रतलाम ब्रेकिंग : जिला लीड बैंक प्रबंधक दिलीप सेठिया पदावनत, एक ग्रेड घटाई, अपात्रों और अपने वित्तीय अधिकार से अधिक के ऋण वितरण का मामला

अपात्रों को पात्रता से अधिक और अपने वित्तीय अधिकार से अधिक राशि के ऋण देने के मामले में रतलाम जिले के लीड बैंक प्रबंधक को पदावनत किया गया है।

रतलाम ब्रेकिंग : जिला लीड बैंक प्रबंधक दिलीप सेठिया पदावनत, एक ग्रेड घटाई, अपात्रों और अपने वित्तीय अधिकार से अधिक के ऋण वितरण का मामला
रतलाम जिला लीड बैंक प्रबंधक दिलीप सेठिया पदावनत।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बजाजखाना ब्रांच में शाखा प्रबंधक रहते गड़बड़ी करने के मामले में हुई कार्रवाई

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिला लीड बैंक प्रबंधक दिलीप सेठिया को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया प्रबंधन ने नियम विरुद्ध ऋण स्वीकृत करने का दोषी पाया है। बैंक प्रबंधन द्वारा सजा के तौर पर उन्हें पदावनत किया गया है। उनकी ग्रेड में कमी करते हुए उनके वेतन-भत्तों में भी कटौती की गई है। अब वे मौजूद वित्तीय अधिकार से कम वित्तीय अधिकारी वाले पद पर पदस्थ होंगे। सेठिया इससे पहले भी वित्तीय अनियमितता के मामले में दंडित किए जा चुके हैं।

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा रतलाम जिले के लीड बैंक प्रबंधक दिलीप सेठिया के विरुद्ध बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। उनकी ग्रेड में एक स्तर की कमी की गई है। उन्हें ग्रेड-4 से पदावनत करते हुए ग्रेड-3 का अधिकारी बना दिया गया है। बताया जा रहा है कि ग्रेड में कमी का आदेश इसी माह से प्रभावशील हो गया है।

अधिकारों से ज्यादा फाइनेंस का मामला

सूत्रों के मुताबिक लीड बैंक प्रबंधक सेठिया के विरुद्ध यह कार्रवाई उनके सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बजाजखाना ब्रांच (लोकेंद्र टॉकीज के समीप) में शाखा प्रबंधक के पद पर रहने के दौरान बरती गई अनियमितताओं के लिए की गई है। सेठिया इस पद पर यहां जून 2019 से 2021 के मध्य तक पदस्थ रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने वित्तीय अधिकारों से अधिक राशि के ऋण स्वीकृत किए थे। कई अपात्रों को भी ऋण स्वीकृत कर दिया था। इसकी भनक उच्चाधिकारियों को लगने पर उन्होंने मामला विजलेंस को सौंप दिया था। प्रबंधन द्वारा 2020 तक उनके द्वारा स्वीकृत किए गए ऋण का ऑडिट कराया गया जिसमें वित्तीय अनियमितता सामने आई।

लगभग 25 से अधिक मामलों में हुई गड़बड़ी!

बताया जा रहा है कि शाखा प्रबंधक रहते हुए सेठिया ने एक ऐसे व्यक्ति का भी ऋण स्वीकृत कर दिया था जो रतलाम जिले का निवासी न होकर अन्य जिले का था। उसने देवास में व्यवसाय के लिए ऋण के लिए आवेदन किया। चाहे गए ऋण की राशि शाखा प्रबंधक सेठिया के वित्तीय अधिकारों से अधिक होने के बाद भी ऋण स्वीकृत कर दिया गया। चर्चा है कि नियम विरुद्ध स्वीकृत हुए ऐसे ऋण की संख्या लगभग 25 से अधिक है। यह मामला सामने आने के बाद ही उन्हें बजाजखाना ब्रांच से हटाकर लीड बैंक प्रबंधक की जिम्मेदारी दी गई थी। दरअसल, लीड बैंक प्रबंधक को किसी प्रकार के ऋण इत्यादि स्वीकृत करने के अधिकार नहीं रहते। उनका काम शासन-प्रशासन और बैंकों के बीच शासकीय योजनाओं के मामले में समन्वय बनाए रखना होता है।

पहले भी की अनियमितता

सूत्रों से पता चला है कि दिलीप सेठिया रतलाम से पहले मुंबई में कार्यरत रहे थे। वहां भी उनकी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसकी जांच चल रही थी जिसमें भी उनकी कुछ वेतन वृद्धियां रोकी जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि रतलाम में रहने के दौरान की कुछ और गड़बड़ियों की भी जांच चल रही है।

पदावनत होने से यह होगा नुकसान

ग्रेड-4 के अधिकारी को अधिक राशि तक के ऋण स्वीकृत करने के अधिकार होते हैं जबकि ग्रेड-3 वाले को उससे लगभग आधी राशि के ही अधिकार रहते हैं। यानी अब सेठिया कम वित्तीय अधिकार वाले पद पर रह सकेंगे। अथवा बड़ी शाखा में शाखा प्रबंधक न रह कर समान स्तर की शाखा के दूसरे दर्जे के प्रभारी रहेंगे। ग्रेड कम होने से उनके वेतन, भत्ते सहित अन्य सुविधाएं भी कम हो जाएंगी। इस बारे में लीड बैंक प्रबंधक सेठिया का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।