बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण सप्ताह शुरू, विशिष्ट उपलब्धि के लिए बेटियों का किया सम्मान

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण के लिए विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया।

बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ अभियान के तहत महिला सशक्तिकरण सप्ताह शुरू, विशिष्ट उपलब्धि के लिए बेटियों का किया सम्मान
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वाली बालिकाओं का सम्मान किया गया।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया आयोजन, बाल विवाह प्रतिषेध अधनियम के तहत कार्यशाला आयोजित

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा की अध्यक्षता में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके पहले दिन कार्यशाला सह सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के लिए कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि हेतु बालिकाओं को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ सिन्हा ने मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण सप्ताह के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं के आर्थिक आधार को सशक्त बनाने की बात कही। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सहायक संचालक रविन्द्र कुमार मिश्रा ने उपस्थित प्रतिभागियों पाक्सो एक्ट और पॉश एक्ट की जानकारी दी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की नोडल अधिकारी अंकिता पण्ड्या ने गुड टच बेड टच के बारे में बताया। उन्होंने बालिकाओ तथा उपस्थित समुदाय को जागरूक करने की पहल की। बालिकाओं को भी अपने माता-पिता की आर्थिक क्षमता में सीमित रहने की समझाइश दी ताकि किसी भी प्रकार के लालच से बालिकाओं का शोषण न हो सके।

बेटी के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए बजाते हैं बैंड

पलसोड़ा गांव के श्रवण डांगी विगत 8 वर्ष से गांव-गांव में बेटी जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी टीम के साथ बैण्ड बजाते हैं। वे बालिका जन्म पर खुशी का माहौल निर्मित करते हैं। उनके द्वारा बेटी जन्म पर हर्षोल्लास के माहौल को निर्मित करने हेतु उद्बोधन दिया गया। कार्यक्रम में पंडित, कैटरर्स, पत्रिका छापने वाले प्रिण्टर्स उपस्थित रहे। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा बताया गया कि बाल विवाह के लिए हर वो शख्स दोषी रहता है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बाल विवाह में सम्मिलित रहता है। साथ ही यह भी बताया गया कि बाल विवाह को रोकने के लिए जन जागरूकता आवश्यक है।

कोमल फिल्म देने के लिए किया प्रेरित

चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक प्रेम चौधरी द्वारा कोमल फिल्म देखने के लिए प्रेरित किया ताकि गुड टच बेड टच के बारे में बालिकाएं जान सकें। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शाखा प्रभारी यशोदाकुंवर राजावत ने एक वर्किंग वुमेन, एक बालिका की माता होने की हैसीयत से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बालक-बालिका की समान परवरिश पर जोर दिया। साथ ही बालिकाओं को रिश्तों की समझ से रूबरू कराया। उपस्थित प्रतिभागियों से यह भी पहल की कि कार्यशाला में हुई वार्ता को वो अपने तक सीमित न रखे वरन् सामाजिक वातारण में इसको फैलाए। अनावश्यक विषयों पर वार्तालाप की बजाय महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अपनी वार्ता का विषय बनाए ताकि बात बात में सही बात, सही ज्ञान का फैलाव समाज में हो सके।

कार्यक्रम के दौरान चाइल्ड लाइन के पूरे स्टाफ का सम्मान, बेटी बचाओ हेतु प्रेरक श्रवण डांगी और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य हेतु बालिकाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला महिला बाल विकास रतलाम का स्टाफ, ब्लॉक समन्वयक, पर्यवेक्षक उपस्थित रहे। आभार पर्यवेक्षक मालती शर्मा ने माना।