कर्म को परमात्मा से जोड़ने का प्रयास करें, मृत्यु से भयभीत न हों : महामंडलेश्वर चिदंबरानंद जी

महामंडलेश्वर चिदंबरानंद जी के अनुसार बिना तप के किया गया धर्म अधूरा है। धर्म

कर्म को परमात्मा से जोड़ने का प्रयास करें, मृत्यु से भयभीत न हों  : महामंडलेश्वर चिदंबरानंद जी
महामंडलेश्वर चिदंबरानंद जी

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सब सदैव जीना चाहते हैं लेकिन क्यों जीना चाहते हैं, इस बारे में विचार नहीं करते। प्रत्येक कर्म को परमात्मा से जोड़ने का प्रयास करो। मृत्यु से भयभीत बिल्कुल नहीं हो। यदि आप चाहते हो कि अंतिम समय में भगवान में मन लगा रहे, तो परमात्मा से जुड़ें।

यह बात महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद जी ने कही। वे कालिका माता मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा को संबोधित कर रहे थे। महामंडलेश्वर ने कहा कि बिना तप के धर्म अधूरा है। अपने धर्म का पालन करने में होने वाले कष्ट को सहर्ष स्वीकार करना तप है। संसार से आसक्ति करोगे तो यह आसक्ति बंधन बनेगी। प्रेम यदि संतों से करोगे तो यह मोहपाश को तोड़ने का कारण बनेगा। संत वही है जो जीव को परमात्मा से जोड़ने का काम करें।

भागवतजी की का पूजन किया, महामंडलेश्वर का स्वागत किया

कथा के प्रारंभ में मुख्य जजमान विश्वदीप टंडन, गायत्री टंडन ने भागवत जी का पूजन किया। स्वामी चिदंबरानंद जी का स्वागत विदुषी अंजलि जोशी, मोहिनी चौपड़ा, शुभम रेणु खत्री, शोभा झालानी, कैलाश सहगल, रमेश राठी, चंदादेवी राठी, अंकित रमेश शर्मा, सतीश झंवर, दिनेश सोलंकी, हीरा देवी, बी. एल. पुरोहित आदि ने किया।

पतंजलि युवा भारत की ओर से विशाल वर्मा, लक्ष्मण पाठक, जितेंद्र आचार्य ,विमलेश वर्मा, गिरीश शर्मा, अजय चौहान, कुसुम चाहर, पं. शिवशंकर दवे, कन्हैयालाल कपूर ने स्वामी जी का सम्मान किया। कथा के अंत में आरती कर प्रसाद वितरित किया गया। संचालन एडवोकेट कैलाश व्यास ने किया ।