डीपी ज्वैलर्स (अभूषण) के खेत में प्रतिबंध के बावजूद जला दी पराली, गैरेज संचालक का हुआ लाखों का नुकसान, पुलिस तक पहुंचा मामला, देखें वीडियो...

रतलाम के एक गैरेज के संचालक ने शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी डीपी ज्वैलर्स (आभूषण) के खेत में पराली जलाने से उसका सामान जलने की शिकायत पुलिस से की है।

डीपी ज्वैलर्स (अभूषण) के खेत में प्रतिबंध के बावजूद जला दी पराली, गैरेज संचालक का हुआ लाखों का नुकसान, पुलिस तक पहुंचा मामला, देखें वीडियो...
डीपी ज्वैलर्स (अभूषण) के खेत में पराली जलाने से लगी गैरेज में आग।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम शेयर बाजार में लिस्टेड फर्म डीपी ज्वैलर्स (डीपी अभूषण) फिर चर्चा में है। इस बार मामला संस्थान के संचालकों के खेत में प्रतिबंध के बावजूद पराली जलाने का है। खेत के पास स्थित एक गैरेज के संचालक ने इसकी शिकायत पुलिस से की है। उसका आरोप है कि पराली जलाने से उसके गैरेज में आग लग गई जिससे उसका लाखों रुपए का नुकसान हो गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में डीपी ज्वैलर्स प्रबंधन की ने चुप्पी साध रखी है जो घटनाक्रम को लेकर उसकी मौन स्वीकृति प्रदर्शित कर रही है।

शहर के हरमाला रोड निवासी शाहरुख पिता जाकिर गौरी ने सालाखेड़ी पुलिस चौकी पर लिखित आवेदन दिया है। इसमें शाहरुख ने बताया कि सालाखेड़ी में नेशनल ढाबे के पास न्यू जाकिर मोटर बॉडी नाम से गैरेज है। उसी के पास में डीपी ज्वैलर्स वालों का खेत है जिसे अंतरसिंह दरबार नाम का व्यक्ति हांकता है। शुक्रवार तड़के उक्त खेत में पराली (नरवाई) जलाने के लिए आग लगाई गई। यह आग शाहरुख के गैरेज तक भी पहुंच गई और वहां रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। आग लगने की सूचना उसे आसपास के लोगों से मिली।

5 लाख रुपए का हुआ नुकसान

गैरेज संचालक शाहरुख ने एसीएन टाइम्स को बताया कि गैरेज में बोलेरो, लोडिंग वाहन के बॉडी पार्ट्स, नए टायर, चार पहिया वाहन और महंगे सेंसर सहित अन्य सामान रखा था। यह सारा सामान आग में जल गया। इससे उन्हें तकरीबन 5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। शाहरुख खान के आवेदन पर सालाखेड़ी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।

पराली जलाने पर है प्रतिबंध

बता दें कि, प्रशासन ने पराली (नरवाई) जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। पराली जलाने से पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ता है। यही वजह है कि इस पर प्रतिबंध लगाया गया है। पराली जलाने पर दंड का प्रावधान भी है। इसके बावजूद आए दिन कहीं न कहीं पराली जलाई जा रही है। ऐसे में कथित तौर पर डीपी ज्वैलर्स के खेत में पराली जलाने को लेकर प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।

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पीछा नहीं छोड़ रहे विवाद

देश का 11वां और दूसरा सबसे बड़ा शोरूम रतलाम में खोलने वाली डीपी ज्वैलर्स शेयर बाजार में डीपी आभूषण के नाम पर लिस्टेड है। बड़ी फर्म होने के बाद भी पिछले दिनों एक धार्मिक आयोजन के 400 से ज्यादा होर्डिंग और स्वागत द्वारा संस्थान ने नगर निगम से अनुमति लिए बिना ही तान दिए। इसके लिए नगर निगम द्वारा डीपी आभूषण (डीपी ज्वैलर्स) को 1.80 लाख रुपए जमा कराने का नोटिस थमाया है। इससे 3000 करोड़ रुपए के टर्न ओवर वाले व्यापारिक समूह की काफी किरकिरी हुई है।

प्रबंधन की चुप्पी अपराधबोध की मौन स्वीकृति तो नहीं

उपरोक्त मामले को लेकर एसीएन टाइम्स द्वारा डीपी ज्वैलर्स (डीपी अभूषण) के संचालकों से उनका पक्ष जानने का काफी प्रयास किया गया। इसके लिए संस्थान के एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग प्रभारी से लेकर वरिष्ठ सदस्य रतनलाल कटारिया तक को मैसेज डाले गए लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि, संस्थान के एक कर्मचारी का कहना है कि उक्त खेत डीपी ज्वैलर्स के नहीं हैं। अब सवाल उठता है कि यही बात कहने से संस्थान के जिम्मेदार क्यों बच रहे हैं? प्रबंधन और प्रबंधन से जुड़े लोगों की यह की यह चुप्पी उनके अपराध बोध की मौन स्वीकृति प्रतीत होती है।