रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे नवाचार नीति ‘रेलवे के लिए स्टार्टअप’ का किया शुभारंभ, समाधान के लिए 11 प्रॉब्लम स्टेटमेंट की हुई पहचान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा रेलवे में स्टार्टअप का नवाचार शुरू किया गया है। उन्होंने इसकी लांचिंग रेल भवन से की। समारोह का प्रसारण वर्चुअल माध्यम से सभी रेलवे जोन और मंडलों में किया गया।
नई दिल्ली स्थित रेल भवन में हुआ लांचिंग समारोह, सभी रेलवे जोन और मंडलों में हुआ वर्चुअल प्रसारण
एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली / लखनऊ / झांसी । रेलवे में भारतीय स्टार्टअप / एमएसएमई / इनोवेटर्स / उद्यमियों द्वारा भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और संरक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाने के उद्देश्य से नवाचार की शुरुआत की गई है। इसके तहत राष्ट्रीय ट्रांस्पोर्टर भारतीय रेलवे ने स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के माध्यम नई दिल्ली स्थित रेल भवन में रेलवे के लिए स्टार्टअप लांच किया गया। इसका शुभारंभ रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। उन्होंने कहा कि- भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर लंबे समय से चल रही चर्चा ने आज शुरू की गई इस पहल के रूप में ठोस रूप ले लिया है।
इसका वार्चुअल प्रसारण विभन्न रेलवे जोन में मंडल कार्यालयों में किया गया। इसे उत्तर-मध्य रेल मुख्यालय के सभागार में महाप्रबंधक प्रमोद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा। इसमें प्रयागराज, झांसी और आगरा के डीआरएम भी मंडलीय अधिकारियों के साथ शामिल हुए। यह नीति बहुत बड़े और अब तक प्रयोग नहीं हुई स्टार्टअप की भागीदारी के आधार से संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण के क्षेत्र में पैमाने पर अधिक दक्षता लाएगी। लांचिंग के दौरान प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंत्री ने कहा इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।
कार्यक्रम के पहले चरण के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोन आदि से प्राप्त 100 से अधिक प्रॉबलम स्टेटमेंट में से 11 का समाधान खोजने के उद्देश्य से लांचिंग की गई है। इनमें रेल फ्रैक्चर और हेडवे की कमी आदि शामिल। इन्हें नवीन समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। रेल मंत्री ने स्टार्टअप का उपयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, स्केल और ईको सिस्टम के रूप में भारतीय रेलवे से समर्थन सुनिश्चित करने की बात भी कही। लांच किए इंडियन रेलवे इनोवेशन पोर्टल का वेब एड्रेस www.innovation.indianrailways.gov.in है।
ऐसी है भारतीय रेलवे की नवाचार नीति
- माइल स्टोन वार भुगतान के प्रावधान के साथ समान साझेदारी के आधार पर नवोन्मेषक को 1.5 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा।
- पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए प्रॉबलम स्टेटमेंट प्रारंभ होने से लेकर प्रोटोटाइप के विकास तक निर्धारित समय-सीमा के साथ प्रक्रिया ऑनलाइन है।
- रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन के आधार पर आगे लागू करने की स्थिति में अग्रिम हुई धनराशि प्रदान की जाएगी।
- नवप्रवर्तकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा। ऐसा रेल मंत्री द्वारा उद्घाटन किए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
- विकसित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार (आईपीआर) इनोवेटर के पास ही रहेंगे।
- इनोवेटर को सुनिश्चित डेवलेपमेंट ऑर्डर।
- विलम्ब से बचने के लिए मंडलीय स्तर पर संपूर्ण उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।
अब तक 160 प्रॉब्लम स्टेटमेंट मिले, समाधान के लिए 11 की हुई पहचान
मई में क्षेत्रीय इकाइयों को प्रॉबलम स्टेटमेंट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। इसके प्रत्युत्तर में अब तक लगभग 160 प्रॉबलम स्टेटमेंट प्राप्त हो चुके हैं। प्रारंभ में, नई नवाचार नीति के माध्यम से समाधान हेतु 11 प्रॉबलम स्टेटमेंट की पहचान की गई है और पोर्टल पर अपलोड किया गया है।
इन 11 प्रॉब्लम स्टेटमेंट की हुई पहचान
- ब्रोकेन रेल जांच प्रणाली।
- रेल स्ट्रेस निगरानी प्रणाली।
- भारतीय रेलवे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ इंटरऑपरेबल उपनगरीय खंड के लिए हेडवे सुधार प्रणाली।
- ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का ऑटोमेशन।
- हैवी हॉल फ्रेट वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन।
- इलेक्ट्रिक इंजिनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास।
- नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन।
- यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक टूल का विकास।
- ट्रैक सफाई मशीन।
- स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों एवं प्रशिक्षण उपरांत रिवीज़न के लिए ऐप।
- पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग।