'पौ बारह, भांजे...' कहने वाले 'महाभारत' के 'शकुनि मामा' गूफी पेंटल का हृदयघात से निधन, पढ़िए आर्मी जवान से अभिनेता बनने तक का सफर

महाभारत धारावाहिक में शकुनि मामा की भूमिका निभाने वाले अदाकार गूफी पेंटल का सोमवार सुबह निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार शाम को ओशिवारा श्मशान में किया गया। उन्होंने कई फिल्मों और धारावाहिकों में भूमिका निभाई।

'पौ बारह, भांजे...' कहने वाले 'महाभारत' के 'शकुनि मामा' गूफी पेंटल का हृदयघात से निधन, पढ़िए आर्मी जवान से अभिनेता बनने तक का सफर
गूफी पेंटल।

एसीएन टाइम्स @ मुंबई । महाभारत धारावाहिक में शकुनि मामा की सशक्त भूमिका निभाने वाले अभिनेता गूफी पेंटल (Gufi Paintal) नहीं रहे। 78 वर्षीय पेंटल का हृदयघात के कारण 5 जून की सुबह निधन हो गया। उनका काफी दिनों से मुंबई के अंधेरी स्थिति एक अस्पताल में इलाज चल रहा था।

बी. आर. चौपड़ा के टीवी धारावाकि 'महाभारत' के प्रमुख किरदारों में शकुनि मामा अहम् रहा। यह रोल अभिनेता गूफी पेंटल (सरबजीत सिंह पेंटल) ने ऐसा निभाया कि घर-घर में चर्चित हो गए और पहचाने जाने लगे। मूलतः फरीदाबाद के निवासी पेंटल करीब 15 दिन पहले घर में अचानक गिर पड़े थे। इससे उन्हें ब्रेन संबंधी समस्या हुई और वे कोमा तक में चले गए। उन्हें दिल और किडनी की भी बीमारी थी। पहले उन्हें फरीदाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया और उसके बाद अंधेरी स्थित बेलव्यू अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां आईसीयू में उनका उपचार चल रहा था। उन्होंने दो दिन से होश नहीं आया था। सोमवार सुबह करीब नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस लीं।

गूफी पेंटल के निधन की पुष्टि उनके भतीजे हितेन पेंटल ने मीडिया से चर्चा में की। हितेन के अनुसार गूफी पेंटल का हार्ट फेल हो गया था। उनका अंतिम संस्कार सोमवार शाम को ओशिवारा श्मशान में किया गया। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा हैरी पेंटल है। उनके छोटे भाई कंवरजीत सिंह पेंटल हैं जो पेंटल के नाम से जाना जाते हैं। उन्होंने महाभारत में शिखंडी की भूमिका निभाई थी।

इन धारावाहिकों व फिल्मों में किया अभिनय

गूफी पेंटल की अदाकारी की शुरुआत फिल्मों से हुई लेकिन महाभारत के शकुनि मामा के किरदार ने उन्हें सर्वाधिक ख्याति दी। 80 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में अभिनय किया। 'जय कन्हैया लाल की' उनका आखिरी टीवा धारावाहिक था। पेंटल 'मिसेज कौशिक की पांच बहुएं', 'कर्ण संगिनी', 'भारत का वीर पुत्र-महाराणा प्रताप', बहादुर शाह जफर (लार्ड मेटक्लैफ का रोल) और 'कर्म फल दाता शनि' जैसे धारावाहिकों में भी प्रमुख भूमिकाओं में रहे। गूफी पेंटल ने नई फिल्में कीं। इनमें 'सुहाग', 'देस परदेस', 'दिल्लगी', 'दावा' आदि में निभाए रोल काफी पसंद किए। 

अभिनेता बनने से पहले आर्मी में थे पेंटल

अभिनय की दुनिया में आने से पहले गुफी पेंटल आर्मी में थे। 1962 में भारत-चीन के बीच हुए युद्ध के दौरान वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। तभी कॉलेज में आर्मी की भर्ती निकली। पेंटल की इच्छा काफी पहले से आर्मी में जाने की थी। वे सैनिक बन भी गए। पहली पोस्टिंग चीन बॉर्डर पर आर्मी आर्टिलरी में हुई। तब बॉर्डर पर मनोरंजन के लिए टीवी और रेडियो जैसा कोई साधन नहीं हुआ करता था। इसलिए बॉर्डर पर वे और अन्य जवान रामलीला करते थे। रोचक बात यह है कि पेंटल सीता बनते थे जिनका अपहरण रावण बना सैनिक अपहरण कर लेता था। अपहरण स्कूटर पर होता था।

छोटे भाई कंवरजीत पेंटल के कहने पर वे 1969 में मुंबई पहुंचे और मॉडलिंग और तथा अभिनय सीखा। कुछ फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया। इसी दौरान बीआर चौपड़ा के संपर्क में आए और उनके धारावाहिक महाभारत में कास्टिंग डायरेक्टर बन गए। महाभारत की स्क्रिप्ट लिख रहे राही मसूम रजा को पेंटल में शकुनि नजर आए जिसका किरदार यादगार बन गया। महाभारत में अर्जुन का किरदार निभाने वाले फिरोज खान को यह भूमिका गूफी के कारण ही मिली थी। उन्होंने ही फिरोज का ऑडिशन करवाया था। द्रोणाचार्य की भूमिका निभाने वाले सुरेंद्र पाल गूफी के काफी पारिवारिक रहे।