3 महत्वपूर्ण फैसले : सिविल सर्जन को पीटने वाले व ठग जीवन सोनी के सहयोगी को नहीं मिली जमानत, सूरजपौर स्कूल की जमीन अपनी बताने वाली याचिका भी खारिज
रतलाम जिला न्यायालय में अलग-अलग मामलों में अभियोजन की ओर से प्रभावी आपत्ति दर्ज कराए जाने पर संबंधित न्यायालयों द्वारा तीन याचिकाएं निरस्त कर दी गई हैं। इनमें ठग सराफा व्यापारी के सहयोगियों, सरकारी स्कूल की जमीन अपनी बताने वाले और सिविल सर्जन के साथ मारपीट करने के आरोपी की याचिकाएं शामिल हैं।
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । जिले की विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन तीन मामलों में संबंधित न्यायाधीशों ने तीन महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं। सिविल सर्जन एम. एस. सागर को पीटने वाले आरोपी तथा सराफा व्यापारियों का सोना लेकर भागे जीवन सोनी के सहयोगियों की जमानत याचिकाएं न्यायालय ने खारिज कर दी। इसी तरह सूरजपौर स्कूल की जमीन को अपनी बताने वाले एक व्यक्ति की याचिका भी न्यायालय ने खारिज कर दी। तीनों प्रकरणों में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक सुरेश वर्मा ने पैरवी की।
मामला – 1 : पहले मूल दावा खारिज हुआ था, अब अपील भी निरस्त हो गई
जिला लोक अभियोजक सुरेश वर्मा ने बताया महलवाड़ा स्थित सूरजपौर में लगने वाले सरकारी स्कूल के खुले भाग को अपना भूखंड बताने वाले निर्मल कुमार जैन नामक व्यक्ति द्वारा ने प्रधान जिला न्यायाधीश उमेश कुमार पांडव के न्यायालय में एक अपील दायर की थी। इसमें उक्त भूमि को अपने स्वामित्व की बताया गया था। इसे न्यायाधीश पांडव ने निरस्त कर दिया है। इससे पहले उसके मूल दावे को 28 जुलाई 2023 को पारित एक आदेश में प्रथम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड रतलाम मुग्धा कुमार ने निरस्त कर दिया था।
मामला – 2 : मुख्य आरोपी फरार, अनुसंधान भी अधूरा, इसलिए नहीं मिली राहत
जिला लोक अभियोजक वर्मा के अनुसार प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोपी कृष्णकांत पिता केवलराम सोनी, पंकज पिता बाबूलाल सोनी एवं आशीष पिता चेतनराम सोनी की ओर से जमानत याचिकाएं प्रस्तुत की गईं थी। इस पर अभियोजन की ओर आपत्ति ली गई जिसके बाद न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी। तीनों माणक चौक थाना क्षेत्र के सराफा व्यापारियों के करोड़ों रुपए के आभूषण लेकर भागे भाविक ज्वैलर्स के संचालक जीवन सोनी के सहयोगी है। इनके विरुद्ध माणचौक थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया था जो कि वर्तमान में जेल में निरुद्ध हैं। वर्मा के अनुसार जमानत याचिका खारिज करने की वजह अनुसंधान का अपूर्ण होना और मुख्य आरोपी जीवन सोनी का फरार होना है।
मामला – 3 : सिविल सर्जन के साथ मारपीट करने वाले को नहीं मिली जमानत
जिला लोक अभियोजक ने बताया कि स्टेशन रोड पुलिस द्वारा सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम. एस. सागर के साथ मारपीट के आरोप में पुलिस द्वारा आरोपी जितेंद्र उर्फ जीतू को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी की ओर से प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आदित्य रावत के न्यायालय में जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी। इस पर अभियोजन की ओर से आपत्ति ली गई थी। इससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी गत 23 नवंबर 2024 से जेल निरुद्ध है।