राजीव गांधी सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड में लोकायुक्त की एंट्री, 3 सदस्यीय दल ने नगर निगम और जिला पंजीयक कार्यालय से जब्त किए दस्तावेज

राजीव गांधी सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड में लोकायुक्त की एंट्री हो गई है। मामले की जांच लोकायुक्त भी करेगी। उसके तीन सदस्यीय दल ने नगर निगम और जिला पंजीयक कार्यालय से मामले से संबंधित दस्तावेज जब्त किए हैं।

राजीव गांधी सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड में लोकायुक्त की एंट्री, 3 सदस्यीय दल ने नगर निगम और जिला पंजीयक कार्यालय से जब्त किए दस्तावेज
राजीव गांधी सिविक सेंटर रजिस्ट्री कांड की जांच के लिए रतलाम आए लोकायुक्त टीम के सदस्य।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । राजीव गांधी सिविक सेंटर के प्लॉटों की रजिस्ट्री के मामले में नया अपडेट है। इसमें अब लोकायुक्त की एंट्री हो गई है। डीएसपी सुनील तालान के नेतृत्व में बुधवार को रतलाम आई लोकायुक्त की टीम ने नगर निगम और जिला पंजीयक कार्यलय से रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। ऐसे में जमीनों के जादूगर भू-माफिया की दाल गलती नजर नहीं आ रही है।

लोकायुक्त डीएसपी तालान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम नगर निगम पंहुची। यहां से टीम ने योजना क्रमांक 71 से जुड़ी 22 रजिस्ट्रियों से संबंधित प्रमाणित जानकारी प्राप्त की। इसके बाद टीम जिला पंजीयक कार्यलय पहुंची और वहां से भी आवश्यक दस्तावेज लिए। टीम ने नगर निगम द्वारा मूल आवंटियों के पक्ष में की गई लीज डीड और उसके बाद अन्य को कराई गई रजिस्ट्री से संबंधित प्रमाणित प्रतिलिपियां शामिल हैं।

पहले ही लिख दिया था दस्तावेजों के लिए पत्र

लोकायुक्त डीएसपी तालान के अनुसार सिविक सेन्टर की जमीनों की अवैध रजिस्ट्रियां कराई जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। लोकायुक्त ने मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है। इसके चलते ही नगर निगम और जिला पंजीयक कार्यालय को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए लिखा था। इसमें मामले से जुडी फाइलों के दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपियां और अन्य जानकारियां नगर निगम से चाही गई थी। निगम द्वारा उक्त सारी जानकारियां और दस्तावेज तैयार कर लिए थे। दस्तावेजों के अवलोकन के बाद आगे की कार्यवाही होगी।

नियम-कानून से बड़े भू-माफिया और अफसर

गौरतलब है कि नगर सुधार न्यास की योजना क्रमांक 71 राजीव गांधी सिविक सेन्टर के 22 भूखण्डों की लीज नगर निगम द्वारा अचानक ही लीज धारकों के पक्ष में संपादित करवा दी गई थी। इतना ही नहीं लीज धारकों ने उक्त प्लॉट की रजिस्ट्रियां भी नियम विरुद्ध दूसरों के नाम करवा दी गईं। इसमें भू-माफिया का बड़ा रोल रहा। भू-माफिया के प्रति अफसरों का प्रेम इस कदर उमड़ा कि उन्होंने इस बारे में नगर परिषद अथवा एमआईसी तक को जानकारी देना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते ही 7 मार्च को हुए नगर निगम के साधारण सम्मेलन में भाजपा और कांग्रेस पार्षदों सहित पूरी परिषद ने सभी रजिस्ट्रियां शून्य घोषित करवाने को लेकर संकल्प पारित किया। इस बारे में उचित कार्रवाई के लिए शासन को भी लिखा।

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उपायुक्त से छीने सारे प्रभार, आयुक्त हुए निलंबित

परिषद ने रजिस्ट्रियां संपादित करवाने उपायुक्त विकास सोलंकी को मूल विभाग में भेजने के साथ सभी विभागों का प्रभार भी छीन लिया गया था। उधर, शासन के संज्ञान में मामला आने पर उसने आयुक्त ए.पी.एस. गहरवार को निलंबित ही कर दिया।

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हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक लगाई है रोक

रजिस्ट्री शून्य होने का परिषद का संकल्प पारित होते ही 21 लीजधारकों ने हाईकोर्ट की शरण ली। याचिका में रजिस्ट्री शून्य घोषित किए जाने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया गया। हाईकोर्ट में दिनांक 18 मार्च, 2024 को WP 7349/2024 मामला दर्ज किया गया। हाईकोर्ट के न्यायाधीश प्रणय वर्मा ने आगामी सुनवाई (7 मई 2024 को संभावित) तक के लिए उक्त कार्रवाई पर रोक लगा दी है और वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए नगर निगम प्रशासन को नोटिस भी जारी किया है।

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इन 21 लोगों ने हाईकोर्ट में दायर की है याचिका

1. जितेंद्र – सुरेश कुमार तनवानी (2 – शास्त्रीनगर, रतलाम), 2. सज्जन – सुखराम सिंह (धीरजशाह नगर, रतलाम), 3. शांति बाई- प्रहलाद सिंह शिखावत (चाल-सज्जन मिल, रतलाम), 4. चंदू-टिल्लूमल शिवानी (95 - विद्या वाटिका, शास्त्रीनगर, रतलाम), 5. विमल - श्रेणिक लाल मांडोत (नीमचौक, रतलाम), 6. रवि - सिरेमल कटारिया (17 - शायर चबूतरा, रतलाम), 7. दिलीप - शांतिलाल मांडोत (56 - नीमचौक, रतलाम), 8. सुदर्शन – इंदरमल मांडोत (56 - नीमच चौक, रतलाम), 9. अमृतलाल – इंदरमल मांडोत (56 – नीमचौक0 रतलाम), 10. अशोक – प्रेमचंद्र शर्मा (7 – शुभम विहार, कस्तूरबानगर के पास, रतलाम), 11. जीवन – हंसराज जैन (120 - चांदनी नगर, रतलाम), 12. रमेशचंद्र – रखब चंद्र सुराना (32 - सायर चबूतरा, रतलाम), 13. वैभव - सिरेमल कटारिया (25 - सुदगुदड़ी मार्ग, रतलाम), 14. अभय कुमार – मोहनलाल पिरोदिया (172 – लक्कड़पीठा, रतलाम), 15. दिलीप सिंह – भेरूसिंह चौहान (डोंगरेनगर, रतलाम), 16. रवि कुमार – प्रकाश चंद्र पिरोदिया (50 - लक्कड़पीठा, रतलाम), 17. मोहनलाल – भागीरथ पाटीदार (ग्राम धराड़, रतलाम), 18. राजेश – ईश्वरलाल शिवानी (92 - शिवानी सदन, गुरुतेग बहादुर स्कूल, शास्त्रीनगर, रतलाम), 19. ब्रजेश – पूनमचंद्र पितलिया (गौशाला लोड, रतलाम), 21. विजयाबाई – धीरजमल पिरोदिया (172 - लक्कड़पीठा रोड, रतलाम) एवं 21. पवन कुमार – धीरजमल पिरोदिया (172 – लक्कड़पीठा रोड, रतलाम)। न्यायालय में दर्ज याचिका के अनुसार प्रार्थी के रूप में इन्हीं 21 लोगों के नाम हैं। जबकि रजिस्ट्रियां कुछ अन्य लोगों के नाम पर हुई हैं। यानी याचिकाकर्ताओं द्वारा न्यायालय को पूरी सही जानकारी नहीं दी गई है।

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गहरवार के प्रथम आयुक्त कार्यकाल में निरस्त हुआ था आवंटन

पूर्व एमआईसी सदस्य गोविंद काकानी के अनुसार नगर निगम में उनके पहले कार्यकाल के दौरान ए.पी.एस. गहरवार ही आयुक्त थे। तब काकानी तत्कालीन महापौर परिषद के प्रमुख सदस्य थे। इसी महापौर परिषद ने तब सिविक सेंटर के 21 प्लॉट का आवंटन निरस्त किया था। इसके बाद काकानी लगातार सिविक सेंटर प्रकरण का बारीकी से अध्ययन करते रहे। बाद के कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रकरण का निराकरण करवाने का काफी प्रयास किया लेकिन संभव नहीं हो सका।

काकानी के अनुसार इसी साल 26 जनवरी पर उन्होंने नेहरू स्टेडियम में आयुक्त (गहरवार) से ऐसे लोगों की रजिस्ट्री करवाने के लिए भी आग्रह किया था जिन्होंने सिविक सेंटर की संपत्ति के लिए ईमानदारी से पैसा जमा किया था। इस पर आयुक्त ने कहा था कि- ‘इसके लिए तो भोपाल से परमिसन लाना पड़ेगी।’ ऐसे इसके विपरीत पूर्व के दिनों में 22 प्लॉट की रजिस्ट्री परिषद या एमआईसी तक के संज्ञान में लाए बिना ही कर देना समझ से परे है।