मालवा मीडिया फेस्ट शुरू : नारद सृष्टि के प्रथम पत्रकार और वेदव्यास प्रथम संपादक थे, वैदिक ऋचाएं समानता व समरसता का संदेश देती हैं- अज़हर हाशमी
सक्षम संचार फाउंडेशन द्वारा रतलाम में आयोजित दो दिवसीय मालवा मीडिया फेस्ट 2.0 का शुभारंभ ऋग्वेद की ऋचाओं के साथ कवि एवं साहित्यकार अज़हर हाशमी ने किया। फेस्ट में निबंध और रील मेकिंग प्रतियोगिता तथा कंटेंट राइटिंग वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । रतलाम में मालवा मीडिया फेस्ट 2.0 के द्वितीय संस्करण का शुभारंभ राष्ट्रीय बालिका दिवस के पर तीन बालिकाओं ने दीप प्रज्वलन कर किया। प्रथम सत्र का शुभारंभ प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार अज़हर हाशमी ने ऋग्वेद की ऋचाओं का वाचन कर किया। उन्होंने कहा कि ऋचाएं समरसता और समानता का संदेश देती हैं। हाशमी के अनुसार नारद सृष्टि के प्रथम पत्रकार थे जो स्पॉट रिपोर्टिंग करते थे जबकि वेदव्यास प्रथम संपादक थे।
दो दिवसीय मालवा मीडिया फेस्ट का आयोजन सक्षम संचार फाउंडेशन द्वारा स्थानीय बालाजी सेंट्रल होटल में किया जा रहा है। प्रथम सत्र का शुभारंभ करते हुए प्रो. हाशमी ने कहा कि मालवा मीडिया फेस्ट के माध्यम से युवा व ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए मंच है। यह रतलाम के लिए नवाचार है। उन्होंने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर उन्होंने अपनी रचना "बेटियों शुभकामनाएं" व "जग का गौरव मेरा देश" सुनाई। इस मौके पर फाउंडेशन की निदेशक अर्चना शर्मा ने मालवा मीडिया फेस्ट 2.0 की प्रस्तावना रखते हुए बताया कि सक्षम संचार मीडिया की समग्र समझ व डिजिटल पॉवर का महत्व समझाने के लिए रतलाम में फेस्ट करवा रहा है। सक्षम संचार शहर से लेकर ग्रामीण व जनजाति क्षेत्र में प्रिंट से लेकर सोशल मीडिया और मल्टीमीडिया तक युवा विद्यार्थी की मीडिया स्किल सीख सकें, इसके लिए सक्षम संचार वर्ष भर कई प्रकार के आयोजन करवाता है। उन्हीं आयोजनों का सामूहिक इवेंट मालवा मीडिया फेस्ट है।
विद्यार्थियों के लिए रील्स मेकिंग व निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
एक सत्र में छात्रों के लिए रतलाम की धरोहर व विशेष व्यंजन पर रील्स मेकिंग एवं अहिल्याबाई पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों ने उत्साह से भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रस्तुत की गई रील्स को लेकर फाउंडेशन की निदेशक अर्चना शर्मा ने कहा कि कोई भी रील बनाएं, उसमें कैप्शन अवश्य दें। यानी यदि किसी स्थल की रील है तो उस स्थल के बारे में कुछ फैक्ट देने से उस रील की उपयोगिता और बढ़ जाती है। इस दौरान पत्रकार नीरज कुमार शुक्ला ने रतलाम और इससे जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों पर प्रकाश डाला।
वर्कशॉप का हुआ आयोजन
फेस्ट के दौरान आयोजित वर्कशॉप को सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर दिलीप गिरी ने संबोधित किया। महज चार साल में लाखों फॉलोवर्स का परिवार बनाने वाले गिरी ने कहा कि अगर कंटेंट बनाना है तो बस फिर बनाते जाओ, शुरुआत ने व्यूज की चिंता ना करें। उन्होंने कहा कि कम से कम तीन महीने तक लगातार काम करने के बाद ही परिणाम आना शुरू होंगे। गिरी के अनुसार जो रील्स या कन्टेंट पहले से डल चुका है और जिसके लाखों करोड़ों व्यूस हो चुके हैं ठीक वैसा ही कंटेंट या रील डालने से बेहतर है कि कुछ यूनिक और क्रिएटिव करें क्योंकि देखने वाला बार-बार एक जैसा कंटेंट देखना पसंद नहीं करेगा।
यह भी बताया
युवाओं के रचनात्मक अभिरुचि बढ़ाने कंटेंट क्रिएशन एवं इंस्टाग्राम प्रमोशन वर्कशॉप में विशिष्ट कंटेंट क्रिएटर्स एवं इनफ्लुएंसर्स ने युवाओं को टिप्स दिए। इम्पैक्ट और कंसिस्टेंट बने रहने के बारे में भी बताया। सोशल मीडिया इन्फेलुन्सर्स ने बताया कि सरस्वती मां को प्रसन्न करो, लक्ष्मी अपने आप आ जाएंगी। इस सत्र में युवाओं ने अपने प्रश्न पूछ कर सहभागिता की।
मलखंभ के प्रदर्शन ने भरा रोमांच
जवाहर व्यायामशाला के छोटे-छोटे बालक-बालिकाओं ने हनुमान चालीसा के साथ मलखंभ का रोमांचकारी प्रदर्शन किया गया। उनके हैरतअंगेज करतब देख कर देखने वाले वाह-वाह कर उठे।
वन नेशन – वन इलेक्शन कई समस्याओं का समाधान- निवेदिता शर्मा
फेस्ट में वन नेशन - वन इलेक्शन पर चर्चा भी हुई। मताधिकार दिवस पर मालवा मीडिया फेस्ट का मतदाता जागरूकता के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। इस चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा से लेखिका एवं शिक्षक श्वेता नागर ने मॉडरेटर के रूप में सवाल पूछे। सवालों के जवाब देते हुए डॉ. शर्मा ने बताया कि गणतंत्र के महत्व और लोकतंत्र को बचाए रखने के लिए वन नेशन – वन इलेक्शन जरूरी जान पड़ता है। दे अलग अलग चुनाव होने से श का, सरकारी मशीनरी का और जनता का काफी कीमती समय जाया हो जाता है। उन्होंने बताया कि भारत के लिए वन नेशन - वन इलेक्शन नया विचार नहीं है, प्रारंभ में 1952 से चुनाव इसी प्रकार होते थे। बार-बार चुनाव प्रक्रिया से मतदान में रुचि समाप्त हो जाती है। इससे मतदान में भी कमी आती है। शासकीय मशीनरी जिसे कई महत्वपूर्ण काम करने होते हैं वह सिर्फ चुनाव ही कराती रहती है। डॉ. शर्मा ने इस व्यवस्था को लागू करवाने के लिए जनजाग्रति और जनआंदोलन होने की आवश्यकता जताई।
ये रहे मौजूद
शुभारंभ सत्र सहित सभी गतिविधियों के दौरान रंगकर्मी एवं पूर्व प्राचार्य ओमप्रकाश मिश्र, रचनाधर्मी नरेंद्र सिंह डोडिया, राजा भोज जनकल्याण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र सिंह पंवार, पत्रकार तुषार कोठारी, हेमंत भट्ट, नीरज कुमार शुक्ला, विवेक चौधरी, डॉ. प्रवीणा दवेसर, डॉ. हितेश पाठक, डॉ. अनिला कंवर, अदिति दवेसर, फोटो जर्नलिस्ट राकेश पोरवाल, वैदेही कोठारी, मीनाक्षी मलिक, नरेंद्र शर्मा, आनंदीलाल गांधी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी, युवा, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर एवं प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। संचालन डॉ. रविंद्र उपाध्याय ने किया।