रतलाम मेडिकल कॉलेज में यह क्या हो गया? 15 दिन में 1 के बजाय 3 बैठकें कर लीं और 5 लोगों के अंग प्रत्यारोपण की जारी कर दी स्वीकृति, क्योंकि...

रतलाम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आयोजित संभागीय अंगदान प्राधिकार समिति की बैठक में अंग प्रत्यारोपण के लिए तत्काल अनुमति प्रदान की गई।

रतलाम मेडिकल कॉलेज में यह क्या हो गया? 15 दिन में 1 के बजाय 3 बैठकें कर लीं और 5 लोगों के अंग प्रत्यारोपण की जारी कर दी स्वीकृति, क्योंकि...
संभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति द्वारा अंगदान करने वाले और प्रत्यारोपण कराने वाले मरीज के परिजन को अनुमति पत्र सौंपते हुए।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम मेडिकल कॉलेज की संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति की 15 दिन में एक बार बैठक नियत है। समिति ने इस अवधि में एक के बजाय तीन बैठकें कर डालीं। समिति ने नियम से परे जाकर ताबड़तोड़ में 5 मरीजों के अंग प्रत्यारोपण के लिए अनुमति भी जारी कर दी। समिति का कहना है कि जान है तो जहान है, इसलिए मरीज को जल्दी राहत मिल सके इसके लिए ऐसा किया गया है।

रतलाम मेडिकल कॉलेज की संभागीय अंगदान प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति को अंग प्रत्यारोपण के संबंधित में अनुमति जारी करने के अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए 15 दिन में बैठक बुलाकर अंग प्रत्यारोपण की अनुमति संबंधी निर्णय लेना नियत है। इसके विपरीत समिति ने 15 दिन में तीन बैठकें आहूत कर लीं और पांच लोगों के अंग प्रत्यारोपण के लिए अनुमतियां भी जारी कर दीं। रतलाम मेडिकल कॉलेज में संभागीय ऑर्गन प्रत्यारोपण प्राधिकार समिति के सदस्य मौजूद रहे। इनमें डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर नानावरे, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. महेंद्र चौहान, सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलम चार्ल्स, स्वयंसेवी संस्था काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी, वेकअप कनेक्ट टू केयर वेलफेयर सोसायटी की मनीषा ठक्कर, डॉ. अतुल कुमार व नर्सिंग ऑफिसर मीतिका भूरिया शामिल हैं जिनके सामने प्रत्यारोपण के सभी प्रकरण रखे गए।

...इसलिए वीडियो कॉन्फ्रेंस से जानी स्थिति

बैठक में बताया गया कि अखिलेश पाटीदार निवासी सिमलावदा जिला रतलाम (मध्य प्रदेश) की स्थिति ज्यादा खराब है। उनका किडनी प्रत्यारोपण नडियाद (गुजरात) में किया जा रहा है। स्थिति गंभीर होने से उन्हें यहां लाना संभव नहीं हो पा रहा है। इससे समिति ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से स्थिति देखी। इस संबंध में किडनी दान करने वाले अनोखीलाल एवं उनके परिवार के सदस्य ने परिवार की जानकारी सहित सभी दस्तावेज दिखाए। कुछ दस्तावेज में कमियां थीं जिन्हें दूर कराते हुए समिति ने तत्काल प्रत्यारोपण की अनुमति प्रदान कर दी।

सभी प्रकरणों का सूक्ष्मता से किया परीक्षण

डीन डॉ. गुप्ता ने बताया कि पांच प्रकरण को अलग-अलग दिन में आयोजित की गई तीन बैठकों में तत्काल आवश्यकता को देखते हुए रखा गया। सभी परकरणों को सूक्ष्मता से देखा गया तथा सहयोग कर स्वीकृति प्रदान की है। काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने कहा कि मरीज की गंभीर अवस्था को ध्यान देखते हुए 15 दिनों में तीन बैठक में सम्मिलित होकर स्वीकृति प्रदान की। वैसे 15 दिन में एक बैठक प्रत्यारोपण की बुलाई जाती है लेकिन मरीज की जान बचाना प्राथमिकता है।

कब, किसका, क्या हुआ

डॉ. अतुल कुमार ने बताया कि 13 अप्रैल को प्रथम बैठक में राजेश नागदा (36), निवासी जावद एवं अमर सिंह जादव (20) निवासी रतलाम को अनुमति दी। 17 अप्रैल को दूसरी बैठक हुई विशाल डांगी (13) निवासी सुसनेर (आगर मालवा) एवं मनीष पंवार (31) निवासी देवास को अनुमति दी गई। जबकि आखिरी बैठक में अनोखीलाल पाटीदार निवासी सिमलावदा जिला रतलाम को अंग प्रत्यारोपण की स्वीकृति दी गई। इनमें से विशाल डांगी को लीवर जबकि अन्य सभी को किडनी प्रत्यारोपण की स्वीकृति मिली। सभी मरीजों के परिजन ने संभागीय अंगदान प्राधिकार समिति रतलाम मेडिकल कॉलेज, डॉक्टरों एवं सदस्यों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।