नगर निगम के साधारण सम्मेलन में राजीव गांधी सिविक सेंटर के भूखंडों की रजिस्ट्री शून्य कराने व उपायुक्त सोलंकी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित
नगर निगम के साधारण सम्मेलन में सर्वानुमति से उपायुक्त विकास सोलंकी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित किया। उन्हें कार्यमुक्त कर राज्य शासन को अवगत कराने का निर्णय भी लिया। निगम द्वारा कराई गईं राजीव गांधी सिविक सेंटर की सभी 22 रजिस्ट्रियां शून्य घोषित कराने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

उपायुक्त को कार्यमुक्त करने के भी निर्देश
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । राजीव गांधी सिविक सेंटर के भूखंडों की बंदरबांट का खेल गुरुवार को हुए नगर निगम के साधारण सम्मेलन में उजागर हो ही गया। इस बंदरबांट में भू-माफिया राजेंद्र पितलिया से अफसरों की सांठ-गांठ का मुद्दा भी गूंजा। पक्ष (भाजपा) और विपक्ष (कांग्रेस) पार्षदों के लामबंद होकर सिविक सेंटर की सभी रजिस्ट्रियां शून्य कराने का प्रस्ताव रखा। इतना ही नहीं, दोनों ही दलों के पार्षदों ने उपायुक्त विकास सोलंकी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश कर उन्हें कार्यमुक्त करने का प्रस्ताव रखा। इस पर निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने सिविक सेंटर के भूखंडों की रजिस्ट्रियां शून्य करने की कार्रवाई और उपायुक्त सोलंकी को कार्यमुक्त करने के निर्देश जारी किए हैं।
नगर निगम का गुरुवार को हुआ साधारण सम्मेलन लोगों की उम्मीदों से परे रहा। हमेशा औपचारिकताओं तक सीमित रहने वाला सम्मेलन इस बार राजीव गांधी सिविक सेंटर के भूखंडों की नियम विरुद्ध हुई रजिस्ट्री शून्य घोषित कराने के नाम रहा। प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा और भाजपा पार्षद शक्तिसिंह राठौर ने भू-माफिया से सांठ-गांठ कर रजिस्ट्री कराए जाने का आरोप लगाया। वर्मा और राठौर ने सदन को बताया कि सिविक सेंटर के भूखंड अहस्तांतरणीय हैं, फिर भी चंद दिनों के अंतराल पर मूल आवंटी द्वारा अन्य को रजिस्ट्री करा दी गई है। इसकी जानकारी न तो एमआईसी के संज्ञान में लाई गई और न ही निगम परिषद। अतः नियम विरुद्ध हुईं सभी रजिस्ट्रियों को शून्य घोषित कराने की कार्रवाई की जाए।
पितलिया सदन रख दो सिविक सेंटर का नाम
सम्मेलन के दौरान भाजपा पार्षद शक्तिसिंह ने कुछ रजिस्ट्रियां भी दिखाईं। ये सभी रजिस्ट्रियां भू-माफिया राजेंद्र पितलिया और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर होने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि- बेहतर होगा कि अब सिविक सेंटर का नाम पितलिया सदन रख दिया जाए। शक्तिसिंह ने बताया कि सभी रजिस्ट्रियां उपायुक्त विकास सोलंकी द्वारा सम्पादित कराई गई हैं। जिन लोगों के नाम से नगर निगम ने रजिस्ट्री कराई उन्होंने उसी दिन किसी अन्य के नाम से रजिस्ट्री करा दी।
पार्षद राठौर ने भाजपा पार्षद दल की ओर से रजिस्ट्रियां शून्य कराने का प्रस्ताव रखा। इसका समर्थन पक्ष और विपक्ष के सभी पार्षदों ने किया। एमआईसी सदस्य भगत सिंह भदौरिया ने भी इस मामले को लेकर संबोधित किया। निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया और आयुक्त ए. पी. एस. गहरवार को स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि गलत हुआ है तो वे कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें।
अपनी ही बात पर अड़े रहे आयुक्त
भाजपा और कांग्रेस पार्षद दल द्वारा बार-बार यह कहने कि रजिस्ट्रियां नियम विरुद्ध हुई हैं, आयुक्त ए. पी. एस. गहरवार अपनी बात पर डटे रहे। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के आदेश, अभिभाषक के अभिमत तथा हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार रजिस्ट्रियां कराई गई हैं। उन्होंने तर्क दिया कि सिविक सेंटर नगर सुधार न्यास का प्रोजेक्ट था और उनके भूखंडों को विक्रय करने के लिए पूर्व में ही अनुमति मिल चुकी थी लेकिन नजूल का भू-भाटक बाकी होने से रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे थे। आयुक्त ने कहा कि उक्त प्रकरण नगर निगम परिषद या एमआईसी के समक्ष रखने योग्य नहीं है।
पार्षदों को रास नहीं आया आयुक्त का तर्क
उनका तर्क पार्षदों को नागवार उतरा और उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब भू-भाटक जमा कराने जैसा काम हो तो एमआईसी और परिषद की जानकारी में लाया जाता है लेकिन इतना बड़े मामले में पूरी तरह अंधेरे में रखा गया। बाद में निगम अध्यक्ष ने सख्त रुख अख्तियार किया तो आयुक्त को सभी 22 लोगों के नामों की जानकारी दी जिनके नाम पर भूखंडों की रजिस्ट्रियां कराई गई हैं। तत्पश्चात परिषद ने सभी रजिस्ट्री निरस्त कराने तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित कर शासन को भी प्रस्ताव भेजने की बात कही।
निगम उपायुक्त के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित
सम्मेलन में उपायुक्त विकास सोलंकी की कार्यप्रणाली को लेकर भी पार्षदों ने आपत्ति जताई। उन्होंने सोलंकी को कार्यमुक्त कर उनके मूल विभाग में भेजे जाने की मांग रखी। जिस पर निगम अध्यक्ष ने तत्काल उन्हें कार्य मुक्त करने और शासन स्तर पर कार्रवाई के लिए प्रक्रिया करने के निर्देश दिए। इसके बाद निगम एजेंडे के अन्य प्रस्तावों पर चर्चा शुरू हो सकी।
भाजपा पार्षद सोमानी ने लगाए गंभीर आरोप
सम्मेलन में भाजपा पार्षद निशा पवन सोमानी ने अधिकारियों की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वे जब भी किसी कार्य के लिए काल करती हैं तो अधिकारियों का व्यवहार और भाषा शैली अमर्यादित होती है। सोमानी ने किसी अधिकारी का नाम लिए बिना ही कहा कि उन्होंने जब अपने क्षेत्र की सड़क के गड्ढे भरने के लिए अधिकारी को कॉल किया तो उन्होंने बजट नहीं होने का हवाला देकर कहा कि चंदा लेकर काम करवा लो। सोमानी ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने उनके वार्ड के स्वीकृत काम निरस्त करवाने की धमकी भी दी। इस मामले में कांग्रेस पार्षद शेरानी ने भी सख्त लहजे में आपत्ति ली और महिला पार्षद से सम्मानजनक व्यवहार की बात कही। निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा ने निगम आयुक्त को पार्षदों से सम्मानजनक व्यवहार किए जाने की चेतावनी दी।
इन प्रस्तावों पर भी हुई चर्चा
शहर के सभी टू लेन ओर फोर लेन मार्गों के सेन्ट्रल लाइट पोल पर प्रचार प्रसार हेतु स्मकलाइट बोर्ड के निर्माण, संचालन, रखरखाव को लायसेंस शुल्क के आधार पर 5 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने हेतु निविदा आमंत्रण पर चर्चा उपरान्त पारित किया गया। अमृत सागर तालाब उद्यान में मनोरंजन पार्क के राजस्व सृजन, संचालन, रख रखाव और विकास के लिए एजेंसी का पीपीपी मोड निजी फर्म द्वारा संचालन/संधारण करने संबंधी उच्चतम निविदा दर राशि 12.00 लाख रुपए प्रतिवर्ष तथा प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने तथा नगर निगम विकास शाखा के आवंटित भवन/भूखण्ड की लीज अवधि आगामी तीस वर्ष के लिए बढ़ाए जाने के संबंध में चर्चा कर निर्णय लिया गया। इसके अलावा आयोजित सम्मेलन में सम्मानित पार्षदगणों द्वारा पुछे गये 11 प्रश्नों पर चर्चा की जाकर उत्तर दिए गए।
30 मिनट की देरी से शुरू हुआ सम्मेलन
इससे पूर्व साधारण सम्मेलन तय समय से करीब 34 मिनट की देरी से शुरू हुआ। वंदेमातरम की प्रस्तुति के बाद निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, महापौर प्रहलाद पटेल, उपायुक्त विकास सोलंकी, एमआईसी सदस्य भगत सिंह भदौरिया और नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने वार्ड क्रमांक 31 के नवनिर्वाचित पार्षद करण कैथवास का स्वागत कर शुभकामनाएं दीं।
गंदे पानी की बोतल लेकर पहुंचे सदन में
कांग्रेस पार्षद सलीम बागवान सदन में गंदे पानी से भरी बोतल लेकर पहुंचे। सदन की कार्रवाई शुरू होने के बाद वे और कांग्रेस पार्षद निगम अध्यक्ष की आसंदी पर पहुंच गए। उन्होंने अध्यक्ष को बताया कि यह पानी उनके वार्ड में सप्लाई होता है। पार्षद सलीम ने गंदा पानी पीने का प्रयास किया तो साथी पार्षदों ने ऐसा करने से रोक दिया। निगम अध्यक्ष शर्मा ने नाराजगी जताते हुए आयुक्त को जलप्रदाय व्यवस्था मेें सुधार की हिदायत दी।
पहले परशुराम के फरसे का स्थान तय करने पर दिया जोर
पूर्व सम्मेलन के निर्णयों की पुष्टि से पहले नेता प्रतिपक्ष ने शहर में भगवान श्री परशुराम के फरसा स्थापित करने के लिए स्थान निर्धारित करने की बात कही। इस पर सदन को बताया गया कि इसके लिए दिलबहार चौराहा और कालिकामाता मंदिर परिसर चिह्नित की गई है। वर्मा ने कांग्रेस पार्षद दल की सहमति दिलबहार चौराहे के लिए होने की जानकारी दी। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। प्रश्नकाल के दौरान पार्षदों ने नगर निगम द्वारा हाल ही में सेवानिवृत्त चार कर्मचारियों को संविदा पर रखे जाने पर आपत्ति जताई। पार्षदों ने मेले में अवैध वसूली करने वाले कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने और मूल विभाग में भेजने की मांग रखी। अंत में महापौर प्रहलाद पटेल ने निगम का वर्ष 2024-25 का आय-व्यय पत्रक (बजट) प्रस्तुत किया। बजट प्रस्तावों पर 9 मार्च को चर्चा होगी।