खबरें लोकसभा चुनाव की : रतलाम जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश और निर्देश पढ़ें एक जगह, जानिए- कौन सी लगी बंदिश और कहां चला प्रशासन का डंडा

लोकसभा चुनाव 2024 की आदर्श आचरण संहित लागू होते ही विभिन्न अधनियम प्रभावी हो गए हैं। इसके साथ ही सारी शक्तियां प्रशासन के पास आ गई हैं और विभिन्न प्रकार की बंदिशें भी लागू हो गई हैं जिनकी मॉनिटरिंग जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी कर रहे हैं।

खबरें लोकसभा चुनाव की : रतलाम जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश और निर्देश पढ़ें एक जगह, जानिए- कौन सी लगी बंदिश और कहां चला प्रशासन का डंडा
लोकसभा निर्वाचन को लेकर रतलाम जिला दंडाधिकारी राजेश बाथम ने जारी किए आदेश और निर्देश।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । लोकसभा चुनाव की आदर्श आचरण संहिता लागू होते ही जिला निर्वाचन मोड पर आ गया है। वीआईपी सिस्टम भी आचरण संहिता के दायरे में आ गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी सह कलेक्टर द्वारा लागू की गई निषेधाज्ञा प्रभावशील हो गई है। व्यवस्थाओं पर नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की अनुमतियों के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं।

जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित

लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के दृष्टिगत रतलाम जिला मुख्यालय पर जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसका दूरभाष क्रमांक 07412 270487 है। इसके प्रभारी सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा सोहनसिंह ठाकुर का मोबाइल नंबर 9424809171 तथा 9479317121 है। कंट्रोल रूम 24 घंटे कार्य करेगा। इस पर दल प्रभारी सहायक मानचित्रकार अमित गीते तथा महिपाल गणावा के साथ सहयोगी कर्मचारी की भी नियुक्ति की गई है। कंट्रोल रूम पर दूरभाष से शिकायत तथा सूचना को सुना जाएगा और रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। शिकायत तथा सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी।

कोलाहल नियंत्रण अधिनियम लागू

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बाथम ने मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत रतलाम जिले की संपूर्ण राजस्व सीमाओं को आगामी आदेश तक कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया है। आदेश के अनुसार संपूर्ण जिले में रात 10.00 से सुबह 6.00 बजे तक लाउड स्पीकर तथा ध्वनि विस्तार यंत्रों का सार्वजनिक उपयोग पूर्णत प्रतिबंधित रहेगा। सक्षम अधिकारी की अनुमति से ही सुबह 6.00 बजे से रात 10.00 बजे तक ध्वनि मानक 40 डेसीबल या कुल क्षमता का 1/4 वॉल्यूम में से जो भी कम हो पर ध्वनि विस्तार यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। वाहन पर ध्वनि विस्तार यंत्र के उपयोग की स्थिति में वाहन का पंजीयन, ड्राइविंग लाइसेंस, बीमा, फिटनेस आदि दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है।

यदि चलित वाहन में लाउड स्पीकर का प्रयोग किया जाता है तो उपयोग में लाए जाने वाले मार्ग अथवा क्षेत्र का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। शासकीय विश्राम भवन, न्यायालय, चिकित्सालय, कलेक्ट्रेट, जेल, विद्यालय, शासकीय कार्यालय, पुलिस थाना, बैंक, दूरसंचार तथा अन्य क्षेत्र (जो अन्यथा घोषित किया जाएगा) से 200 मीटर की परिधि में ध्वनि विस्तार यंत्रों के प्रयोग की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। किसी भी आमसभा, जुलूस या चलित वाहन में ध्वनि विस्तार यंत्र दो लाउड स्पीकर के प्रयोग की अनुमति कम से कम 48 घंटे पूर्व संबंधित सक्षम अधिकारी से प्राप्त करना होगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध लोग प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण 1985 के प्रावधानों के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी

ध्वनि विस्तार यंत्र के प्रयोग की अनुमति के लिए अधिकारियों को उनके क्षेत्र में अनुमति प्रदान करने हेतु सक्षम अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनमें अपर जिला दंडाधिकारी का क्षेत्र संपूर्ण जिला सम्मिलित होने की स्थिति में रहेगा। इसी प्रकार अनुविभागीय दंडाधिकारी अपने-अपने अनुभाग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सक्षम अधिकारी होंगे।

जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

अस्त्र-शस्त्र, हवाई फायर पर रोक : कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बाथम ने संपूर्ण रतलाम जिले में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत निषेधाज्ञा लागू की है। सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक स्थान पर एक समय में पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं हो सकेंगे। कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार के धारदार या अन्य हथियार आग्नेय शस्त्र, हाकी, डंडा, रॉड इत्यादि लेकर नहीं चल सकेंगे। इसके दुरुपयोग और प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा। उत्सव तथा समारोह में हवाई फायर वर्जित है। कोई भी व्यक्ति समूह संस्था या अन्य सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना किसी भी स्थान पर सभा, धरना, प्रदर्शन, जुलूस, वाहन संधारण रैली आदि आयोजित नहीं कर पाएंगे। शासकीय, अशासकीय स्कूल, मैदान, भवन, शासकीय कार्यालय परिसर पर किसी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगी।

पटाखे नहीं छूटेंगे, ध्वनि विस्तारक पर भी कंट्रोल : कोई व्यक्ति, संस्था, समूह या अन्य डीजे अथवा बैंड का संचालक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना बैंड, डीजे, ध्वनि विस्तार यंत्र का उपयोग नहीं कर सकेंगे। सभी मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 तथा इस संबंध में शासन के अन्य नियमों का पूर्ण पालन करना जरूरी होगा। कोई व्यक्ति, संस्था, समूह या अन्य कोई भी धरना, जुलूस, प्रदर्शन, सभा या रैली आदि में एसिड, पेट्रोल, केरोसिन आदि ज्वलनशील पदार्थ अपने पास नहीं रख सकेंगे। इसका उपयोग पूरी तरह प्रतिबंदित होगा। धरना, जुलूस, प्रदर्शन, सभा या रैली आदि में पटाखे, विस्फोटक सामग्री का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। अनुज्ञप्तिधारी को छोड़ कोई भी व्यक्ति बारूद, पटाखों का संग्रहण निर्माण या परिवहन नहीं कर सकेंगे।

सोशल मीडिया पर रहोगी नजर : कोई भी व्यक्ति, संस्था, समूह या अन्य किसी भी स्थान पर किसी भी प्रयोजन हेतु सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना टेंट, पंडाल आदि का स्थायी या अस्थायी निर्माण नहीं किया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या अन्य पक्ष किसी भी सड़क, मार्ग, हाईवे आदि पर एकत्र होकर यातायात में व्यवधान नहीं करेंगे। किसी अन्य प्रकार से कोई रुकावट उत्पन्न नहीं कर पाएंगे। किसी व्यक्ति को आने-जाने एवं उसके कार्य करने से नहीं रोकेंगे। कोई भी व्यक्ति, समूह, संस्था या ग्रुप एडमिन या अन्य सोशल मीडिया इलेक्ट्रॉनिक संसाधन जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, फेसबुक, ईमेल, व्हाट्स एप एवं अन्य प्रकार के संचार साधनों पर किसी दल, धर्म, जाति, संप्रदाय, संस्था, व्यक्ति विरोधी एवं आम लोगों की भावना भड़काने तथा कानूनी व्यवस्था की विपरीत स्थिति निर्मित करने वाले आपत्तिजनक मैसेज, चित्र, कमेंट, बैनर, पोस्टर आदि अपलोड नहीं करेगा। मतदान दिनांक को मतदान केंद्र में तथा मतगणना के दिन मतगणना स्थल पर एवं इन स्थानों की निर्धारित परिधि में सेल्यtलर फोन का उपयोग नहीं किया जा सकेगा और ना ही कोई व्यक्ति सेल्युलर फोन रख सकेगा। कोई भी व्यक्ति किराएदार रखेगा उसकी सूचना तत्काल संबंधित थाना प्रभारी को देगा। समस्त होटल, लॉज तथा धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी उस संस्था के मैनेजर, स्वामी द्वारा संबंधित थाना प्रभारी को प्रतिदिन अवगत कराएंगे।

कुछ करना है तो अनुमति लेनी होगी : जारी आदेश के संबंध में सक्षम प्राधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं, इनमें संपूर्ण जिला सम्मिलित होने की स्थिति में अपर जिला दंडाधिकारी तथा अपने-अपने अनुभाग, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत अनुविभागीय दण्डाधिकारी सक्षम प्राधिकारी रहेंगे। आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। आदेश तत्काल प्रभावशील होकर लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 की प्रक्रिया पूर्ण होने तक प्रभावशील रहेगा। 

विभिन्न अनुमतियां प्रदान करने के लिए सक्षम अधिकारी घोषित

जिला दंडाधिकारी बाथम ने रतलाम जिले की पांचों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 219 रतलाम ग्रामीण (अजजा), 220 रतलाम सिटी, 221 सैलाना (अजजा), 222 जावरा तथा 223 आलोट (अजा) की निर्धारित सीमाओं के लिए सक्षण अधिकारी घोषित किए हैं। संपूर्ण जिला सम्मिलित होने की स्थिति में अपर जिला दंडाधिकारी सक्षम अधिकारी होंगे। इसी प्रकार अपने-अपने अनुभाग, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत अनुविभागीय दंडाअधिकारी सक्षम अधिकारी होंगे। ये विभिन्न राजनीतिक दलों, अभ्यर्थियों, व्यक्तियों आदि को चुनाव प्रचार प्रसार के उपयोग हेतु वाहनों, आमसभा, जुलूस, हेलीपैड तथा अन्य कार्यों की अनुमति प्रदान करेंगे। 

विश्राम भवन अधिग्रहित

जिला दंडाधिकारी ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 160 के प्रावधानों के अनुसार विभिन्न विश्राम गृहों को अधिग्रहित कर लिया गया है। इनमें रतलाम जिले में स्थित समस्त सर्किट हाउस, रेस्ट हाउस, विश्रामगृह तथा रतलाम स्थित इप्का गेस्ट हाउस सम्मिलित है। जारी आदेश के अनुसार विश्राम गृहों का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा। विश्राम गृह परिसर में निर्वाचन की आदर्श आचार संहिता का पालन करवाना होगा। बगैर अनुमति के विश्राम गृह किसी अन्य को आवंटित नहीं किया जाएगा। 

वाहन अधिग्रहित

जिला दंडाधिकारी निर्वाचन की घोषणा दिनांक से परिणाम घोषित होने की दिनांक तक के लिए वाहनों को अधिग्रहित कर लिया है। इसमें केंद्र और राज्य शासन के उपक्रम, संयुक्त क्षेत्र के उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाओं, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, नगर पालिका निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, विपणन बोर्ड, विपणन संस्थाएं, कृषि उपज मंडी समितियां, प्राधिकरण या अन्य ऐसे निकाय विभाग जिनमें सरकारी धन का छोटा सा भी अंश निवेश किया गया हो, उनके वाहन शामिल है।

अधिकारियों-कर्मचारियों के अवकाश प्रतिबंध

जिला दंडाधिकारी बाथम ने जिले में केंद्र, राज्य शासन एवं केंद्र तथा राज्य शासन के उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाओं, नगरीय निकायों आदि, शासकीय तथा अर्द्ध शासकीय विभाग में सेवारत अधिकारियों तथा कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। जारी आदेश के अनुसार कलेक्टर की सहमति के बगैर किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। अवकाश स्वीकृति के लिए प्रकरण सिर्फ उस स्थिति में मान्य होगा अथवा अनुशंसित किया जाएगा जब संबंधित अधिकारी या कर्मचारी का अवकाश पर जाना अत्यंत आवश्यक हो। ऐसा नहीं होने पर उनका अवकाश आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा। अवकाश स्वीकृति अनुशंसा के लिए प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के कर्मचारियों की नस्ती मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत तथा नोडल अधिकारी मैनपॉवर के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के अवकाश प्रकरण का निराकरण नोडल अधिकारी मैनपॉवर स्वयं अपने स्तर से करेंगे।

शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित

जिला दंडाधिकारी ने लोकहित में शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 17 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए समस्त शस्त्र लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित करके निर्देश जारी किए हैं। इसमें रतलाम जिले में स्थित समस्त थाना क्षेत्र की सीमाओं में रहने वाले शस्त्र लाइसेंसधारी शामिल हैं। जारी आदेश अनुसार कोई भी व्यक्ति निर्वाचन की संपूर्ण प्रक्रिया समाप्त होने तक अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग व उपयोग नहीं कर सकेगा। सभी को आदेश जारी होने के तीन दिन के भीतर अपने-अपने शस्त्र संबंधित पुलिस थाने के थाना प्रभारी के पास जमा करवाने होंगे। ऐसा करने पर सभी लाइसेंसधारियों को शस्त्र जमा करने की पावती दी जाएगी। शस्त्र डीलर के पास जमा करने पर डीलर द्वारा शस्त्र जमाकर्ता को रसीद प्रदान की जाएगी। इसकी छायाप्रति शस्त्र लाइसेंसधारी को संबंधित थाने में शस्त्र जमा करने के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करना होगी। शस्त्र डीलरों को शस्त्र जमा करने वाले लाइसेंसधारियों की सूची संबंधित थाने एवं कलेक्टर कार्यालय की शस्त्र शाखा में सात दिन में प्रस्तुत करना अनिवार्य है।

अस्त्र-शस्त्र और कारतूस खरीदने-बेचने पर रोक : निर्वाचन अवधि में अनुज्ञप्तिधारी शस्त्र विक्रेता किसी को भी अस्त्र-शस्त्र एवं कारतूस का क्रय-विक्रय नहीं कर सकेंगे। आदेश जारी होने की तारीख के अंतिम स्टॉक की जानकारी संबंधित पुलिस थाने तथा कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करना होगी। सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, नगर पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाले अनुज्ञप्तिधारी शस्त्र डीलरों का प्रति सप्ताह संयुक्त भौतिक सत्यापन करना होगा। जमा शस्त्र सुरक्षित रखने का दायित्व संबंधित जमा करने वाले का होगा।

सार्वजनिक संपित्त का नहीं कर सकेंगे दुरुपयोग

मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 के अंतर्गत भी आदेश प्रभावी हो गया है। यानी अब कोई भी सामान्य, जनसामान्य रूप में या कोई भी राजनीतिक दल, उसका कार्यकर्ता, पदाधिकारी सामान्य या राजनीतिक प्रयोजन से शासकीय परिसर का उपयोग राजनीतिक या सामान्य किसी भी प्रकार की प्रचार की सामग्री के प्रदर्शन के लिए नहीं कर पाएगा। शासकीय भवन पर किसी प्रकार के पोस्टर, बैनर, स्लोगन, नारे आदि लिखने अथवा ऐसी कोई प्रचार सामग्री चस्पा करने पर प्रतिबंध रहेगा। टेलीफोन या बिजली के खंबे, शासकीय स्थलों के वृक्ष, सड़क, डिवाइडर, सार्वजनिक स्थलों के चबूतरे, स्थानीय निकायों द्वारा निर्मित संरचनाओं आदि पर भी झंडा, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स आदि लगाने और प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध रहेगा। सरकारी सड़क मार्ग को क्रॉस करती (आर-पार) या उसके समानांतर झंडिया, लाइट की सीरीज, चांदनी आदि नहीं लगा सकेंगे। निजी संपत्तियों पर संबंधित भूमि, भवन स्वामी की लिखित अनुमति के बिना कोई प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं की जाएगी।

ये करेंगे उल्लंघन पर कार्रवाई : उक्त निर्देशों का पालन नहीं करने पर त्रुटि कर्ता के विरुद्ध जिला दंडाधिकारी द्वारा गठित लोक संपत्ति सुरक्षा दल कार्रवाई करेगा। इस दल में नगर पालिका निगम रतलाम, नगर पालिका जावरा तथा जिले के समस्त नगर परिषद क्षेत्र के लिए नोडल अधिकारी, संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त या मुख्य नगर पालिका अधिकारी शामिल किए गए हैं। नियंत्रणकर्ता अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी रहेंगे। जनपद पंचायतों के लिए संबंधी जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नोडल अधिकारी रहेंगे। इन पर नियंत्रण अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत का रहेगा।

1000 रुपए तक का होगा जुर्माना : बता दें कि मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 3 में जुर्माने और कार्रवाई का स्पष्ट उल्लेख है। इसके अनुसार संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खड़िया, रंग, पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित कर विरूपित करने पर 1000 रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा। इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई भी अपराध संज्ञेय है।