न्यायालय का फैसला : पहलवान बाबा की दरगाह का अतिक्रमण हटाने पर लगी रोक हटी, प्रशासन फिर शुरू कर सकेगा कार्रवाई, फोरलेन निर्माण में बाधा बन रहा अतिक्रमण

रतलाम सेजावता सिटी फोरलेन में बाधक पहलवान बाबा की दरगाह के अतिक्रमण हटाने पर दिया गया स्टे न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इससे प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की राह आसान हो गई है।

न्यायालय का फैसला : पहलवान बाबा की दरगाह का अतिक्रमण हटाने पर लगी रोक हटी, प्रशासन फिर शुरू कर सकेगा कार्रवाई, फोरलेन निर्माण में बाधा बन रहा अतिक्रमण
पहलवान बाबा की दरगाह के अतिक्रमण हटाने की प्रशासन की कार्रवाई पर लगाई गई रोक न्यायालय ने हटा दी है।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । तृतीय व्यवहार न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव ने पहलवान बाबा दरगाह कमेटी को प्रशासन के विरुद्ध दिया गया स्टे खारिज कर दिया है। न्यायालय ने तहसीलदार की कार्रवाई को सही मानते हुए फैसला दिया है। इससे रतलाम-सेजावता सिटी फोरलेन निर्माण में आ रही बाधा दूर हो सकेगी।

रतलाम (जावरा फाटक से) सेजावता तक सिटी फोरलेन का निर्माण हो रहा है। इसमें धार्मिक स्थलों के अतिक्रमण के कारण व्यवधान हो रहा है। नतीजनत फोरलेन निर्माण का कार्य प्रभावित है। इससे वाहनों को आवाजाही में परेशानी होती है। अतिक्रमणों की जांच करने पर पाया गया था कि पहलवान बाबा की दरगाह का काफी हिस्सा सरकारी जमीन पर है। इसके आसापास भी अतिक्रमण हो गया था। इसके चलते लोक निर्माण विभाग द्वारा दरगाह कमेटी को नोटिस जारी कर नियत अवधि में अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। अतिक्रमण नहीं हटने पर प्रशासन ने खुद ही हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। इससे असंतुष्ट होकर दरगाह कमेटी की ओर से मुस्लिम पक्ष ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने 13 नवंबर को एक पक्षीय आदेश जारी कर प्रशासन की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

प्रशासन ने लगाई थी स्टे खारिज करने का गुहार

मामले में 14 नवंबर को शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर उक्त एक पक्षीय कार्रवाही और स्टे निरस्त करने का आवेदन प्रस्तुत किया था। इस पर 25 नवंबर को न्यायालय ने शासन के विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही निरस्त कर शासन को बॉय पार्ट कर स्टे पर बहस के लिए 26 नवंबर की तारीख नियत की थी। इस पर 26 नवंबर को तृतीय व्यवहार न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव के समक्ष दरगाह कमेटी के अधिवक्ता व शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार दोनों पक्षों ने दलीलें दीं। बस सुनकर न्यायालय ने शासन की ओर से प्रस्तुत स्टे निरस्ती का आवेदन स्वीकार कर 13 नवंबर को दिया गया स्टे आदेश निरस्त कर दिया। स्टे निरस्त होने के साथ ही प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई राह आसान हो गई है। बताया जा रहा है कि प्रशासन जल्द ही शेष रहे अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

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तहसीलदार के न्यायालय में भी जताई थी आपत्ति

बता दें कि प्रशासन की जांच में सर्वे क्रमांक 104 के रकबा 5.480 हेक्टेयर में से 0.020 हेक्टेयर भूमि पर दरगाह और आरआरसी का पक्का अवैध निर्माण किए जाने की बात सामने आई थी। तब 16.08.2024 को तहसीलदार न्यायाल द्वारा अनावेदक दरगाह कमेटी के सदस्य मजहर पिता फिरोज खान ने अधिवक्ता के माध्यम से आपत्ति दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था प्रार्थी द्वारा कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है। दरगाह व पक्का निर्माण उसके जन्म के पूर्व का है। इसका रिकॉर्ड भी वक्फ बोर्ड भोपाल में दर्ज है। यह भी कहा गया था कि दरगाह और निर्माण कार्य वक्फ बोर्ड का होकर सड़क पर नहीं है। अतः बिना तोड़-फोड़ किए सड़क का निर्माण किया जा सकता है।

प्रस्तुत नहीं किए थे वांछित दस्तावेज, इसलिए किया था बेदखल

दरगाह कमेटी सदस्य की ओर से अपनी आपत्ति और दावे के संबंध में तब वक्फ बोर्ड और अन्य किसी भी प्रकार का कोई वांछित दस्तावेज संलग्न नहीं किया था। अतः न्यायालय ने भी अपने आदेश में अनावेदक (समिति सदस्य मजहर पिता फिरोजखान) पहलवान बाबा दरगाह का ग्राम डोसीगांव की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 104 रकबा 5.480 हेक्टेयर में से रकबा 0.020 हेक्टेयर भूमि पर अवैध अतिक्रमण माना था जो कि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 248 (1) में अतिक्रमण की श्रेणी में आता है। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर ही न्यायालय ने अनावेदक (समिति सदस्य मजहर पिता फिरोजखान) पहलवान बाबा दरगाह को शासकीय भूमि से बेदखल कर दिया था।