ा और सोलंकी को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया। बावजूद श्रीमाल ने कांग्रेस नामांकन दाखिल किया जो बी-फॉर्म के अभाव में जांच के दौरान निरस्त हो गया। गुरुवार को डी. पी. धाकड़ ने भी नाम वापस ले लिया। इससे यहां 8 प्रत्याशी होने के बाद भी त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।

कुल 54 अभ्यर्थियों ने दाखिल किए थे 68 नामांकन

बता दें कि 30 नवंबर तक कुल 54 अभ्यर्थियों द्वारा कुल 68 नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए गए थे। इनमें से रतलाम शहर से 11 अभ्यर्थियों के 14 नाम निर्देशन पत्र, रतलाम ग्रामीण के 8 अभ्यर्थियों के 9,  सैलाना के 13 अभ्यर्थियों के 14,  जावरा के 11 अभ्यर्थियों के 14 तथा आलोट के 11 उम्मीदवारों के 17 नाम निर्देशन पत्र शामिल थे। कुल 7 अभ्यर्थियों के नाम निर्देशन पत्र जांच में निरस्त हो गए थे।