चुनाव की तारीखों का ऐलान : 7 चरण में संपन्न होंगे लोकसभा चुनाव, 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे, परिणामों की घोषणा एक साथ 4 जून को

निर्वाचन आयोग ने देश में होने वाली लोकसभा चुनाव और 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनाव 7 चरण में और विधानसभा चुनाव 2 चरण में होगा। परिणाम की घोषणा एक साथ 4 जून को ही होगी।

चुनाव की तारीखों का ऐलान : 7 चरण में संपन्न होंगे लोकसभा चुनाव, 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे, परिणामों की घोषणा एक साथ 4 जून को
लोकसभा चुनाव 2024 एवं 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार।

एसीएन टाइम्स @ नई दिल्ली । लोकसभा का कार्यकाल इस साल 16 जून को खत्म हो रहा है। इससे पहले नई लोकसभा का गठन किया जाना है। इसके चलते भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए शनिवार को कार्यक्रम घोषित कर दिया। देश में चुनाव 7 चरण में संपन्न होंगे। 19 अप्रैल को पहले चरण का और 1 जून को सातवें चरण का मतदान होगा। चार राज्यों में 2 चरण में विधानसभा चुनाव भी होंगे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मतों की गणना एक साथ 4 जून को होगी।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। घोषित कार्यक्रम के अनुसार 19 अप्रैल को पहले चरण में 102 सीटों, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 89 सीटों और 7 मई को तीसरे चरण में 94 सीटों पर मतदान होगा। इसी तरह 13 मई को चौथे चरण में 96 सीटों, 20 मई को पांचवें चरण में 49 सीटों, 25 मई को छठे चरण में 57 सीटों और 1 जून को सातवें एवं अंतिम चरण में 57 सीटों पर मतदान होगा।

निर्वाचन आयुक्त ने चार राज्यों के विधानसभा चुनावों की भी घोषणा की। इसके तहत अरुणाचल प्रदेश की 60 और सिक्किम की 32 विधानसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। जबकि आंध्र प्रदेश की 175 और ओडिशा की 147 विधानसभा सीट के लिए 13 मई को मतदान होगा। इन राज्यों के नतीजे भी लोकसभा चुनाव के परिणाम के साथ ही 4 जून को घोषित किए जाएंगे।

2 वर्ष से जारी तैयारी, देश में 97 करोड़ मतदाता

निर्वाचन आयुक्त के अनुसार भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से विविध इस देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए हमने दो वर्ष तक तैयारी की। हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। यह संख्या अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया के कुल मतदाताओं से काफी ज्यादा है। हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों संभालेंगे। मतदान के लिए 55 लाख ईवीएम हैं। चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है। पिछले 11 चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे। अदालती मुकदमे भी कम हुए हैं।

जिला अधिकारियों ने हर जिले में की राजनीतिक दलों के साथ बैठकें

निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल किया गया। ऐसा इसलिए ताकि बाद में कोई यह नहीं कह सके कि हमें नहीं बताया गया। जिलाधिकारियों ने हर जिले में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की हैं। राजनीतिक दलों की आपत्तियों का निराकरण भी किया।

12 राज्यों में महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से ज्यादा

निर्वाचन आयुक्त के अनुसार नए मतदाताओं में 85 लाख महिलाएं जुड़ी हैं। 1 अप्रैल से 13.4 लाख नए मतदाता देशभर में मतदाताओं के रूप में जुड़ेंगे। आयुक्त के अनुसार महिला मतदाताओं को जोड़ने में भी मेहनत की। देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से ज्यादा हो गई। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाताओं में से 85 लाख तो महिला मतदाता हैं। 17 से ज्यादा उम्र के 13.4 लाख नए मतदाताओं की अग्रिम अर्जियां हमारे पास आ चुकी हैं। ये ऐसे वोटर होंगे, जो 1 अप्रैल को 18  साल की उम्र पूरी कर लेंगे। 

बाहुबल-धनबल काम नहीं आएगा, हर जिले में बनेगा कंट्रोल रूम

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि चुनाव में हिंसा कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस बार नया प्रयोग किया जा रहा है। हमें जो भी सख्ती से करना होगा, हम करेंगे। हर जिले में एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहां टीवी, सोशल मीडिया, वेब कास्टिंग, 1950 हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल होगा। इस पर निगरानी के लिए हर जिले के ऐसे कंट्रोल रूम में एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। जहां भी शिकायत मिलेगी, वहां सख्त कार्रवाई होगी। जिन लोगों के पास गैर जमानती वॉरंट हैं और जो हिस्ट्रीशीटर्स हैं, उन पर देशभर में कार्रवाई की जा रही है। जो लोग तीन साल से किसी एक जिले में पदस्थ हैं, उन्हें बदलने को कहा गया है। जहां भी वॉलंटियर और अनुबंध पर लोग काम कर रहे हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा।

पिछले 11 चुनावों में 3400 करोड़ का गैरकानूनी इस्तेमाल रोका

आयुक्त ने बताया कि कुछ राज्यों में धन का उपयोग ज्यादा है। हम इससे भी निपट रहे हैं। पिछले 11 चुनाव में 3,400 करोड़ रुपए की नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोका गया है। 2017-18 के मुकाबले 2022-23 में ऐसे धन की जब्ती में 835 फीसदी का इजाफा हुआ है। शराब, नकद, कुकर, साड़ी बांटने जैसे तरीकों को रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। बैंक भी यह देखेंगे कि कहीं अचानक से नकदी की मांग में इजाफा तो नहीं हो रहा। हर बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, सड़क मार्ग पर सख्त निगरानी होगी। जहां हेलीकॉप्टर या चार्टर्ड उड़ानें उतरेंगी, वहां सामान की जांच होगी।