महर्षि अरविंद के दर्शनशास्त्र का पूरे विश्व पर रहा प्रभाव, उनके ग्रंथों में भारत दर्शन है – विभाष उपाध्याय
महर्षि अरविंद की 150वीं जयंती पर प्रदेश भर में महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके तहत मप्र जन अभियान परिषद ने जिला स्तरीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया। इसमें वक्ताओं ने महर्षि अरविंद के साहित्य और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।

"महर्षि अरविंद का जीवन अध्यात्म व राष्ट्रीयता" विषय पर जिला स्तरीय व्याख्यानमाला कार्यक्रम आयोजित
एसीएन टाइम्स @ रतलाम । अरविन्द घोष एक महान योगी और दार्शनिक के अलावा लेखक, चिंतक तथा विचारक भी थे। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का मार्गदर्शन करते रहे। उनके दर्शनशास्त्र का पूरे विश्व पर प्रभाव रहा है। उन्होंने वेद, उपनिषद आदि ग्रंथों पर टीका के साथ ही योग साधना पर मौलिक ग्रंथ लिखे। भारत की रक्षा विश्व की रक्षा होगी, हम सौभाग्यशाली हैं जो भारत का परिवर्तन, उत्थान देख रहे हैं।
यह बात जन अभियान परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय ने कही। महर्षि अरविन्द के 150वें जन्म वर्ष (सार्धशती) पर "महर्षि अरविंद का जीवन अध्यात्म व राष्ट्रीयता" विषय पर आयोजित जिला स्तरीय व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम डॉ. कैलाशनाथ काटजू विधि महाविद्यालय आनंद कॉलोनी रतलाम में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान अध्यक्ष एवं योग आयोग उपाध्यक्ष भरत बैरागी रहे। अध्यक्षता महापौर प्रहलाद पटेल ने की। विशिष्ट अतिथि समाजसेवी मनोहर पोरवाल, युवा प्रकोष्ठ गायत्री परिवार प्रदेश समन्वयक विवेक चौधरी, एमआईडीएच कमेटी भारत सरकार के सदस्य अशोक पाटीदार, प्रदेश किसान मोर्चा के हरिराम शाह, भारतीय जनता पार्टी जिला उपाध्यक्ष सुनील सारस्वत तथा मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक शिवप्रसाद मालवीय, जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय थे।
अरविंद के शिक्षा दर्शन को शिक्षा में अपनाना चाहिए- बैरागी
दौरान महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान अध्यक्ष एवं योग आयोग उपाध्यक्ष बैरागी ने कहा कि अरविन्द का शिक्षा-दर्शन लक्ष्य की दृष्टि से आदर्शवादी, उपागम की दृष्टि से यथार्थवादी, क्रिया की दृष्टि से प्रयोजनवादी तथा महत्त्वाकांक्षा की दृष्टि से मानवतावादी है। हमें इस दृष्टिकोण को शिक्षा में अपनाना चाहिए।
भारत माता एवं उज्ज्वल भारत की संकल्पना बसी थी मन में- पटेल
महापौर पटेल ने बताया कि महर्षि अरविन्द क्रांतिकारी होने के साथ-साथ प्रखर राष्ट्रवादी पत्रकार, लेखक, कवि व योगी भी थे। उनके देश के प्रति समर्पण ने अनेक युवाओं को प्रेरित किया। भारत माता एवं उज्जवल भारत की संकल्पना उनके मन में बसी थी।
समाजसेवी मनोहर पोरवाल, युवा प्रकोष्ठ गायत्री परिवार प्रदेश समन्वयक विवेक चौधरी, एमआईडीएच कमेटी भारत सरकार के सदस्य अशोक पाटीदार तथा मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक शिवप्रसाद मालवीय ने भी विचार व्यक्त किए।
पौधारोपण किया, मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाना सीखा
सर्व प्रथम महर्षि अरविंद द्वारा रचित दुर्गा स्त्रोत व जीवनी का पाठन अरविंद सोसायटी की ऋतम उपाध्याय के किया। वंदेमातरम का गायन संजय चौहान ने किया। महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया। प्रतिभागियों को मिट्टी की गणेश प्रतिमा निर्माण का प्रशिक्षण सेवा भारती के योगेश जाट के ने दिया। स्वागत भाषण जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय ने किया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में अरविंद जीवन पर आधारित पुस्तक भेंट व पौधे भेंट किए गए। संचालन लोकेश शर्मा भूतेड़ा ने किया। आभार विकासखण्ड समन्वयक शैलेन्द्र सिंह सोंलकी ने व्यक्त किया।
ये रहे उपस्थित
आयोजन में पार्षद, वरिष्ठ नागरिक, अरविंद सोसायटी के सदस्य सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी, निज सहायक उपाध्यक्ष जय दीक्षित उज्जैन, म.प्र. जन अभियान परिषद के विकासखण्ड समन्वयक निर्मल अमलियार, रतनलाल चरपोटा, युवराज सिंह पंवार, परामर्शदाता, सीएमसीएलडीपी छात्र, प्रस्फुटन नवांकुर समिति पदाधिकारी, समाजसेवी आदि उपस्थित रहे।
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