साहित्यकार एवं भाषाविद् डॉ. जयकुमर जलज की धर्मपत्नी प्रीति जलज का निधन, शोक बैठक आज, उठावना शनिवार को

साहित्यकार एवं भाषाविद् डॉ. जयकुमार जलज को पत्नी शोक हो गया है। शोक बैठक शनिवार शाम को और उठावना शनिवार को होगा।

साहित्यकार एवं भाषाविद् डॉ. जयकुमर जलज की धर्मपत्नी प्रीति जलज का निधन, शोक बैठक आज, उठावना शनिवार को
डॉ. जयकुमार जलज की पत्नी प्रीति जलज का निधन।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । ख्यात साहित्यकार, भाषाविद् एवं शिक्षाविद् डॉ. जयकुमार जलज की धर्मपत्नी प्रीति जलज का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार जवाहरनगर स्थित मुक्तिधाम पर किया गया। गणमान्यजन ने दिवंगत आत्मा की मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

डॉ. जयकुमार जलज की पत्नी प्रीति को गुरुवार को अचेत अवस्था में उपचार हेतु शहर के आशीर्वाद नर्सिंग होम ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रीति जलज श्रद्धा और स्मिता की माता जी एवं पैथालॉजिस्ट डॉ. पद्म घाटे की सासू मां थीं। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार को उनके निवास 30 इंदिरानगर से निकली। अंतिम संस्कार जवाहरनगर स्थित मुक्तिधाम में किया गया। मुखाग्नि दोनों बेटियों श्रद्धा और स्मिता ने दी।

अंतिम संस्कार के दौरान विधायक चेतन्य काश्यप, साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, विष्णु बैरागी उद्योगपति मुकेश जैन, अशोक अग्रवाल, प्रो. अभय पाठक, प्रो. राजकुमार कटारिया, एमआईसी सदस्य भगत भदौरिया सहित श्वेतांबर और दिग्मंबर जैन समाज के पदाधिकारी, साहित्यिक, चिकित्सा एवं शिक्षा जगत के गणमान्यजन मौजूद रहे।

निधन से पहले पति को कराया भोजन

बता दें कि निधन से पूर्व गुरुवार शाम करीब 5.30 बजे वयोवृद्ध प्रीति ने पति डॉ. जलज को भोजन कराया। इसी दौरान उनकी रतलाम निवासी बेटी डॉ. जलज के लिए जैकेट लेकर पहुंचीं थी। तब प्रीति ने बेटी को बताया की उनका जी घबरा रहा है। बेटी ने देखा तो उन्हें हल्के दमे जैसे लक्षण दिखे तो वे उनके लिए पानी गरम करने चली गईं। इस बीच प्रीति पलंग पर लेट गईं। कुछ ही पल में उनकी दड़कने तेज हो गईं। यह देख उनकी बेटी ने डॉ. जलज के दामाद डॉ. घाटे को कॉल किया जिसके बाद उन्हें डॉ. जे. एम. सूभेदार के आशीर्वाद नर्सिंग होम ले जाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

शोक बैठक आज

दिवंगत प्रीति जलज के निधन पर शोक बैठक 15 दिसंबर 2023 (शुक्रवार) को रात 07 से बजे 09 बजे तक डॉ. जलज के निवास 30, इंदिरा नगर, रतलाम पर रहेगी। जबकि उठावना 16 दिसंबर (शनिवार) को सुबह 10 बजे राजेंद्रनगर स्थित आईएमए भवन रतलाम पर होगा।

इन्होंने व्यक्त की शोक संवेदना

डॉ. जलज के पारिवारिक सदस्य एवं वरिष्ठ एलआईसी अभिकर्ता विष्णु बैरागी के अनुसार प्रीति जलज भारतीय नारी और सद्गृहिणी की वास्तविक मानवाकार थीं। 82 वर्ष की उम्र में भी आने वाले किसी भी अतिथि का आदर-सत्कार पूर्ण रूप से करती थीं। वे किसी को भी मुंह मीठा कराए बिना नहीं जाने देती थीं। समाजसेवी सुभाष जैन ने श्रीमती जलज के प्रति अपनी विचारांजलि व्यक्ति की है। उन्होंने कहा है कि वे नाम के अनुरूप ही श्रीमती जलज की प्रीति सभी के प्रति थी। वे स्नेह की प्रतिमूर्ति थीं।

इसी प्रकार एडवोकेट कैलाश व्यास ने बताया अत्यंत मृदुल और आत्मीय भाव से उन जैसे अनेक विद्यार्थियों पर स्नेह बरसाने वाली प्रीति जलज के निधन का समाचार जानकार अत्यंत दुःख हुआ। परमपिता उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। एडवोकेट व्यास ने पूर्व प्राचार्य डॉ. जयकुमर जलज द्वारा लिखी गई पंक्तियों का स्मरण भी कराया है। डॉ. जलज ने कई वर्ष पूर्व लिखा था...

“कौन देगा साक्षी ?

नहीं ,कोई नहीं

नदी की मौत नहीं होती है

तटवर्ती वृक्षों

उनकी लचकती हरी डालियों

पत्तों और फूलों में

फूलों की ख़ुश्बू में, रंगों में

वही नदी बहती है

नहीं, नदी की मौत नहीं होती है!