54 दिन में 5.52 लाख बार देखा गया रतलाम के गीतकार यशपाल का लिखा गीत 'मौला मेरे मौला...', कोरोना काल में सुर और साज की अनूठी संगत
रतलाम के युवा गीतकार यशपाल सिंह तंवर का लिखा गीत 'मौला मेरे मौला...' इन दिनों काफी धूम मचा रहा है। संगीतकार सोनाली पटेल द्वारा संगीतबद्ध इस गीत को पार्श्व गायक ज़ावेद अली ने सुरबद्ध किया है। रिलीज होने के महज 54 के भीतर ही यह गीत 5 लाख 52 हजार बार देखा जा चुका है और हजारों लोगों ने लाइक और शेयर भी किया है।
सोनाली पटेल द्वारा संगीतबद्ध और पार्श्व गायक ज़ावेद अली और सोनाली चंद्रात्रे पटेल द्वारा स्वरबद्ध गीत को 15 अक्टूबर 2021 को अपेक्षा फिल्म्स एंड म्यूजिक द्वारा ऑनलाइन रिलीज किया गया था
नीरज कुमार शुक्ला
कोरोना की दूसरी लहर जब दुनिया में तबाही मचाने पर आमादा थी तब देश की हृदय स्थली मध्य प्रदेश के रतलाम में इबादत और उम्मीद का एक गीत सृजित हो रहा था। कोरोना काल में सुर और साज की इस ऑनलाइन अनूठी संगत ने महज 54 दिन में ही उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। इस सृजन को यू-ट्यूब पर अब तक 5 लाख 52 हजार बार देखा और सुना जा चुका है। हजारों लोगों ने इसे पसंद किया है और डाउनलोड और साझा भी किया है।
जब सुर और संगीत दोनों की ही साधना एकाग्रता के साथ हो तो उसका परिणाम सुखद और कर्णप्रिय ही होता है। ऐसी ही एक रचना इन दिनों लाखों संगीत प्रेमियों की पसंद बनी हुई है। रतलाम के युवा गीतकार यशपाल तंवर द्वारा लिखित गीत 'मौला मेरे मौला...' को अपेक्षा फिल्म एवं म्यूजिक ने अपने यू-ट्यूब चेनल पर 15 अक्टूबर 2021 को रिलीज किया था तब से लेकर अब तक इस गीत को 5.52 लाख व्यूव्स मिल चुके हैं। 4 मिनट 45 सेकंड के इस गीत को बॉलीवुड के पार्श्व गायक ज़ावेद अली और सोनाली चंद्रात्रे पटेल ने सुरों से सजाया है। सोनाली पटेल ने इसे संगीतबद्ध भी किया है। संगीत संयोजन उदय सालवी का है।
यह गीत रिकॉर्ड हुआ प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर के अंधेरी मुंबई स्थित 'कैलासा' स्टूडियो में।
कोरोना काल में ऐसे हुई गीत और संगीत की जुगलबंदी
गीतकार यशपाल ने एसीएन टाइम्स को बताया, कि- कोरोना काल में सबकुछ ठप सा हो गया था। परिवार को मेरी और मुझे परिवार की चिंता सता रही थी। इसलिए मुंबई के बजाय गृह नगर रतलाम में ही रहना उचित लगा। जैसे-जैसे समय बीत रहा था वैसे-वैसे काम-काज प्रभावित होने की चिंता सताने लगी। यह सच भी है कि 'अर्थ' बिना सब व्यर्थ है। ज्यादातर लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की मदद से वर्क-टू-होम कर रहे थे किंतु मैं जिस प्रोफेशन से जुड़ा हूं उसमें गीत-संगीत और सुर व साज का साथ-साथ होना जरूरी है। पहले तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन फिर यह सोच कर कि ईश्वर जो करेगा अच्छा ही करेगा, शब्दों की माला गूंथने का काम जारी रखा। शब्द जुड़ते गए और गीत बनता गया।
... और सृजित हो गया 'मौला मेरे मौला...'
तंवर बताते हैं कि जिस वक्त शब्द गढ़ रहे थे उसी वक्त पुणे निवासी संगीतकार सोनाली पटेल नई धुन तैयार कर रहीं थीं। दूरभाष पर हमारी चर्चा हुई और फिर शुरू हो गया ऑनलाइन गीत-संगीत की जुगलबंदी का अनूठा प्रयास। मेरे लिए इस तरह का यह पहला अनुभव था इसलिए उत्साह के साथ सफलता को लेकर संदेह भी था। सोनाली जी जैसी कुशल मार्गदर्शक ने मेरा काम आसान कर दिया। वे धुन बनातीं और ऑनलाइन मुझे भेजतीं और उसके अनुरूप मैं शब्दों को गढ़ता। उन शब्दों को वे पुनः लयबद्ध करतीं और कमी होने पर और बेहतर करने के लिए प्रेरित करतीं।
इस तरह गीत 'मौला मेरे मौला...' सृजित हो गया जिसे खुद सोनाली चंद्रात्रे पटेल और पार्श्व गायक ज़ावेद अली ने आवाज दी। हमारे प्रयास को सार्थक बनाने में बड़ा योगदान निर्माता अजय जसवाल (अपेक्षा फिल्म्स एंड म्यूजिक) का रहा। गीत को वीडियो एलबम का रूप उन्हीं ने दिया।
इस भरोसे के लिए इन सभी का शुक्रिया
बकौल यशपाल- एक गीत लिखने से लेकर संगीत, गायन और शूटिंग तक के सफर में जो मेहनत और लगन लगती है, उसे कलाकार से बेहतर कोई और नहीं जान सकता। अपने लिखे गीत 'मौला मेरे मौला...' की शूटिंग के वक्त सेट पर लिए गए दृश्य हम कलाकारों का काम के प्रति प्यार और विश्वास प्रदर्शित करते हैं। संगीतकार सोनाली पटेल जी, निर्माता अजय जसवाल सर (अपेक्षा फिल्म्स एंड म्यूजिक) ने जो भरोसा मुझ पर दिखाया, उसके लिए तहेदिल से शुक्रिया...।
12वीं कक्षा से लिख रहे गीत और कविताएं, 400 से ज्यादा रचनाएं लिख चुके हैं
अगला प्रोजेक्ट राजस्थानी फिल्म का गीत जिसे सरोज खान ने किया कोरियोग्राफ
अनूप जलोटा, श्वेता शेट्टी और शान भी दे चुके हैं गीतों को आवाज
एक नजर इधर भी
- के. सी. कॉलेज, मुंबई (बॉम्बे कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म) से हिन्दी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया।
- 'ढोल की थाप' पुस्तक का प्रकाशन हो चुका है जिसमें यशपाल के संवाद और गीत शामिल हैं। इसमें मूल कथानककार कारूलाल जमड़ा हैं।
- स्क्रीन राइटर एसोसिएशन, मुंबई के सदस्य हैं।
- आई. पी. आर. एस (इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसायटी), मुंबई के सदस्य हैं।
- मध्यप्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित।
- डॉ. शंकरदयाल काश्यप रोटरी साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित।
- विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन होता रहता है।
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संपर्क
यशपाल तंवर
मोबाइल - +91 93406 54556