CBI जांच में MP के सिर्फ इतने नर्सिंग कॉलेज पूरी तरह फिट, प्रवेश लेने से पहले देख लें यह सूची, ताकि बाद में पछताना न पड़े
मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश के फिट और अनफिट नर्सिंग कॉलेज की सूची जारी की है। आप भी यदि नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश लेने या किसी को प्रवेश दिलाने की सोच रहे हैं तो पहले सूची पर नजर डाल लें।
एसीएन टाइम्स @ भोपाल । बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े को लेकर मप्र उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश के 308 नर्सिंग कॉलेजों की सूची जारी की है। इसमें सीबीआई द्वारा जांच में महज 169 को ही उपयुक्त पाया गया है। इनमें से भी आधे से ज्यादा में अभी भी कुछ कमियां पाई गई हैं। ज्यादा कमियों वाले कॉलेज की संख्या 73 है जबकि पूरी तरह से अनुपयुक्त पाए गए कॉलेज 66 हैं। सरकार के आग्रह पर हाईकोर्ट ने सत्र 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति भी जारी कर दी है।
मान्यता से संबंधित मानकों की अनदेखी उजागर होने के बाद मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई थी। दो साल में ऐसे विद्यार्थियों का भारी नुकसान हो चुका है। यही वजह है कि इसे लेकर उच्च न्यायालय में विभिन्न याचिकाएं दायर हुईं थी। फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। काफी मशक्कत के बाद सीबीआई ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट मप्र उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की।
सीबीआई द्वारा जिन 308 नर्सिंग कॉलेज की जांच की गई उन्हें अलग-अलग श्रेणियों में सूचीबद्ध किया गया। ये श्रेणियां हैं पूर्ण रूप से फिट पाए गए कॉलेज, न्यूनतम कमियों वाले कॉलेज, ज्यादा कमियों वाले कॉलेज और पूरी तरह अनफिट कॉलेज की। सीबीआई ने पूर्ण रूप से फिट और न्यूनतम कमियों वाले नर्सिंग कॉलेज को क्लीनचिट देत हुए उन्हें उपयुक्त माना। ऐसे कॉलेज की संख्या 169 है जिनमें से पूर्ण फिट कॉलेज की संख्या लगभग आधे से कम है। वहीं दूसरी ओर 66 कॉलेज को पूरी तरह अनफिट यानी नियमों के विपरीत संचालित होना पाया गया जबकि 73 ज्यादा कमियों वाले कॉलेज पाए गए।
सरकारी कॉलेज ही अनफिट
गौर करने वाले बात यह है कि पूरी तरह अनफिट पाए गए और ज्यादा कमियों वाले कॉलेज में सरकारी भी शामिल हैं। यह तथ्य सामने आने से सरकार की भी खासी किरकिरी हुई है। यही कारण है कि सरकार अब अपनी साख बचाने के लिए खामियों वाले नर्सिंग कॉलेज के भी बचाव में आ गई है। इसके लिए सरकार द्वारा ताबड़तोड़ में नियमों बदलाव करते हुए मान्यता को लेकर नए नियम ही बना दिए हैं। ये ऐसे नियम है जिससे अब तक डिफाल्टर माने जा रहे प्राइवेट कॉलेज भी पाक-साफ ठहरा दिए जाएंगे।
विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए दी कोर्ट ने अनुमति
चूंकि बीते दो साल में नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों का काफी नुकसान हुआ है इसलिए हाईकोर्ट ने नए सत्र में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार को सशर्त अनुमति जारी कर दी है।