रतलाम के युवाओं का कमाल : श्री सत्यनारायण भगवान पर बना रहे पहली वेब सिरीज, अपनी सूझबूछ से खुद हल कर ली बजट और कास्टिंग की बड़ी चुनौतियां

रतलाम के युवाओं द्वारा श्री सत्यनारायण व्रत कथा टेलीफिल्म का निर्माण किया जा रहा है। यह पटकथा, फिल्मांकन, बजट, किरदारों और तकनीक की दृष्टि से बहुत खास है।

रतलाम के युवाओं का कमाल : श्री सत्यनारायण भगवान पर बना रहे पहली वेब सिरीज, अपनी सूझबूछ से खुद हल कर ली बजट और कास्टिंग की बड़ी चुनौतियां

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । ठान लो तो कुछ भी असंभव नहीं। राह में मुश्किलें आ सकती हैं लेकिन दृढ़निश्चयी हैं तो डिगा नहीं सकतीं, चाहे वह धन की कमी हो या संसाधनों की। रतलाम के युवाओं (Amazing of the youth of Ratlam) ने यह कर दिखाया है। इस टोली ने हदों से आगे जाकर सोचना शुरू कि और श्री सत्यनारायण भगवान (Shri Satyanarayan Bhagwan) पर वेब सिरीज बनाने की शुरुआत कर डाली। भारी भरकम बजट और महंगे संसाधनों की समस्या का हल जुगाड़ और तकनीक की बदौलत खुद ही ढूंढ निकाला। यहां तक कि 88 हजार ऋषि-मुनियों की भीड़ जुटाने जैसी बड़ी चुनौती भी इनके आगे टिक नहीं सकी।

हम बाद कर रहे हैं श्री सत्यनारायण व्रत कथा (Shri Satyanarayan Vrat Katha) नाम से वेब सिरीज (web series) बनाने वाले युवाओं की। श्री सत्यनारायण अब तक की यह पहली वेब सिरीज (web series being made in Ratlam) होगी। अभी तक इस पात्र पर कोई धारावाहिक भी देखने को नहीं मिला। यही वजह है कि टीम काफी उत्साहित है। रतलाम में ही बन रही इस वेब सिरीज में 5 अध्याय होंगे जिनके फिल्मांकन और चित्रांकन में वीएफएक्स जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। इस तकनीक के माध्यम से दृश्यों को वास्तविकता प्रदान करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी गई। निर्माता टीम के अनुसार अगल एक सप्ताह में इसके पहले एपिसोड को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

धार्मिक और आध्यात्म से जुड़ी फिल्म, धारावाहिक, वेब सिरीज आदि के निर्माण में काफी धन की आवश्यकता होती है। वजह यह कि, इसमें किरदारों को धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं में बताए गए व्यक्तित्व आदि को वैसा ही दिखाने के लिए वेश-भूषा, परिवेश, काल्पनिक दुनिया आदि तैयार करना होता है। अस्त्र-शस्त्र भी अन्य विषयों पर बनने वाली फिल्मों, धारावाहिकों और वेब सिरीज की अपेक्षा बहुत अलग दिखाने होते हैं। इसमें जो तकनीकी साधन लगते हैं वे काफी महंगे होते हैं। बावजूद रतलाम के युवाओं ने यह चुनौती न सिर्फ स्वीकार की, वरन् बहुत की कम बजट और संसाधन में कर भी दिखाया। 

धार्मिक वेब सीरीज बनाना चुनौती भरा कार्य, जिसे किया स्वीकार

अपनी और श्री सत्यनारायण भगवान (Shri Satyanarayan Vrat Katha) पर बन रही पहले वेब सिरीज के बारे में निर्देशक एवं कलाकार क्षितिज शर्मा ने शहर के दोबत्ती चौराहा स्थित पोरवाल स्टूडियोज पर साझा की। शर्मा ने बताया कि मैं काफी वर्षों से श्री सत्यनारायण व्रत कथा करता आ रहा हूं। इसी से उन्हें इसे विजुअलाइज करने की प्रेरणा मिली। धार्मिक वेब सिरीज बनाना बहुत कठिन है। फिर भी हमने इस चुनौती को स्वीकार किया और स्थानीय कलाकारों से संपर्क साधा तो उन्होंने हरसंभव साथ देने का वादा किया। सभी से पूरा सहयोग मिला, जिसका परिणाम है कि जिस वेब सिरीज का बजट करीब आधा करोड़ तक पहुंच रह था, वह बहुत ही कम में तैयार हो जाएगी। इसके कास्टिंग डायरेक्टर सांवलिया पंवार, सह निर्देशक गगन सिंह कछवाह, संगीतकार हैप्पी श्रीवास्तव और सेशान शर्मा हैं। प्रीति शर्मा, कैमरामैन अभिषेक शर्मा, प्रेम शर्मा, आयुष देवड़ा, टेक्निकल टीम में संजय रावल और आफताब शामिल हैं जबकि स्वर हर्ष कनौजिया ने दिया।

ऐसे ढूंढे मुश्किलों के समाधान

वेब सीरिज के लिए प्रोप की व्यवस्था के लिए मुंबई जाकर संपर्क किया। वहां एक-एक चीज का एक दिन का किराया हजारों में बताया गया तो लौट आए। यहां आकर आर्ट डायरेक्शन का काम भी अपने स्तर पर करने की ठानी और कर भी दिया। बड़ी चुनौती 88 हजार ऋषि-मुनियों को फिल्माने की थी। इतने लोग वह भी ऋषि-मुनियों की तरह दाढ़ी, मूछ और बालों वालों को ढूंढना या लोगों को जुटा कर सभी के लिए अलग-अलग संसाधन जुटाना, काफी दुश्कर काम था। यह काम भी टीम के युवाओं ने तकनीकी सूझबूझ से कर दिखाया जो किसी भी बड़े धार्मिक धारावाहिक की तुलना में रत्तीभर भी कम नहीं हैं। इसके लिए रतलाम, उज्जैन और आसपास के ही दाढ़ी-मूछों वालों को शामिल किया गया।

ये कलाकार नजर आएंगे विभिन्न भूमिकाओं में

भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की मुख्य भूमिका में शौर्य सक्सेना (actor shaurya saxena) हैं जो तकरीबन 9 साल से अभिनय के क्षेत्र में सक्रिय हैं। बालाजी टेलीफिल्मस सहित कई बड़े प्रोडक्शन के धारावाहिकों कसौटी जिंदगी की (Kasauti Zindagi Ki), कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya), परशुराम (Lord Parshuram), नागदेवता (Nagdevata) आदि में अभिनय कर चुके हैं। मां लक्ष्मी का किरदार कृतिका ठाकोर निभा रही हैं। कृतिका मूलतः गुजरात से हैं। महर्षि नारद मुनि की भूमिका खुद निर्देशक क्षितिज शर्मा निभा रहे हैं। इनके अलावा रतलाम के वरिष्ठ रंगकर्मी ओमप्रकाश मिश्रा, जी.एस. गौतम, आत्मानंद सरस्वती महाराज, ज्योतिष आचार्य, पं. संजय शिवशंकर दवे, नंदलाल मालवीय, डी. के. मिश्रा, एस. सी. व्यास, रतन लिम्बोला, हेमंत शर्मा, मांगीलाल कांठा, राहुल पंवार, लोकेंद्र गंधर्व, हरीश राठौड़, विजय मालवीय, जितेंद्र बघेरवाल भी अलग-अलग किरदारों के रूप में नजर आएंगे।  बंटी लुईस और मीनाक्षी का भी सराहनीय सहयोग है।

फोटो : राकेश पोरवाल