भूल या गुस्ताखी ? ‘संत रविदास चौक’ का नाम ‘चमारिया नाका’ करने से भड़के संतश्री के अनुयायी, 7 दिन में सुधार नहीं होने पर नगर निगम के घेराव की दी चेतावनी
शहर में लगे मार्ग संकेतक में संत रविदास चौक को चमारिया नाका लिखने से संत के अनुयायियों ने नाराजगी जताते हुए सुधार नहीं होने पर नगर निगम के घेराव की चेतावनी दी है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । संत श्री रविदास जी के रतलाम शहर में रहने वाले अनुयायियों में आक्रोश है। शहर के ‘संत रविदास चौक’ का नाम ‘चमारिया नाका’ करने से आक्रोशित समजाजन ने आंदोलन की चेतावनी दी है। समाज अध्यक्ष ने कहा है कि यदि 7 दिन में सुधार नहीं हुआ तो नगर निगम का घेराव किया जाएगा।
संतों और महापुरुषों को सम्मान देने के लिए समय-समय पर चौराहों, सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को उनका नाम दिया जाता है। इसी उद्देश्य से शहर के तत्कालीन महापौर आशा मौर्य के कार्यकाल में नगर निगम परिषद ने शहर के ‘चमारिया नाका’ संत ‘श्री रविदास जी’ के नाम करने का प्रस्ताव पारित किया था। तब से ही यह चौराहा ‘संत रविदास चौक’ के नाम से जाना जाता है। इससे जहां क्षेत्र को एक सम्मानजनक नाम मिला, वहीं संत श्री रविदास जी के प्रति श्रद्धा भी व्यक्त की गई थी। संत श्री की जयंती और पुण्यतिथि सहित अन्य मौकों पर यहां आयोजन भी होते हैं। परंतु हाल ही में शहर में मार्ग संकेतक लगाए गए हैं। इसमें संत रविदास चौक को फिर से चमारिया नाका लिख दिया गया है। इससे संत श्री के अनुयायियों के साथ ही अन्य लोगों में नाराजगी है।
भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य
रविदास समाज के जिला अध्यक्ष प्रभुलाल सोलंकी रविदास समाज जिला अध्यक्ष रतलाम चौराहे का नाम बदले जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जिस चौराहे का नाम पूर्व की निगम परिषद द्वारा बदला जाकर संत के नाम पर किया गया था, उसका पुनः नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी? सोलंकी का कहना है कि संत रविदास चौक का नाम संकेत में चमारिया नाका लिखने से संत रविदास जी के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
...वरना समाज करेगा घेराव
रविदास समाज के जिला अध्यक्ष सोलंकी ने नगर निगम प्रशासन से सभी मार्ग संकेतकों पर पर चौराहे का नाम संत रविदास चौक करवाने की मांग की है। सोलंकी ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिन के अंदर यह सुधार नहीं होता है तो समाज द्वारा नगर निगम का घेराव कर विरोध प्रकट किया जाएगा। पूर्व एमआईसी सदस्य सुरेश पापटवाल के अनुसार यह नगर निगम की घोर लापरवाही है, क्योंकि मार्ग संकेतक नगर निगम द्वारा लगवाए जाते हैं। यानी संकेतक बोर्ड तैयार करने के लिए ऐसी त्रुटि युक्ति जानकारी निगम द्वारा ही उपलब्ध करावाई गई होगी। इसके लिए दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि नगर निगम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उक्त बोर्ड लोक निर्माण विभाग द्वारा लगवाए गए हैं।