आचार संहिता : चुनाव के दौरान क्या-क्या रहेगा प्रतिबंधित व वर्जित और किस काम का करवाना होगा प्रमाणीकरण, सबकुछ जानिए इस खबर में
भारत निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापन को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू है। भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण करवाने के लिए कई बंदिशें लगाई हैं। कुछ कार्यों के लिए प्रमाणीकरण भी करवाना होगा। ऐसा नहीं करने पर उम्मीदवार और राजनैतिक दल को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लागू आचार संहित में चुनाव प्रचार में बाल श्रमिकों के उपयोग से लेकर मीडिया में विज्ञापन प्रसारित करने तक हर कार्य के लिए कोई न कोई नियम है।
चुनाव प्रचार-प्रसार एवं राजनैतिक गतिविधियों में बालश्रम का उपयोग वर्जित
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी भास्कर लक्षाकार ने विधानसभा निर्वाचन-2023 के दौरान राजनैतिक दल, प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले निर्वाचन प्रचार-प्रसार एवं राजनैतिक गतिविधियों में बाल श्रम का उपयोग बालक श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम-1986 अंतर्गत पूर्णतः वर्जित किया है। जारी आदेशानुसार किसी भी राजनैतिक दल, प्रत्याशियों, निर्वाचन अधिकारियों द्वारा यदि बाल श्रम का नियोजन किया जाना पाया जाता है, तो बालक श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 की धारा-14 के तहत् नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश विधानसभा निर्वाचन-2023 प्रक्रिया सम्पन्न होने तक प्रभावशील रहेगा।
बल्क में भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी कराना होगा प्रमाणन
राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों एवं उनके समर्थकों द्वारा मोबाइल पर भेजे जाने वाले एसएमएस और वॉयस मैसेज का भी इन्हें जारी करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति से प्रमाणित कराना अनिवार्य किया है। आयोग ने कहा है कि यह जरूरी है कि बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज की भी मॉनीटरिंग की जाए ताकि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान इस सुविधा का दुरुपयोग न हो सके तथा निर्वाचन नियमों एवं आदर्श आचार संहिता का किसी तरह से उल्लंघन न हो। आयोग ने बल्क एसएमएस को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का ही एक हिस्सा मानते हुए कहा है कि चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भेजे जाने वाले सभी तरह के बल्क एसएमएस एवं वॉयस मैसेज भेजने पर किया गया खर्च राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों को निर्वाचन व्यय लेखे में शामिल करना होगा। आयोग ने कहा सभी मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों को भी इन निर्देशों का पालन करना होगा।
हवाई यात्रा करने वालों पर भी रहेगी नजर
आयोग ने निर्वाचन वाले राज्यों में चार्टर्ड विमानों, हेलीकॉप्टरों एवं वाणिज्यिक विमानों के माध्यम से अनाधिकृत रूप से अस्त्र-शस्त्र, निषिद्ध वस्तुओं अथवा बड़ी मात्रा में नकदी एवं बहुमूल्य धातुओं के परिवहन पर रोक लगाने के उद्देश्य से हवाई यात्रा करने वाले लोगों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने कहा है कि मतदान वाले राज्यों में चुनावी प्रक्रिया के समय हवाई अड्डे पर यात्रियों व सामानों की तलाशी तथा जांच संबंधी सभी नियमों व पद्धतियों का बिना किसी अपवाद के कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए। निर्देशों में कहा गया है कि विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) को निर्वाचन वाले राज्य में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा संबंधित जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारी को चार्टर विमान या हेलीकॉप्टर की यात्रा योजना के बारे में कम से कम आधे घंटे पहले सूचित करना होगा।
आयोग के मुताबिक चुनाव वाले राज्यों में वाणिज्यिक एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले और उतरने वाले सभी निजी विमानों या हेलीकॉप्टरों का एटीसी (विमान यातायात नियंत्रण) द्वारा रिकॉर्ड रखा जाएगा तथा इसकी सूचना की एक प्रति संबंधित राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा उस जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध करानी होगी। निजी या चार्टर विमान अथवा कामर्शियल फ्लाइट या हेलिकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों के हाथ में ले जाये जाने वाले सामान सहित पूरे सामान की जांच हवाई अड्डे पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अथवा राज्य या केन्द्र शासित राज्यों के पुलिस अधिकारियों को बिना किसी छूट के पूरी जांच करनी होगी।
आयकर विभाग को करना होगी यह कार्रवाई
आयोग के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों को जांच में 10 लाख रुपए की नगदी अथवा एक किलो सोना या इससे अधिक मूल्य का सोना-चांदी, हीरा जवाहरात पाए जाने पर आयकर विभाग को तुरंत सूचित करना होगा। सूचना प्राप्त होने पर आयकर विभाग द्वारा आयकर नियमों के अनुरूप सत्यापन किया जाएगा और सत्यापन के दौरान संतोषजनक स्पष्टीकरण न दिए जाने पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इस तरह की बहुमूल्य धातु या नगदी की मुक्ति के पहले आयकर विभाग को निर्वाचन आयोग, राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी को सूचित करना होगा। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सुरक्षा बल और आयकर विभाग को हवाई अड्डे पर यात्रियों की जांच, बहुमूल्य धातुओं या नकदी की खोज से लेकर जब्ती अथवा मुक्त करने तक का पूरी प्रक्रिया का संपादन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में करना होगा।
ई-पेपर के विज्ञापन का भी कराना होगा प्री प्रमाणीकरण
भारत निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि ई-पेपर पर दिए जाने वाले राजनैतिक विज्ञापन का भी प्री-सर्टिफिकेशन संबंधित राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार को करवाना जरूरी होगा। इसी तरह चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अपने स्वयं का सोशल मीडिया एकाउण्ट, वेबसाइट, ब्लॉग एवं ई-मेल आईडी की जानकारी नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किए जाने वाले शपथ पत्र में अनिवार्य रूप से उल्लेखित करनी होगी। आयोग के दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई राजनैतिक दल अथवा उम्मीदवार स्वयं का ब्लॉग, वेबसाइट अथवा सोशल मीडिया एकाउण्ट पर इस तरह की सामग्री चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पोस्ट या अपलोड करता है तो उसे राजनैतिक विज्ञापन नहीं माना जाएगा। इसके लिए मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी से प्री-सर्टिफिकेशन लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
विज्ञापन पर प्रकाशक व मुद्रक का नाम जरूरी वरना जुर्माना व दंड होगा
आरपी एक्ट 1957 की धारा 127 ए में यह प्रावधान है कि निर्वाचन विज्ञापन हेतु प्रिंट किए जाने वाली पम्फलेट, हैंड बिल, पोस्टर या अदर डॉक्यूमेंट में प्रकाशक और मुद्रका नाम एवं पता अंकित होना अनिवार्य है। उल्लंघन होने पर 2 वर्ष का कारावास अथवा 2000 रुपए जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।