BAP विधायक डोडियार के 11 दिसंबर को प्रस्तावित महाआन्दोलन को प्रशासन ने नहीं दी अनुमति, विधायक ने कहा- हमें आंदोलन की अनुमति की आवश्यकता नहीं

जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार के 11 दिसंबर को रतलाम में महाआंदोलन पर अड़े रहने से मामला दिलचस्प हो गया है। एक ओर प्रशासन ने बिना अनुमति आंदोलन होने पर आयोजकों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी है वहीं विधायक लोगों से आंदोलन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में आने की अपील कर रहे हैं।

BAP विधायक डोडियार के 11 दिसंबर को प्रस्तावित महाआन्दोलन को प्रशासन ने नहीं दी अनुमति, विधायक ने कहा- हमें आंदोलन की अनुमति की आवश्यकता नहीं
विधायक कमलेश्वर डोडियार के महाआंदोलन को नहीं दी जिला प्रशासन ने अनुमति।

एसीएन टाइम्स @ रतलाम । सैलाना से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने 11 दिसंबर को रतलाम में महाआंदोलन का ऐलान किया है जिसे जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। प्रशासन ने विधायक को पत्र लिख कर इस बारे में अवगत कराया है। प्रशासन ने विधायक डोडियार द्वारा लिखे गए पत्रों में जताई गई भारी भीड़ उमड़ने और इस दौरान उनके विरोधियों द्वारा अप्रिय घटना को अंजाम दिए जाने की आशंका को ही आधार बनाया है। अनुमति नहीं मिलने के बावजूद विधायक ने आंदोलन करने की बात कही है। उन्होंने इस बारे में डीजीपी को एक पत्र भी लिखा है।

जिला अस्पताल में 6 दिसंबर को सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार के साथ ड्यूटी डॉक्टर सी. पी. एस. राठौर द्वारा अभद्रता और गाली-गलौच का वीडियो वायरल हुआ था। मामला पुलिस तक भी पहुंचा। इस मामले में पुलिस ने विधायक की शिकायत पर ड्यूटी डॉक्टर के विरुद्ध और डॉक्टर की शिकायत पर विधायक डोडियार व उनके तीन साथियों के विरुद्ध अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं। सैलाना विधायक डोडियार इस मामले में अब तक उनके साथ अभद्रता बरतने वाले डॉक्टर के विरुद्ध गिरफ्तारी की कार्रवाई नहीं होने से असंतुष्ट हैं।

उन्होंने इसके विरोध में 11 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर महाआंदोलन करने का आह्वान किया है। इस महाआन्दोलन में डोडियार और उनके समर्थकों ने आम्बेडकर सर्कल पर एकत्रित होकर आम्बेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद नेहरू स्टेडियम में सभा करना प्रस्तावित है। विधायक ने यह भी कहा है कि कलेक्टर को उनका ज्ञापन लेने के लिए प्रदर्शन स्थल ना होगा। अगर वे नहीं आएं तो प्रदर्शनकारी ज्ञापन देने कलेक्टोरेट पंहुचें।

प्रशासन के अनुसार अवैधानिक होगा आंदोलन

उक्त महाआंदोलन को लेकर विधायक डोडियार द्वारा जनजातीय समाज से ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होने के लिए अपीलें और आह्वन किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन, डीजीपी कैलाश मकवाना, रतलाम डीआईजी मनोज सिंह, रतलाम के कलेक्टर और एसपी सहित सभी को अलग-अलग पत्र लिख कर महाआंदोलन की रिकॉर्डिंग करवाने की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने ड्रोन, कैमरे, बैरीकेडिंग आदि की व्यापक व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। इन पत्रों में उन्होंने आशंका जताई है कि कतिपय लोग उनके महाआंदोलन के दौरान अप्रिय घटना को अंजान दे सकते हैं।

विधायक का तर्क ही बन गया प्रशासन का हथियार

विधायक डोडियार द्वारा जताई गई अप्रिय घटना की आशंका को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें महाआंदोलन करने की इजाजत नहीं दी है। इसकी जानकारी एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने विधायक डोडियार को पत्र भेज कर बताया है कि उन्हें आयोजन के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है। ऐसे में यदि आंदोलन होता है तो यह वैधानिक नहीं होगा। प्रशासन ने कहा है कि यदि बिना अनुमति के भीड़ एकत्र कर कोई कार्यक्रम किया जाता है तो आयोजकों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

महाआंदोलन फिर भी होकर रहेगा- विधायक डोडियार

प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने का पत्र जारी होने के बाद भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने स्पष्ट कहा है कि आंदोलन तो होकर ही रहेगा। उन्होंने वीडियो जारी कर जनजातीय समाज के लोगों से उक्त महाआंदोलन में ज्यादा से ज्यादा की संख्या में आने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन की अनुमति नहीं दिए जाने की बात से किसी को भी गुमराह होने की जरूरत नहीं है। आंदोलन के लिए किसी प्रकार की अनुमति की जरूरत नहीं है और हमने कोई अनुमति नहीं मांगी है। डोडियार के अनुसार उनके 1 हजार वालेंटियर तैयार हैं जो उक्त शांतिपूर्ण महाआंदोलन में आने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखेंगे। उन्हें किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होने दी जाएगी।

गड़बड़ी होने पर सख्ती से निपटेंगे- एसपी अमित कुमार

प्रशासन की अनुमति के बगैर होने वाले आंदोलन को लेकर एसपी अमित कुमार ने एसीएन टाइम्स को बताया कि पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है। सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। ड्रोन और पिकेट भी लगाए जाएंगे। कानून-व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों को भयमुक्त वातावरण मुहैया कराना प्रशासन और पुलिस की प्राथमिकता है। इसके लिए जो भी कदम उचित होंगे, उठाए जाएंगे। किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर सख्ती से निपटा जाएगा।