क्या शहर के साथ हमारी सांसें भी बेच दी ? रात के अंधेरे में हुई गांधी उद्यान में ‘संवेदनाओं की हत्या’, समदड़िया ग्रुप से सुपारी लेने वालों ने कुल्हाड़ियों से किया कत्ल! देखें वीडियो...
रतलाम में हरियाली के हत्यारे सक्रिय हैं। बीती रात गांधी उद्यान में हरियाली के हत्यारों ने कई पड़ों की हत्या कर दी।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । बीती रात शहर के गांधी उद्यान परिसर में एक बार फिर संवेदनाओं की हत्या हो गई। कुछ वृक्ष आपके लिए ऑक्सीजन सहेज कर खड़े थे लेकिन एक निजी ठेकेदार से सुपारी उठाने वालों ने उन पर अंधाधुंध कुल्हाड़ियां और आरा मशीन चला दी। ऑक्सीजन बचाने के लिए आखिरी सांस तक ये वृक्ष हमलावरों से जूझते रहे और अंत में सिर कटी लाश की तरह जमींदोज हो गए। हरियाली की इस हत्या से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा है और आगे भी नहीं पड़ेगा। अगर भविष्य में आपको या आपकी भावी पीढ़ी की सांसें ऑक्सीजन की कमी से थम जाएं तो मातम मत मनाइयेगा। हमारे ‘नीरो’ बंसी बजाने में व्यस्त हैं, यह ‘रोम’ (शहर) जल रहा है तो जलता रहे।
कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के कारण यदि आपने किसी अपने को खोया है तो हमारी संवेदनाएं आपके साथ हैं। ईश्वर न करे कि किसी और के साथ ऐसा हो। हम और आप यह प्रार्थना सिर्फ ईश्वर से ही कर सकते हैं और केवल उसी से ही उम्मीद भी है। जब हमारे जिम्मेदार ही हमारी धरती मां का चीर (हरियाली) का हरण करने पर आमादा हों तो दूसरा कोई सहारा बचता भी नहीं। लोग कह रहे हैं विकासित करने के लिए किसी ने हमारे शहर को किसी के हाथों बेच दिया है। सौदा हमारी, आपकी और हमारी भावी पीढ़ी की सांसों का भी हुआ है। बताया जाता है कि खरीददार ने हमारे बीच के ही लोगों को हमारी और भावी पीढ़ी की सांसें छीन लेने की सुपारी दे दी है।
सुपारी लेने वालों सिर्फ चिंद सिक्कों से मतलब है। इसलिए वे कुल्हाड़ी सहित अन्य हथियार हमारी और आपकी संवेदनाओं पर अंधाधुंध बरसा रहे हैं। इससे संवेदनाओं की हत्या हो रही हो या फिर उनके द्वारा चलाई जा रही कुल्हाड़ी से उनका ही पैर कट जाए तो भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बीती रात वे ऐसा कर भी चुके हैं। बताया जा रहा है किसी समदड़िया ग्रुप को लाभ पहुंचाने की सुपारी लेने वाले संवेदनाओं के सौदागरों ने नगर निगम के सामने स्थत गांधी उद्यान परिसर के अनेक हरे-भरे पड़ों की हत्या कर दी। रात के अंधेरे में हरियाली का कत्ल करने वालों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने साफ कह दिया कि आपको जिसे भी फोन लगाना हो लगा तो, काम नहीं रुकेगा। उनके दम्भ से साफ है कि हरियाली के हत्यारों की मिलीभगत उन तमाम जिम्मेदारों तक से है जिन्हें ऐसे किसी भी कार्य को रोकने का दायित्व है।
अंकुर अभियान के तहत सीएम लगा रहे पेड़, यहां उजड़ रहे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्राणवायु को लेकर इतने चिंतित हैं कि जहां भी रहते हैं या जाते हैं वहां एक पेड़ अवश्य लगाते हैं। उद्देश्य हरियाली और प्राणवायु बढ़ाना है। इसके लिए उनके द्वारा अंकुर अभियान की शुरुआत भी की गई थी और प्रदेश के हर जिले को टारगेट भी दिए गए थे। एक तरफ सीएम पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। नियम तो यह है कि यदि कोई एक पेड़ काटता है तो उसे दस लगाना होंगे लेकिन रतलाम शहर में पेड़ लगाना तो दूर, रात के अंधेरे में हरे-भरे पेड़ों की बलि ली जा रही है।
यह कानून सिर्फ कागजों में बंद रहने के लिए है
जानकारी के अनुसार सरकार की अनुमति के बिना पेड़ को कटाना अपराध है। भारतीय वन कानून 1927 के के सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है। इसमें पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत दंडनीय अपराध माने गए हैं। पेड़ काटने का दोषी पाए जाने पर पेड़ की किस्म और मोटाई के अनुसार जुर्माना किया जा सकता है। 6 माह से लेकर 3 साल की जेल भी हो सकती है। हालांकि, यह कानून सिर्फ कागजों में कैद रहने तक के लिए ही।
पेड़ काटने के लिए अनुमति लेना जरूरी
किसान की कृषि भूमि पर वृक्ष काटने की अनुमति ग्राम पंचायत तथा दखलरहित भूमि (ऐसी भूमि जो सरकारी होती है) पर वृक्ष काटने की अनुमति जिला कलेक्टर देंगे। इसके लिए राजस्व विभाग के सारा पोर्टल (स्मार्ट एप्लिकेशन फॉर रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन- एसएएआरए) पर आवेदन करना होगा।