कोविड-19 से जान गंवाने वाले व्यक्ति के वारिस को यह फॉर्म भरने पर मिलेगी 50 हजार रुपए अनुग्रह राशि, देखें फॉर्म और शर्तें
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर मृतक के वारिस को 50 हजार रुपए अनुग्रह राशि दी जाएगी।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) ने covid-19 से मृत्यु होने पर अऩुग्रह राशि देने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके चलते भारत सरकार (Indian government) के गृह मंत्रालय प्रभाग (Union Home Ministry) ने कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर मृतक के वारिस को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रभावित परिवार को एक फॉर्म भरना होगा।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि कोविड-19 से मृत्यु की परिभाषा भी सरकार द्वारा स्पष्ट की गई है। इसके अनुसार मृतक का कोरोना वायरस संक्रमित होना, आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट अथवा अस्पताल रोगी भर्ती सुविधा के दौरान जांच रिपोर्ट को कम से कम दो चिकित्सकों द्वारा हस्ताक्षर कर प्रमाणित होना जरूरी है। मृत्यु भी जांच की तारीख से 30 दिवस के भीतर हुई हो। मृत्यु अस्पताल या रोगी भर्ती सुविधा के बाहर भी हुई हो तो अनुग्रह राशि प्राप्त हो सकेगी।
फॉर्म 4 या फॉर्म 4ए में जारी मेडिकल सर्टिफिकेट में मृत्यु का कारण होना चाहिए
उन संक्रमित व्यक्तियों के परिजन भी आवेदन कर सकते हैं जिनकी मृत्यु किसी अस्पताल में भर्ती के दौरान 30 दिन के पश्चात हुई हो। यदि ऐसे प्रकरण में उपरोक्त कंडिकाओ की पूर्ति नहीं हो पाती है और मृत्यु किसी अस्पताल या निवास पर हुई हो तो उनके परिजन को रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा फॉर्म 4 अथवा फॉर्म 4ए में मेडिकल सर्टिफिकेट जारी होना जरूरी है। सर्टिफिकेट में डेथ ऑफ कॉज (मृत्यु का कारण) कोविड-19 भी लिखा होना चाहिए।
ये भी कर सकते हैं आवेदन
ऐसे मृत्यु के प्रकरण जो उपरोक्त कंडिका की पूर्ति नहीं करते या कोई एमसीसीडी (मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ कॉज ऑफ़ डेथ) उपलब्ध न हो अथवा मृतक के वारिस एमसीसीडी में उल्लेखित मृत्यु के कारण से संतुष्ट नहीं हों तो वे भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए जिला स्तर पर गठित जिला स्तरीय कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु प्रमाणित करने हेतु समिति के समक्ष आवेदन कर सकते हैं। जिला स्तरीय समिति में अपर जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य, एचओडी व विषय विशेषज्ञ शामिल होना जरूरी है।
इस तरह की जाएगी तारीख की गणना, अविवाहित विधिक संतान को भी होगी पात्रता
अनुग्रह राशि के लिए तारीख की गणना कोविड-19 संक्रमण के देश में प्रथम प्रकरण के प्रकाश में आ जाने की तारीख से की जाएगी। बता दें कि- अनुग्रह राशि का प्रावधान कोविड-19 संक्रमण को महामारी के रूप में अधिसूचना रद्द करने अथवा अनुग्रह राशि के संबंध में आगामी आदेश (जो भी पहले हो) तक प्रचलित रहेगा। प्रकरण में मृतक के पति या पत्नी (जैसी भी स्थिति हो) प्रथम हकदार होंगे। उपरोक्त के नहीं होने पर अविवाहित विधिक संतान को अनुग्रह राशि प्राप्त करने की पात्रता होगी। उपरोक्त के भी ना होने की स्थिति में माता-पिता हकदार होंगे।
आवेदन करने से पहले यह भी देखें
अनुग्रह राशि प्राप्त करने हेतु वारिस या आवेदक वारिस के 18 वर्ष से कम उम्र के होने की स्थिति में वारिस के अभिभावक द्वारा निर्दिष्ट समस्त दस्तावेजों के साथ आवेदन-पत्र कलेक्टर को प्रस्तुत करना होगा। स्वीकृति प्रक्रिया के अनुसार पात्र मृतक के वारिस को अनुग्रह राशि कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्वीकृत करेगा। आवेदन के साथ सभी सुसंगत दस्तावेज 30 दिवस की अवधि में किया जाना होगा।
आवेदन-पत्र के साथ ये दस्तावेज करना होंगे शामिल
- मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र।
- मृतक के आईडी प्रूफ की प्रमाणित प्रति।
- मृतक और दावेदार के बीच संबंध का प्रमाण (प्रमाणित प्रति), आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट
कोई अन्य संक्रमण प्रमाणित करने संबंधी जांच रिपोर्ट। - रिपोर्ट पर कम से कम 2 चिकित्सकों द्वारा हस्ताक्षरित की गई हो।
- रजिस्टर्ड चिकित्सक द्वारा फॉर्म 4 या फॉर्म 4ए (जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के तहत प्रावधानित) में जारी मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ कॉज डेफ डेथ (एमसीसीडी) उपलब्ध हो तो।