अजब-गजब : गोल गप्पे ने UPI से ही करवा दी इतनी कमाई कि GST विभाग ने भेज दिया नोटिस, जानिए- क्या है पूरा मामला

सावधान ! अगर आप कारोबारी हैं और सेवाओं या वस्तु बेचने के बदले यूपीआई से पेमेंट प्राप्त कर रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें वरना आप भी पानी पूरी वाले की तरह ही टैक्स चोरी के अपराधी बन जाएंगे।

अजब-गजब : गोल गप्पे ने UPI से ही करवा दी इतनी कमाई कि GST विभाग ने भेज दिया नोटिस, जानिए- क्या है पूरा मामला
गोल गप्पे वाले को जारी हुआ जीएसटी का नोटिस, सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल।

एसीएन टाइम्स @ डेस्क । जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करने वाले एक गोलगप्पे वाले को जारी नोटिस सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसके अनुसार गोलगप्पे ने सिर्फ Unified Payments Interface (UPI) के माध्यम से ही इतनी कमाई करवा दी कि विक्रेता जीएसटी (GST) के दायरे में आ गया। 

वायरल नोटिस पर 17 दिसंबर, 2024 की तारीख अंकित है। तमिलनाडु गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स एक्ट 2017 (TNGST Act 2017) के सेक्शन 70 तथा सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेस एक्ट 2017 (CGST Act 2017) के अंतर्गत जारी किया गया है। इसके अनुसार पानी पूरी वाले एक वेंडर ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में Unified Payments Interface (UPI) पेमेंट गेटवे RazorPay और Phonepe के माध्यम से 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 के दौरान ग्राहकों से भुगतान प्राप्त किया। 2023-24 में इसका आंकड़ा 40,11,019 (चालीस लाख 11 हजार उन्नीस) रुपए पहुंच गया। यह आय तमिलनाडु गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स एक्ट 2017 के सेक्शन 70 तथा सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेस एक्ट 2017 के दायरे में आती है। जिसके लिए पानी पूरी वाले द्वारा पंजीकरण नहीं कराया है। 

यह है प्रावधान जीएसटी एक्ट में

कर सलाहकार अनिल परवाल के अनुसार किसी भी राज्य के जीएसटी अधिनियम व सीजीएसटी अधिनियम - 2017 की धारा 22 की उपधारा (1) के अनुसार, एक वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपए के कुल लाभ वाले प्रत्येक आपूर्तिकर्ता को पंजीकरण कराना जरूरी है। सरकार ने धारा 23 की उपधारा (2) में जारी अधिसूचना के अनुसार 40 लाख रुपए तक आय वाले किसी भी व्यक्ति को पंजीकरण प्राप्त करने से छूट दी है, जो माल की विशेष आपूर्ति में लगे हुए हों। 

सीमा पार करने पर अपराध माना जाएगा

कर सलाहकार परवाल के अनुसार निर्धारित छूट की सीमा पार करने के बाद भी जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किए बिना ही यदि वस्तुओं/सेवाओं की आपूर्ति की जाती है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए टीएनजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 122(1)(xi) के तहत दंडनीय है। यह दंड 10,000 रुपए अथवा देय कर का 10%, जो भी अधिक हो, तक बढ़ाया जा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो 20 लाख से ऊपर के टर्न ओवर पर GST का रजिस्ट्रेशन लेना है और 40 लाख से ऊपर के ट्रांजेक्शन पर यदि टैक्सेबल गुड्स बेचा है तो टैक्स भी देना है।

अब इसलिए आ रहे ऐसे मामले

बता दें कि पहले बैंक के पास से खातों के कुल ट्रांजेक्शन की जानकारी सिर्फ आयकर विभाग के पास ही जाती थी। अब आयकर विभाग और जीएसटी विभाग द्वारा एक दूसरे से जानकारी साझा की जाने लगी है। इस कारण ऐसे लेन-देन ज्यादा पकड़ में आ रहे हैं। इसलिए नियमों जो कुछ भी कर रहे हैं नियमों के दायरे में रह कर ही करें ताकि बाद में मुसीबत गले न पड़ जाए।